साहिल बेटा ,हमें तब क्यूँ नहीं बताया – मीनाक्षी सिंह 

साहिल -पापा मुझे माफ कर दो ,,मुझे बचा लो नहीं तो आपका बेटा अब ज़िंदा नहीं बचेगा ! 

दिनेश जी – अरे,ऐसा  क्या हुआ बेटा ! मेरा मन बहुत  घबरा रहा है ,,बता तो सही ,,तू ठीक तो हैँ ! 

साहिल दिनेश जी और कांता जी का एकलौता बेटा था ! पढ़ने में बचपन से ही बहुत कुषाग्र बुद्धि था ! कोंवेंट स्कूल में पढ़ा ,,हमेशा क्लास में अव्वल आता था ! और देखने में भी बहुत ही सुन्दर ,लम्बी कद काठी ,गोरा वर्ण ,सलोने नैंन नक्श ,पतला शरीर कुल मिलाकर कोई भी आकर्षित हो जायें ! दिनेश जी बैंक में अधिकारी थे ! साहिल को पढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी उन्होने ! जैसे ही साहिल ने बारहवीं 95% नम्बरों के  साथ पास किया तो साहिल और दिनेश जी,कांता जी की खुशियों का  ठिकाना नहीं रहा !! पैसों की कोई कमी नहीं थी इसलिये साहिल के कहने पर उसे आईआईटी और अन्य प्रतियोगी परीक्षायों की तैयारी करने के लिए दिल्ली भेज दिया ! साहिल ने अपने बाकी दोस्तों की तरह पी .जी में रहना अपनी शान के खिलाफ समझा  क्यूंकी वो ठहरा अमीर घराने से ! उसने लिया फ्लैट  ! एसी लगवाई  ! कपड़े धोने वाली अलग आती ,खाना बनाने वाली अलग और सफाई करने वाली अलग ! कुल मिलाकर काफी ऐशो आराम  से रह रहा था साहिल ! अपने दोस्तों को कोचिंग में लड़ते हुए देखता ! वो आपस में कहते ,आज खाना तू बनायेगा ,मैने कल बनाया था ,और बरतन   रवि धोयेगा ! आपस में इन्ही बातों को लेकर उनका झगड़ा होता रहता ! साहिल उनका मजाक बनाता ,,तुम लोगों पर बहुत तरस आता हैँ मुझे ,,पूरा दिन इन्ही कामों में लगे रहते हो तो पढ़ाई कब करोगे ,,तुम्हारी भी क्या गलती ,,गरीब बाप की औलाद जो ठहरे !

मुझे देखों ,,मैं कोई काम नहीं करता ,,बस घर ज़ाकर पढ़ता हूँ ! और आराम  करता हूँ ! देखना पहले ही चांस में एक्जाम क्रैक ना किया तो मेरा नाम भी साहिल नहीं ! उसके दोस्त बस इतना कह पाते – तेरी  जैसी किस्मत हमारी कहाँ !! 

शुरुआत् में कुछ महीने तो साहिल खूब मन लगाकर पढ़ा ! उसके  फ्लैट के सामने स्वीटी नाम की एक लड़की किराये पर रहती थी ! किसी कंपनी में छोटी मोटी नौकरी करती थी ! वो जब भी साहिल को बाईक से आता जाता देखती तो मुस्कुरा देती ! कुछ दिन तो साहिल ने ध्यान नहीं दिया ! पर एक दिन स्वीटी बन ठनकर उसके  

फ्लैट पर ही आ धमकी ! साहिल दरवाजा खोलते ही हक्का बक्का रह गया ! और बोला – आप कौन और यहाँ कैसे ?? 

स्वीटी – तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जानेमन,,जैसे मुझे कभी देखा ही ना हो ,,रोज तो मुझे अपनी इन नशीली आँखों से घूर घूरकर देखते हो ! और अब ऐसे अंजान बन रहे हो जैसे मुझे जानते ही नहीं ! 




