सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 9) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“ओह…बहुत देर तक सोया रहा क्या!! टाइम का तो पता ही नहीं चला!! सॉरी…सॉरी!”- सुमित ने घिघियाते हुए कहा। फिर उसकी नज़र शौमित के कपड़ों पर पड़ी। वह मैरून कलर का पंजाबी कुर्ता और क्रीम कलर के पायजामे में खड़ा बहुत प्यारा लग रहा था। सौमित ने फिर बताया कि नमिता ने उसे सोनाझुरी हाट … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 8) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

विडियो कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद सुमित अपने बेटे के साथ गहरी नींद में सोया था। नींद टूटी तब रात के नौ बजे थे। फिर दोनों अपने कमरे से बाहर आए और रेस्टुरेंट की तरफ बढ़ गए जहाँ नमिता अपनी सभी सहेलियों के साथ पहले से ही मौजूद थी। इशारे से नमिता ने शौमित को … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 7) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…परिधि का स्वभाव और उसका बात-व्यवहार देख नमिता ने उसके तलाक के कारण का अंदाजा लगा लिया था। लेकिन उसे बुरा लग रहा था तो केवल शौमित के लिए। माँ-बाप के बीच वह मासूम बेवजह घून की तरह पीस चुका था। हालांकि सुमित के पास कोई चारा न बचा था और तिल-तिल करके मरने के … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 6) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“अरे नहीं-नहीं नमिता जी!! ये आप कैसी बातें कर रही हैं! मैं ऐसा-वैसा कुछ भी नहीं सोच रहा! बल्कि आपकी वजह से शौमित के चेहरे पर जो खुशी मैंने आज देखी है, मैं तो उसके बारे में सोच रहा था। मैं कैसे आपका शुक्रिया अदा करूँ, ये मैं नहीं जानता!”- सुमित ने भावुक होकर कहा। … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 5) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

दोपहर के एक बजे। सुमित अपने कमरे में कपड़े बदल रहा था जब किसी ने दरवाजा खटखटाया। यह शौमित था, जो अभी-अभी सोनाझुरी पहुंचा था। अपने पापा से मिलकर उसके चेहरे पर मुस्कान बिखर आयी। तभी नमिता कमरे में दाखिल हुई। “बेटा, ये नमिता आंटी है। इन्ही की ज़िद्द के कारण तुम यहाँ आ सके!”- … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 4) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

कमरे में लेटा सुमित काफी देर तक अपने बेटे के लड़कपन की यादों में गुम रहा। नमिता की तरफ आज उसे एक अजीब-सा खींचाव महसूस हो रहा था। नमिता की बातें, उसका स्पर्श, उसकी मौजुदगी और सबसे बढ़कर शौमित के प्रति उसका अपनापन- ये सारी बातें उसके हृदय में घर कर चुकी थी। काफी देर … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग3) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

अपनी नज़रें झुंका और अंगुठे की नाखुन को कुरेद खुद को सहज दिखाने का असफल प्रयास करते हुए सुमित बोला- मेरा एक दस साल का बेटा है और मेरी शादी को ग्यारह वर्ष होने को आये। पर…..!! “पर….क्या सुमित जी? आप बोलते-बोलते रुक क्यूं गए! आपका खिला चेहरा अचानक से यूं मुर्झा क्यूं गया? मुझे … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग2) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

.काफी देर तक दोनों साथ बैठे रबींद्रसंगीत का आनंद उठाते रहे। फिर थोडी देर इधर-उधर चहलकदमी कर सुमित के साथ नमिता अपनी सहेलियों के बीच आ गई और सभी बातचीत में व्यस्त हो गये। नमिता की सहेलियों ने सुमित को सोनाझुरी का अपना पूरा प्लान बताया और अपने साथ घूमने के लिए आमंत्रित किया। बडी … Read more

सोनाझुरी और कबीगुरु (भाग 1) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

“यात्रीगण कृपया ध्यान दे! कोलकाता से आने वाली कबीगुरु एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म संख्या एक पर आ रही है।” उद्घोषणा के साथ प्लेटफॉर्म के किनारे खड़े लोग दूर हटते दिखे और चंद मिनटों बाद पटरियों पर कम्पन के साथ ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आकर खड़ी हुई। अभी दोपहर के एक बजे थे और यह शांतिनिकेतन के … Read more

हमनशीं (भाग 9) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

…. रफीक़ के अगले कुछ दिन सुहाना की यादों के सहारे ही गुजरे। कितना भी खुद को समझाने की कोशिश करे, पर मन तो मानने को तैयार ही न था। बुझे मन से ऑफिस जाना और वापस आकर अपने कमरे में बंद हो जाना। खाना भी अब वह अपने कमरे में ही मँगा लिया करता। … Read more

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