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स्वाभिमान की सही परिभाषा – गुरविंदर टूटेजा 

सुनिता पापा से बात हुई क्या तुम्हारी…??

हाँ अजय वो मान नहीं रहें थे आने के लिए मैंने उन्हें समझाया कि आप व मम्मी आ जाओ फिर बैठकर बात कर लेंगे…!!!!

  चलो अच्छा हैं आने दो मैं भी उन्हें समझाऊंगा…!!

सुनीता बेचारी पति व माँ-बाप के बीच फँसी थी भाई-भाभी बाहर रहतें थे वहाँ वो जाना नहीं चाहतें थे तो अब इस उम्र में अकेले तो रह नहीं सकतें हैं  पहले भी पापा को समझाया तो मान ही नहीं रहें थे एक लड़का रखा हैं अब उसको साथ ला रहें हैं आने को तो माने हैं पर दोनो का स्वाभिमान आड़े आ रहा हैं….!!!!

पापा का कहना हैं कि यहाँ रहेंगे तो पूरा खर्चा देंगे…पति का मानना हैं कि वो मेरे भी माँ-बाप हैं मैं एक पैसा नहीं  देने दूँगा…आयेंगे तो पता नहीं क्या होगा…??

सुनीता ने जल्दी ही खाने की तैयारी करवा ली थी और सब बना लिया बस उसने सोचा रोटी गरम बना लूँगी…इतने में घंटी बजी तो अजय पहलेे भागकर गये दरवाजा खोलनें..अजय की पापा से बहुत पटती थी बच्चें भी बहुत खुश थें…सबसे मिलकर बैंठे तो खाने का समय था तो मैंने कहा खाना लगा देती हूँ…!!!!

पापा ने कहा..रूक जा पहले बात करने दे फिर कुछ और सोचेंगे…!!

अजय ने कहा पापा पहले खाना खा लेंते हैं फिर बातें तो होती रहेंगी..!!

नहीं अजय बेटा…देखो पहले मैं पूरा महीने का खर्चा दूँगा फिर खाना खाऊँगा…!!!!




पर पापा आप एक बात बताइए कि आप मुझे अपना बेटा नहीं मानतें क्या तो मैं आपसे कैसे कुछ ले सकता हूँ..!!!!

अजय बेटा तुम मेरे लिए मेरे बेटे से भी बढ़कर हो पर मैं अपने  स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकता मेरी बात को समझों…!!!!

सुनीता बीच में बोली कि…अजय आप अपनी जगह बिल्कुल सही हैं कि जब आपको कोई कमी नहीं है तो आप क्यूँ   लेंगे पापा से कुछ भी पर मुझे लगता हैं कि अभी पापा सही हैं वो तभी हमारे साथ हक से रहेगें जब हम उनसे खर्चा लेते रहें…मेरे हिसाब से भी यही सही रहेगा और उनका स्वाभिमान भी बना रहेगा…!!!!

अजय ने कहा कि अब तो तुम भी अपने पापा की तरफ हो गई तो मैं क्या बोल सकता हूँ..ठीक है पापा जो आप कहेंगे वैसा ही होगा अब खाना खायें भूख लग रही हैं…!!!!

सब खुशी-खुशी डाइनिंग की तरफ बढ़ गये टेबल पर खाना लग गया था खाना खातें हुए बच्चें बोले..वैसे नानाजी आप भी कहाँ पापा से बहस कर रहें थे हमको बोलना था ना हम आपसे रूपये ले लेतें व ऐश भी कर लेतें..सुनीता ने दोनों को गुस्से से आँख दिखाई तो बोलें हम तो मजाक कर रहें थें…सभी ठहाका लगाकर हँस दिये…!!!!

#स्वाभिमान

गुरविंदर टूटेजा 

उज्जैन (म.प्र.)

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