बहू भी परिवार का हिस्सा है – अर्चना कोहली “अर्चि”

“साढ़े सात बज गए हैं, अभी तक आपकी लाडली बहू का पता नहीं। रोज़ तो छह, साढ़े छह बजे तक आ जाती है”। राधिका ने बड़बड़ाते हुए अपने पति शेखर से कहा। “अरे भाग्यवान। आ जाएगी। आज सुबह भावना ने कहा तो था, आज आने में देरी हो जाएगी। तुम तो जरा-जरा सी बात पर … Read more

ये कैसा न्याय है? – प्रियंका त्रिपाठी ‘पांडेय’

निर्मला पेट से है यह खुशखबरी पाते ही निरंजन खुशी से झूम उठा परंतु निर्मला की सास को जरा भी खुशी नही हुई, उल्टा मुंह फुला कर बैठ गई। निरंजन ने पूछा माॅ॑ मै बाप बनने बाला हूं और तुम दादी क्या यह जानकर तुमको खुशी नही हुई? “खुशी होती बेटा यदि पता चल जाता … Read more

हम साथ साथ हैं – कमलेश राणा

कमलेश राणा अनु… देखो… कब से फोन बज रहा है तुम्हारा।  हाँ, अभी आई।  अरे वैशाली, आज बड़े दिन बाद याद आई।  याद तो बहुत आती है दीदी आप सबकी, बस फोन ही नहीं कर पाई।  रवि के ऑफिस जाने के बाद बिल्कुल अकेली रह जाती हूँ , कभी ऐसे रही ही नहीं। आपको तो … Read more

लालिमा बिखेरता सूरज – डा.मधु आंधीवाल

आज इस सयुंक्त परिवार में जैसे हंसी को लकवा लग गया हो जहां पूरे समय हंसी के ठहाके बाहर तक सुनाई देते हो वहां ये सन्नाटा अजीब लग रहा था । लाला जी  अपनी पत्नी ,पांच बेटों ,चार बहुयें व नाती पोतों के साथ रहते थे । बहुत बड़ा व्यापार था । पांचवा बेटा राहुल … Read more

बहु नहीं बेटी – गीता वाधवानी 

पिताजी की तेरहवीं वाले दिन उनके दोनों बेटे नीरज और धीरज बात कर रहे थे कि मां अब गांव में अकेली कैसे रहेगी?      दोनों बहुएं चुपचाप बातें सुन रही थी। तब मां ने कहा-“मेरे बच्चो, तुम परेशान मत हो। मैं अकेली रह लूंगी। मैं अपनी देखभाल भली-भांति कर सकती हूं।”        दोनों बेटों ने बहुत समझाया … Read more

जिम्मेदारी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विभा.. आज तुम्हारी दोस्त मीनू अपने पति के साथ बाजार में मिल गई थी.. सोमेश घर में प्रवेश करता हुआ बैग रख अपनी पत्नी से कहता है। ये तो अच्छी बात है… विभा कहती है। कल उसे और उसके परिवार को मैंने लंच के लिए निमंत्रण दिया है.. सोमेश बताता … Read more

सफ़र – कंचन श्रीवास्तव आरज़ू

कविता क्या कर रही हो कहते हुए सुलेखा ने कमरे में कदम रखा।और जैसे ही उन्होंने कदम रखा वो छुटकर पैर छूते हुए कुर्सी पर बैठने का इशारा किया।वो बैठी ही थी कि राम आ गया तो इसने शिकंजी का गिलास पकड़ाते हुए कहां ये लीजिए। पर उसका मुंह देखने लायक था। जिसे देख वो … Read more

अंतिम फ़ैसला- के कामेश्वरी

रामकिशन सुबह की सैर करके आए थे । उनको आते देखते ही सुलोचना चाय बनाने चली गई । जैसे ही रामकिशन फ़्रेश होकर आए दोनों बैठकर चाय पीने लगे ।उसी समय बाहर गेट के खुलने की आवाज़ हुई ।सुलोचना उठती है और झाँक कर देखती है । यशोदा गेट खोलकर अंदर आ रही थी । … Read more

ससुर नहीं पिता हूं तुम्हारा!! – प्रियंका मुदगिल

हौसला ना हार कर सामना जहान का….. सुरेश जी ने गुनगुनाते हुए रीमा को चाय का कप पकड़ाया ” यह लो…रीमा बेटा! चाय पी लो और यह सिर्फ मैं गाना नहीं गुनगुना रहा था…. बल्कि तुम्हारे लिए कह रहा था…” “लेकिन पापा मैं कैसे सब का सामना करूं ..?आते -जाते सब लोग मुझ पर ताना … Read more

“बदलाव की लहर”  – कविता भड़ाना

दोपहर के समय मोहल्ले की सारी महिलाएं गप्पे मारती हुई ठेले वाले को घेर कर सब्जियों की खरीददारी में व्यस्त थीं की तभी सुभद्रा जी के घर का मुख्य द्वार खुला और देखा उनकी छोटी बहु गाड़ी बाहर निकाल रही हैं साथ ही सुभद्रा जी और उनकी बड़ी बहु भी गाड़ी मैं बैठ उड़नछू हों … Read more

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