सबकी खबर रखता हूं!! – लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

श्रीमती जी की दोपहर की नींद के बाद मैं दोनो के लिए मसालेदार चाय बनाने की तैयारी में था ।चाय चढ़ाई ही थी कि …

आप रहने दीजिए ये चाय वाय ।आप भी दिन भर घर में ही घुसे रहते हैं ।शाम का समय होता है बाहर घूमने का चार लोगो से मिलने जुलने का सबकी खोज खबर लेने का आपको पता भी है पड़ोस  में क्या हो रहा है।

मैं चकित हो उठा ।

अरे शामली क्या करना है  लोगों से मिलकर बढ़िया चाय पीकर यहीं लॉन में टहल लेता हूं फिर बेटे से वीडियो कॉल हो जाती है । मनपसंद सीरियल देखते हुए डिनर फिर अपनी किताब का लेखन कार्य फिर सुख चैन की नींद… रिटायर होने के यही तो मजे हैं।

नहीं रोज आपके हाथों की चाय पीने और सीरियल देखने से मैं तंग आ गई हूं आज तो चलिए पड़ोसी कल्पना जी के घर चलते हैं बहुत बढ़िया चाय बनाती है वह और विभोर जी भी दो दिन पहले ही हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर आए हैं…वहीं चाय भी हो जायेगी और उनकी खोज खबर भी।

अरे आइए शामली जी लगता है संदीप भाई ने आज चाय बनाने से मना कर दिया कल्पना के पति विभोर ने देखते ही व्यंग्यात्मक हंसी से कहा तो मैं तो जोर से हंस पड़ा लेकिन श्रीमती जी खिसिया गईं।

नहीं विभोर भाईसाब चाय तो हम पीकर ही आए हैं वो तो आप  की खोज खबर लेने का मन हो गया।

अब क्या बताएं शामली दी आज ही दूध खत्म हो गया जानती हैं हमारे पड़ोसी शांता जी दूध मांगने आ गईं थी बड़ी बुरी आदत है उनकी सावधान रहिए जब देखो तब कुछ ना कुछ मांगने आ जाती हैं और वो जो आपके घर से दो घर छोड़ के पार्थ जी का घर है ना उनके चालचलन के किस्से बड़े मशहूर हो रहे हैं इस बार होली की पार्टी में क्या कुछ नहीं किया उन्होंने ।कल्पना की खोजी खबरें आजतक से ज्यादा तेज थीं..अरे उनकी छोड़ो वो जिनकी पंचमंजिला इमारत है वही क्या अजीब सा नाम है ढोलकी नाथ….

उनके दो बेटे हैं और जानते हैं दोनो शातिर चोर हैं चोर।सब लोग तो कहते हैं अपनी कॉलोनी की चोरियों में भी उन्ही का हाथ हैं।अपनी कॉलोनी तो एकदम बेकार हो गई है किसी से मिलने जुलने लायक ही नहीं है जानती हैं कल सामने वाली बिंदिया जी क्या  कह रहीं थीं कि शामली दी तो संदीप भाई जी के रिटायर होते ही उनसे सारा काम करवाती हैं इसीलिए मेड भी छुड़वा दी वेतन की कमी पूरी कर रहीं हैं ….मैंने तुरंत टोक दिया कि वह मेड चोर थी और कामचोर भी पर वह नहीं मानी…..

अब तो हमारी श्रीमती जी का पारा चढ़ गया सुनो कल्पना बिंदिया का नाम लेकर तुम मुझे मत सुनाओ मेरे पति क्या करते हैं मै उनसे क्या करवाती हूं मेड क्यों हटा दिया सारी खोज खबर तुम लोगों को बिना हमसे मिले ही हो जाती है ये नही पता तुम्हे कि मेड की लड़की की शादी हमी लोगों ने  करवाई थी… लोग तो यह भी कहते हैं तुम्हारे पति की तबियत तुम्हारी ही लापवाही से इतनी खराब हुई थी… छोड़ो तुम्हे बताने से क्या लाभ तुम्हारे पास तो सारी खबरें पहले ही हैं …अच्छा नमस्ते कहती श्रीमती जी ने फटाक से घर की ओर रुख किया और हम उनके पीछे।

घर आते ही हम चाय की चाह लिए किचन में गए तो देखा शामली चाय बनाने वाली है..!

पड़ोसन की खबर का असर..!!

तुम ध्यान मत दो किसी की बात पर अभी तुम्हे मेरी मसालेदार चाय की ज्यादा जरूरत है शामली तुम्हारी कल्पना जी की काल्पनिक चाय से तो यही भली … मैंने चाय का काम संभालते हुए कह दिया…

हां और उसकी खोज खबर से मेरा ये टीवी सीरियल भला..!अपने पति की तबियत की कोई खबर नहीं ना ही हमारी कोई खोज खबर बस सबका बुराई पुराण.. मेरा तो सिर भन्ना रहा है

कहती श्रीमती जी ने तुरंत हमारे हाथ से चाय का कप थाम लिया ।

क्या ऐसी ही खोज खबर लेने हम गए थे वहां!! पड़ोसी की पूरे मोहल्ले की सारी उल्टी खोज खबर रखने में और सबको बताने में लोगो को कितनी दिलचस्पी रहती है पर खुद अपनी खोज खबर लेना भूल जाते हैं शायद..!!

लघुकथा#मुहावरा खोज खबर लेना#

लतिका श्रीवास्तव 

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