सफलता और व्यवहार – गोविन्द गुप्ता

निधि एक सपने को लेकर फ़िल्म इंडस्ट्री में आई थी कि एक सफल अभिनेत्री बनेंगे और देश भर में उसका नाम होगा ,

माता पिता भाई की का मन नही था कि वह मॉडलिंग के व्यवसाय को अपनाएं पर निधि ने स्वयं निर्णय लिया और मुम्बई आ गई,

कुछ जगह जाकर इंटरव्यू दिये सुंदर तो बहुत ही थी तो एक दो निर्माताओं ने उसे काम दे दिया पर छोटे से रोल में,

निधि ने सोंचा की कम से कम फ्लेट का किराया और खर्च चल जायेगा फिर जब सफल होंगे तो खुद का फ्लैट और कार खरीद लेंगे,

शूटिंग के लिये ऑटो से जाती थी क्योकि उसे पहचान का डर नही था, एक दिनऑटो वाले ने कहा मेम शायद आप यहां नई है सम्भलकर रहना क्योकि यह जो आपको अभी अच्छे लग रहे है वही आपको बहुत बुरे भी लगेंगे ,



निधि ने ऑटो ड्राइवर को डांट दिया और कहा मेरी निजी जिंदगी में मत जाओ अपना किराया लो औऱ निकल लो,

ऑटो ड्राइवर को बुरा नही लगा क्योकि ऐसा तो जब तब होता ही रहता था उसके साथ,

निधि छोटे छोटे रोल करते करते प्रसिद्ध होने लगी तो हर निर्माता चाहता था कि वह उसके साथ ही काम करे पर निधि पैसों की भूंखी थी ,तो बोली लगवाती थी निर्माता के चरित्र को नही देखती थी,

एक दिन उसने फ्लेट और बढ़िया चमचमाती कार भी ले ली,सिक्योरिटी गार्ड भी रख लिये,

एक दिन एक फोन आया मेम मुझे अपनी नई फिल्म बसुंधरा बनानी है जिसमे आपको लीड रोल करना है,

हम आपके अलावा किसी को नही पसन्द करते,

आप जो फीस बोलेंगी देंगे,

निधि ने अगले दिन मीटिंग तय कर दी पर वह मीटिंग उसी निर्माता के फार्म हाउस पर होनी तय हुई,

निधि तय समय पर फार्म हाउस पहुंची तो उन लोगो ने स्वागत किया ,

और अंदर ले गये ड्राइवर व गार्ड को अलग रूम में ठहराया गया ,

निधि के साथ देर रात तक मीटिंग चलती रही तो भोजन की व्यवस्था भी की गई थी,



भोजन के टेबिल पर फ़िल्म की सफलता की बाते करते करते खूब ठहाके लग रहे थे,

उधर गार्ड व ड्राइवर को भी भोजन दिया गया जिसे खाकर वह सो गये,

भोजन के बाद निधि को लगा उसे नींद आ रही है तो वह सोफे पर ही बैठे बैठे सो गई ,

पर सुवह होते ही निधि कमरे में गुलावो से सजे बेड पर थी और एक पर्चा पड़ा था,

निधि जी आपने जो सुख दिया वह जीवन पर्यन्त याद रहेगा आपके पैसे आपके बेड पर ही है मेरी यह फ़िल्म की शूटिंग पूरी रात चली इसलिये अब सिर्फ रिलीज होनी है ,

आपसे उम्मीद है आप अवश्य आएंगी रिलीजिंग पर,

 

बदन पर एक भी कपड़े नही शरीर टूट रहा था निधि ने देखा तो मोवाइल पर 20 कॉल गार्ड  ड्राइवर की पड़ी थी ,

ओह इतना बड़ा धोखा पर विवशता यह कि वह उन लोगो को जानती नही थी ,

मानसिक रूप से परेशान निधि ने खुद को संयत किया और तैयार होकर वाहर निकली देखा तो ड्राइवर इंतजार कर रहा था,

मेम मीटिंग कैसी रही हम लोग सो गये थे तो सुवह ही नीद खुली आपको कॉल किया तो उठी नही,

निधि ने कहा फ़िल्म का समझौता हो गया है चूंकि देर रात हो गई थी तो हमने भी रुकना ही ठीक  समझा,

यह घटना निधि के जीवन मे बदलाव लेकर आई फिल्मों के साथ सुंदरता को भी भुनाना शुरू कर दिया पैसों का अंबार लग गया ,

पर धीरे धीरे शरीर भी समय के कारण ढीला पड़ गया और शराब की लत भी लग गई गलत साथ के कारण,

उसके चरित्र पर उंगली उठने लगी तो निर्माता भी हाँथ खींचने लगे ,

धीरे धीरे फिल्में मिलना बंद हो गई और जो पैसा जोड़ा था उसने से खर्च होने लगा,

एक दिन कोठी और गाड़ी भी बेंचकर किराये के घर मे आ गई पर अब उसमे काम करने की छमता नही बची थी हमेशा नशे में डूबी रहती थी,



एक दिन मकान मालिक ने किराया न देने के कारण घर से निकाल दिया तो सड़क पर जाते हुये ऑटो को हाँथ दिया ,

ऑटो चालक वही निकला जिसने उसे समझाया था उसने पहचान लिया और तुरंत निधि को ऑटो में बिठालकर बोला कहाँ चलेंगी मेम,

निधि बोली मेरा सब लुट गया अब इस दुनियां में मेरा कोई नही है रेलवे स्टेशन पर छोड़ दो हम कुछ मांगकर खा लिया करेंगे,

यह पेट जो भरना है,

ऑटो चालक की आंखों में आंसू आ गये सोंचने लगा काश नई उम्र में लड़कियां अच्छा बुरा सोंचने लगे तो यह दिन न देखने पड़े,

सुंदरता और घमंड उन्हें यहाँ तक ले आता है,

ऑटो चालक निधि को अपने घर ले आया और सुला दिया ,

सुवह जब निधि उठी तो अनजान जगह देखकर चकित हुई तब तक ऑटो ड्राइवर चाय नाश्ता लेकर आ गया ,

बोला मेम नाश्ता कर लो ,

निधि ने कहा तुम तो वही हो जिसे हमने डाँटा था,फिर भी 

मेम हम सब दिन में कई बार यह सहते है हंमे बुरा नही लगा था,

पर आपको शूटिंग के लिये छोड़ते छोड़ते मुझे प्यार हो गया था आपसे क्योकि आप बहुत भोली थी मैंने अभी तक शादी भी नही की क्योकि फुर्सत नही मिली इस ऑटो से,

निधि हंसी बोली क्या करोगे इस अपवित्र आत्मा का जो अब कही की नही रही,

ड्राइवर ने कहा मेम आपकी आत्मा पवित्र है शरीर तो हर सुवह स्नान के साथ साफ हो जाता है,

जिसे लोग पवित्र मानते है,

पर आपने देखा इस शरीर मे दानव के रूप में भी लोग रहते है,

निधि रोने लगी कि की पैसों के कारण यह दिन देखने पड़े 

मुझे जिस खूबसूरती पर घमंड था वह ढल गई लेकिन यह इंसान आज भी उतना ही प्रेम करता है,

इस दुनिया मे सही गलत की पहचान पैसे से करना गलत है,

निधि ने ड्राइवर के प्रस्ताव को स्वीकार कर उससे शादी कर ली और एक साधारण सुखी जीवन व्यतीत करने लगी और ड्राइवर के घर समय से आने का इंतजार ,,,

गोविन्द गुप्ता,

 

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