साहिल – क्या कहा आपने, मैं  कुछ समझा नहीं ! और आपको यहाँ आने किसने दिया ! गार्ड  ने रोका नहीं गेट पर आपको !! 

स्वीटी – यहाँ कोई मुझे रोक सकता हैँ भला ,,खैर ये सब छोड़ों ,,ये बताओ कोफी पीने चल रहे हो ! मुझे तुम बहुत अच्छे लगते हो ,,तुम्हारे साथ समय बिताना चाहती हूँ ! 

साहिल के लिए यह सब बिल्कुल नया था पर वो भी युवावस्था में प्रवेश कर चुका था ! वह भी धीरे धीरे   स्वीटी के प्रति आकर्षित होने लगा था ! अब स्वीटी और साहिल रोज एक दूसरे से मिलने लगे ! साहिल तो दिल  से स्वीटी को चाहने लगा था ,,पर स्वीटी के लिए साहिल एक अमीर बकरा था ,,जिसके पैसों पर वो ऐश करना चाहती थी ! स्वीटी साहिल को पब ,डिस्को ,होटेल  सब जगह ले जाने लगी थी ,,और यह सब साहिल को भी बहुत अच्छा लगने लगा था ! साहिल अब कोचिंग भी नहीं जाता था ,उसका पढ़ाई से भी मन बिल्कुल हट चुका था ! वो अपने माँ बाप से पैसे मांगता रहता और स्वीटी पर खर्च करता रहता ! एक दिन स्वीटी को साहिल से भी अमीर लड़का मिल गया ! अब उसने साहिल से बात करना बंद कर दिया ! साहिल रोज स्वीटी को फ़ोन करता ,वो फ़ोन नहीं उठाती ! साहिल पागल सा होता जा रहा था ,,उसने खाना पीना सब छोड़ दिया ! उसके पास के कमरे मे जो  लड़का रहता था ,,वो साहिल के बारे में सब जानता था ! वो साहिल को शराबखाने ले जाने लगा ,,साहिल अब नशे का आदी हो चुका था ! वो ड्रग्स का भी सेवन करने लगा ! धीरे धीरे उस लड़के ने साहिल को वेश्यावृत्ति की तरफ भी ठकेल दिया ! अब साहिल की दूसरी ही दुनिया हो गयी थी ! रोज नयी नयी लड़कियों पर पैसा खर्च करता ! उसके कोचिंग के दोस्तों ने जब कई महीनों तक साहिल को कोचिंग आते नहीं देखा तो उन्होने उसकी स्थिति के बारे में ज़ानना चाहा ! वो उसके फलैट वाले घर आये ! साहिल के घर का दरवाजा खुला था ,,पूरे घर से शराब की बदबू आ रही थी ! साहिल अपने बेड पर उल्टा पड़ा था ! वो पूरी तरह नशे में था ! उसकी ऐसी हालात देखकर सब दोस्त फफ़ककर रोने लगे ! उनसे अपने दोस्त की जिसके साथ बचपन से पढ़े हो ,उसकी ऐसी हालात देखी नहीं गयी!!  साहिल के दोस्तों ने साहिल को उठाकर बैठाया ,,उसे नहलाया ! जब साहिल का नशा उतर गया ! तो उसका दोस्त विक्की बोला – तुझे अंकल आंटी ने पढ़ने के लिए भेजा था ना साहिल ! तू तो स्कूल का टॉपर था ! हमें तो पता नहीं था कि तूने आईआईटी का मेंस ही नहीं दिया हैँ तब तुझे देखते  हुए यहाँ पहुँचे हैँ ! तेरी  ऐसी हालत कैसे हो गयी मेरे दोस्त !! विक्की रोने लगा ! 

साहिल – विक्की ,यार तुम लोग यहाँ क्यूँ आये हो ,,मैं बहुत बुरा लड़का हूँ ,,तुम लोगों की दोस्ती के काबिल नहीं ! तुम लोगों का मजाक बनाता था ,,आज खुद ही मजाक बनकर रह गया हूँ ! मैं एक ऐसे दलदल में फंस चुका हूँ ,,ज़िससे निकलना नामुमकिन हैँ ! 




