सन्तुष्ट- मोनिका रघुवंशी : Moral Stories in Hindi

प्रतीक मैं नौकरी करना चाहती हूं… थाली में गर्म रोटियां रखती हुई नेहा बोली। नौकरी ऐसे अचानक, पर क्यों मैंने या मम्मी ने कभी किसी चीज के लिए रोका है तुम्हे। वो बात नही है प्रतीक, मैं अब घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी एक पहचान बनाना चाहती हूं सुमि भी अब तीन साल … Read more

चौकीदार सीताराम- मंजू ओमर : Moral Stories in Hindi

भाई साहब , भाई साहब बड़े भाई साहब हमारो गला कांट रहे हैं और फिर सीताराम ने भाई साहब के पांव पकड़ लिए ।                     नरेश और सुरेश दो भाई साथ में ही बिजनेस करते थे।उनकी एक फैक्ट्री थी । जिसमें सीताराम चौकीदार का काम करता था और काम धंधे से मतलब का जरूरी सामान भी … Read more

नेकराम की मोटरसाइकिल- नेकराम : Moral Stories in Hindi

दिल्ली के एक कारखाने में काम करते हुए मुझे तीन बर्ष हो चुके थे अम्मा को महीने की सैलरी देने के बाद जो ओवर टाइम लगाता था उन रूपयों को मैं कारखाने के मालिक जगत शर्मा के पास जमा के तौर पर उन्हें दे देता था एक दिन जगत शर्मा जी ने पूछ लिया नेकराम … Read more

आज मां देर तक सो रही है -पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

सीन 1– दादी आज गांव से आई हैं। ओफ्फो  दादी मां कितनी चीजें लेकर आई हैं आप क्या करुं बेटा.. तुम्हारे दादा जी के चले जाने के बाद सारी खेती मजदूरों के सहारे चल रही हैं, कितना कुछ होता है खेत में, आते समय लगता है कितना ले चलूं बच्चों के लिए, यहां तुम्हारे पापा … Read more

मदद नही जिम्मेदारी -संगीता अग्रवाल । : Moral Stories in Hindi

 नमन यार उठो ना जल्दी देखो कितनी देर हो गई तुम जरा ये बेड ठीक कर दो मैं इतने कमला को रसोई मे बर्तन खाली करके दे दूँ !” रितिका पति को उठाते हुए बोली। ” क्या यार तुम भी थोड़ा सा सोने नही देती !” नमन झुंझला कर उठता हुआ बोला। ” नमन तुम्हे … Read more

अनमोल रिश्ते -पूनम भटनागर । : Moral Stories in Hindi

सिया तुम सुबह से इस काम में लगी हो , इस सब को छोड़ कर पहले कुछ खा लो तुमने सुबह से कुछ नहीं खाया , कहते हुए रमेश ने सिया के हाथ से ब्रश ले लिया। अरे यह क्या कर रहे हैं , चाचा जी थोड़ी ही तो यह चादर रह गई है, पूरी … Read more

हमारे यहां औरत जात की ना चलती- रेनू दत्त : Moral Stories in Hindi

सुबह के सात बजे थे। ट॔ग ट॔ग …बाबूजी के कमरे से दो बार घ॔टी की आवाज आई। सहायिका मीना उधर जाते जाते ठिठक कर बोली ” दीदी साब आपको बुला रे हैं। ,” आज बेटी मिनी का दूसरी कक्षा का रिजल्ट है ,आफिस से पहले उसके स्कूल भी जाना है। तेजी से हाथ में घडी … Read more

हमसफर- वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

ठाकुर महेंद्र प्रताप शहर की जानी मानी हस्ती. आयरन ओर का व्यापार से खूब पैसा कमाया बड़बिल (उड़ीसा का एक शहर) में! उसी पैसे से कई तरह के बिजनेस किया. बेटा ठाकुर आशुतोष प्रताप चांदी का चम्मच ले कर पैदा हुआ. आलीशान बंगला! दो जर्मन शेफर्ड उनकी देखभाल के लिए एक नौकर. एक तरफ फलदार … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 5) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

आरुणि रोहित को भावनाओं में गुम हुआ देख़ टेबल थपथपाते हुए “नोक नोक” बोल रोहित को ख्यालों की दुनिया से बाहर लाती है, “रोहित कहाँ खो गए थे, मैंने कुछ पूछा है तुमसे”… आरुणि ने चिंता और परेशानी के भाव से उससे पूछा। वह रोहित की परेशानी जानने के लिए उत्सुक थी, जबकि रोहित की … Read more

जीवन का सवेरा (भाग – 4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जब तक चाय आती है, अपने बारे में बताओ रोहित। दोस्त के बारे में कुछ तो मालूम होना ही चाहिए।” रोहित के फिर से बैठते ही आरुणि कहती है। “करेक्ट.. फिर हम सब भी चाय के साथ अपना अपना परिचय देंगी।” तृप्ति आरुणि के कथन पर स्वीकृति की मुहर लगाती हुई कहती है। रोहित सबको … Read more

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