…”लेकिन एक बात समझ में नहीं आई… सूज़ी उतनी ऊपर क्या करने गई थी…!” इंस्पेक्टर रेवती ने अपनी पॉकेट से रुमाल निकाल कर श्रीमती डिसूजा को देते हुए पूछा…
श्रीमती डिसूजा ने सुबकते हुए.… रुमाल लेकर आंखों की कोरों पर एक बार फिर फेरते हुए धीमे से कहा…” मैडम ठंड बहुत थी… इसलिए हम छत पर धूप सेंकने गए थे…!”
” ओह… ठीक है… मुझे तो कोई खास कारण नहीं नजर आ रहा है केस बढ़ाने का…!”
मिसेज डिसूजा की आंखें लाल हो गई… वह लगभग चिखते हुए बोलीं…” क्या…… क्या बकवास है… मेरी सूज़ी को मारा गया है… सब जलते थे उससे… पूरी बिल्डिंग में वह किसी को पसंद नहीं थी… छत पर मेरी आंख लग गई थी… उसका फायदा उठाकर किसी ने यह जलील हरकत की है… आपको पता लगाना ही पड़ेगा… नहीं तो मुझे आपके सीनियर से बात करनी पड़ेगी…!”
” ठीक है… ठीक है… मैं आपकी बात समझती हूं… और कुछ बताइए सूज़ी के बारे में…!”
” सूज़ी के सिवा मेरा दुनिया में कोई नहीं था… वह और मैं पिछले 4 महीने से इस बिल्डिंग में रह रहे थे… जब से मैं यहां उसके साथ आई थी… हर किसी को उससे परेशानी थी… एक तो नवीं फ्लोर पर मेरा घर था… लिफ्ट में कोई ना कोई मिल ही जाता… हर कोई मुझे मेरी सूजी के कारण नजर अंदाज करता था…
लेकिन कोई बात नहीं… मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता… अगले हफ्ते शादी थी उसकी….ऐसे में पता नहीं किसी को……!” बोलते हुए मिसेज डिसूजा एक बार फिर रो पड़ीं…
इंस्पेक्टर रेवती ने दाएं बाएं देखते हुए कहा…” अच्छा यह तो इस इलाके की सबसे ऊंची बिल्डिंग लगती है… छत से सटी हुई दूसरी छत तो काफी नीची है… दोनों के बीच में फासला भी ज्यादा नहीं है… लगता है दूसरे छत पर कूदने की कोशिश में कुतिया नीचे गिर गई…!”
इस कहानी को भी पढ़ें:
पड़ोसियों और परिवार में यही तो अंतर होता है बेटा – गीता यादवेन्दु : Moral Stories in Hindi
मिसेज डिसूजा क्रोध से तिलमिला उठीं…” मरे हुए का तो सम्मान करो इंस्पेक्टर…!”
” ओके सॉरी……!” रेवती ने उन्हें शांत करते हुए कहा… “आपको नहीं लगता… कि वह दूसरे छत पर कूदने की कोशिश में नीचे गिर गई… और मर गई…!”
” लेकिन वह क्यों जाएगी… दूसरी बिल्डिंग पर…!”
” बड़ी देर से किसी कुत्ते के भौंकने की आवाज आ रही है… आपके ही बिल्डिंग में है क्या…!”
” नहीं पास वाली से… उसी से तो सूज़ी का ब्याह करवाना था… कितने अरमान थे मेरे… सैम… बेचारा… वह भी लगता है जान गया… उसकी सूज़ी नहीं रही… !’
“कहीं सैम के छत पर जाने के लिए तो सूज़ी नहीं लपकी… जो मारी गई…
पता करो वह कुत्ता कहां था एक घंटे पहले…!”
हवलदार तेजी से नीचे की तरफ लपका…
” नहीं इंस्पेक्टर… मेरी सूज़ी मुझे अकेला छोड़कर कहीं नहीं जा सकती थी… मैंने कहा ना…!”
” ठीक है… देख लेते हैं.…!”
लगभग 10 मिनट में हवलदार एक कुत्ते और उसके मालिक को पकड़ कर हाजिर हुआ…” जी मैडम आपका शक सही था… यह कुत्ता उस वक्त अपनी छत पर ही बंधा हुआ था… इसी को देखकर लगता है… इसके पास पहुंचने के लिए… कुत्.…. सूज़ी ने वहां से छलांग लगाई है… लेकिन बीच में ही गिर पड़ी.…!”
इस कहानी को भी पढ़ें:
” ओके… चलो ठीक है… मिसेज डिसूजा अब तो आपको पता चल गया ना…!”
” नहीं… ऐसा नहीं हो सकता… एक कुत्ते के लिए तूने मुझे छोड़ दिया… सूज़ी नहीं… तूने मेरा प्यार कैसे भुला दिया…!”
सैम अभी भी बेतरह भूक रहा था…… उन्हें जाने को बोलकर… इंस्पेक्टर रेवती ने भी अपना रुमाल वापस अपनी जेब में डाला… और एक और केस सॉल्व कर चुपचाप निकल गई…
, रश्मि झा मिश्रा