रवि -(साहिल का दूसरा दोस्त ) – तुझे हमें तो बताना चाहिए था ,,इतना भरोसा तो करता अपने दोस्तों का  ! तेरे लिए तो जान हाजिर हैँ यार ! तूने अंकल आंटी को तो बताया होगा  अपनी ऐसी हालत के बारे में ?? 

साहिल – किस मुंह से बताऊँ !! क्या बताऊँ कि उनकी एकलौती औलाद ने उनको कितना बड़ा धोखा दिया हैँ ! उनका सारा पैसा मैने बर्बाद कर दिया ! माँ पापा मुझे कभी माफ नहीं करेंगे ! 

रवि – कैसी बात करता हैँ तू ,,माँ बाप तो वो पेड़ हैँ जो खुद सूख जायेंगे पर अपने बच्चों को दुखी नहीं देखेंगे ! तू अभी फ़ोन लगा उन्हे ,,सब कुछ बता ! तुझे मेरी कसम ! 

साहिल  कांपते हुए हाथों से दिनेश जी को फ़ोन लगाता हैँ – हेलो पापा !! 

दिनेश जी – बेटा साहिल ,,कहाँ था तू इतने दिन से ,,कैसा हैँ तू तेरा फ़ोन ही नहीं लग रहा था ,,तेरी माँ की  तबियत खराब हो गयी थी ,अस्पताल में एडमिट करना पड़ा ! आज तू फ़ोन ना करता तो शाम वाली ट्रैन से मैं और कांता दिल्ली आ रहे थे ! दिनेश जी सारी बात एक ही सांस में बोल गए ! 

साहिल -(सिस्कते हुए ) –  पापा ,,मुझे माफ कर दो मुझे बचा लो ,,नहीं तो आपका बेटा अब ज़िंदा नहीं बचेगा ! 




दिनेश जी – क्या हुआ बेटा ,,हमें बता तो सही ! पेपर में तेरा नंबर नहीं आया हैँ ,,,ये हमें पता हैँ ,,कोई बात नहीं ,,फिर अगली साल मेहनत करना ! 

साहिल – पापा मैं गलत आदतों में फंस गया हूँ ! मेरे पीछे पुलिस पड़ी हैँ ,,मैं  कर्ज में ड़ूब गया हूँ ! मैं मरना चाहता हूँ ! साहिल ने सारी बातें अपने माता पिता को खुलकर बता दी ! आज साहिल अपने आप को बहुत हल्का महसूस कर रहा था ! 

कांता जी – तुझे हम पर भरोसा हैँ ना ,,तू तो मेरा राजा बेटा हैँ ! कोई बात नहीं ,,हम हैँ ना ! तुझे अपनी गलती का एहसास हो गया इतना ही काफी हैँ हमारे लिए ! हम आ रहे शाम को ! तेरी सब समस्या को हल कर देंगे ! 

साहिल बस रोता रहा ! दिनेश और कांता जी भी एक दूसरे को देखकर सिस्कते रहे ! और एक तरफ खुश भी थे अपनी परवरिश पर कि समय रहते उनके बेटे को अपनी गलती का एहसास हो गया ! 

साहिल अपने सभी दोस्तों के कस्के गले लग गया  ! सभी दोस्त अपने पुराने साहिल को पाकर बहुत खुश थे ! 

अगली साल साहिल ने जमकर मेहनत की ! एक्जाम क्रैक किया ! आज साहिल आईआईटी जमशेदपुर में इंजीनीयर हैँ ! 

पाठकों ,,आपको कहानी कैसी लगी ! ज़रूर बताईयेगा ! अच्छी या  बुरी टिप्पणी ज़रूर दिजियेगा !! 

#भरोसा 

स्वरचित 

मौलिक अप्रकाशित 

मीनाक्षी सिंह 

आगरा

 

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