रास्ता बहुत सुनसान था!  – मनीषा भरतीया

रास्ता बहुत सुनसान था. आज रागिनी को ऑफिस से निकलने में कुछ ज्यादा ही देर हो गई थी. जहां वह 5:00 बजे ऑफिस में निकलती थी, आज बॉस के कहने पर एक जरूरी असाइनमेंट पूरा करने में उसे 3 घंटे लग गए क्योंकि उसे आज ही पूरा करना था.

 एक तो ठंड के कारण 5:00 बजे निकलने के बाद भी घर पहुंचते  पहुँचते अंधेरा हो जाता था,..पर आज तो अंधेरे के साथ-साथ बारिश भी शुरू हो गई. रागिनी को बहुत डर लग रहा था. एक तो घर से निकलने में देरी होने के कारण वह छाता लेना भी भूल गई थी और दूसरा न्यूज़पेपर में रोज रेप जैसी वारदात की खबरों ने उसे अंदर तक झकझोर कर रख दिया था.

वह ठंड और डर से बुरी तरह कांप रही थी. उसके हाथ-पांव पूरे ठण्डे हो चुके थे और ऊपर से कोई ऑटो भी नहीं मिल रहा था. करीबन आधे घंटे इंतजार के करने के बाद उसने पैदल चलना ही मुनासिब समझा और वह भींगते भी़ंगते तेजी जी से कदम बढ़ाने लगी. लेकिन जैसे ही वह चलने लगी उसे लगा कि कोई गाड़ी वाला उसका पीछा कर रहा है और तेज भागने लगी और गाड़ी उससे भी तेज…… 

 

डर से उसकी धिग्गी बंधी जा रही थी. तभी गाड़ी वाले ने आवाज दी.

“मैडम आपको कंहा जाना है ??  मैं छोड़ देता हूं …यूं भींगेगी तो बीमार पड़ जाएगी ठंड और बारिश दोनों बहुत तेज है”

पर उसने लिफ्ट लेना मुनासिब नहीं समझा इसलिए वो नहीं रुकी और भागती चली जा रही थी. अचानक भागते भागते कीचड़ में उसका पैर फिसल गया और वह गिर पड़ी. उसे गिरा हुआ देखकर गाड़ी वाले ने गाड़ी रोकी और उसे अपनी गाड़ी में बिठाया तो देखा यह तो उसकी कॉलेज की दोस्त रागिनी है.

 रागिनी ने भी देखा यह तो उसका दोस्त पंकज है जो कॉलेज टाइम में उसे बहुत चाहता था लेकिन एक तरफा प्यार होने की वजह से रागिनी ने अजय से शादी कर ली और पंकज ने सच्चे प्रेमी की तरह रागिनी से किनारा कर लिया और आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चला गया.

 “थैंक यू पंकज ! !! मैंने तुम्हें देखा नहीं….. अगर देख लेती तो मेरी यह हालत नहीं होती मुझे लगा कि पता नहीं कौन मेरा पीछा कर रहा है??”

 

 “पहली बात तो यह है कि दोस्ती में नो सॉरी नो थैंक्यू…. और दूसरी बात मैंने भी तुम्हें देखा नहीं था….वह तो मैं इंसानियत के नाते उस लेडी की मदद करने जा रहा था. “

 


“अच्छा छोड़ो बताओ कि तुम यहां अचानक कैसे तुम तो अमेरिका चले गए थे ना?? 

तब पंकज ने कहा “समझ लो इत्तेफाक से तुम्हारी मदद करने चला आया….. जस्ट जोकिंग! मैं अमेरिका पढ़ने के लिए गया  था. फिर वहीं की लड़की से शादी भी कर ली लेकिन मुझे वहां रास नहीं आया. आखिर जो भी हो अपना देश अपना ही होता है इसलिए मैं 1 महीने पहले यहां मुंबई चला आया. अब तुम बताओ तुम इतनी रात गए कहां से आ रही थी.”

 

“वो पंकज मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रही हूँ, वहीं से आ रही थी. वैसे तो मेरी 9-5 की ड्यूटी है लेकिन आज एक असाइनमेंट पूरा करने के चक्कर में मुझे लेट हो गई.”

“लेकिन तुम क्यों जॉब कर रही हो तुम्हारे हस्बैंड तो जॉब करते होगें. जहां तक मैं जानता हूं तुमने तो अजय से शादी कर ली थी?”

” जॉब करते थे….लेकिन शादी के 2  साल बाद ही रोड एक्सीडेंट में उन्होंने अपने पैर गवा दिए और वह घर पर ही रहते हैं. अभी मैं ही 3 साल से जॉब कर रही हूं. वैसे सारे सवाल अभी पूछ लोगे..??.. घर पर चलो, एक एक कॉफी हो जाए और मैं अपने हस्बैंड से भी  मिलवा दूंगी. शादी के समय तो ठीक से मिलना भी नहीं हुआ था.”

 तब पंकज ने कहा “हां क्यों नहीं जरूर”

“वैसे आज तो तुमने मेरी जान ही निकाल दी पता भी है कितना डर गई थी मैं.”

” ओ माय गॉड तुम्हारे अंदर कुछ भी नहीं बदला कॉलेज में भी इसी तरह डरपोक बिल्ली थी…. और आज भी”

“अरे बात करते करते पता ही नहीं चला कि कब घर आ गया…. चलो अंदर चलो….” 

नहीं रागिनी आज नहीं मेरा तुम्हारे घर इस तरह से आना शायद ठीक नहीं है जब इंसान घर में रहता है तो उसका दिमाग खाली हो जाता है. तुम्हारा पति जब इतनी रात गए तुम्हें किसी गैर मर्द के साथ देखेगा तो कई सवाल उसके मन में उठेंगे और ऊपर से तुम 4 घंटे लेट हो मैं नहीं चाहता कि तुम्हारी शादी शुदा जिंदगी खराब हो. तुम खुश रहो मैं बस यही चाहता हूं. हां कभी भी किसी भी चीज की जरूरत पड़े तो जरूर बोलना यह मेरा कार्ड है.कभी मैंने तुमसे प्यार किया था, तुम्हें मुश्किल में नहीं देख सकता. तुम्हारी खुशी के लिए ही तुमसे कभी बात नहीं की. वक्त ने फिर आज हमें मिलवाया है तो मैं तुम्हारी  मदद करना चाहता हूं. तुम्हें पैसों की जरूरत है तो मुझसे ले लो और नौकरी छोड़कर अपना कुछ बिजनेस शुरू कर लो.”

 

रागिनी ने कहा “नहीं दोस्त तुमने इतना कहा मेरे लिए यही बहुत है…. बाय”

“बाय ,जाओ जाकर जल्दी चेंज कर लो… वरना तुम्हें जुखाम होकर बुखार आ जाएगा…”

दोस्तों आपको क्या लगता है कि रागिनी का डर उचित था. अपनी राय कमेंट करके मुझे जरूर बताएं….. आपको क्या लगता है कि रागिनी को एक बार देखना चाहिए था गाड़ी में आखिर है कौन? ? जो उसे लिफ्ट देना चाह रहा हो…. अजनबी या फिर जान पहचान वाला…. जो भी राय हो मेरे साथ सांझा जरूर करें…

कहानी को मनोरंजन के हिसाब से पढ़ें….अगर अच्छी लगे तो  इसे लाइक, कमेंट और शेयर करना मत भूलिए…

धन्यवाद🙏

आपकी ब्लॉगर दोस्त

©मनीषा भरतीया

 

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