प्यार का जाल – नंदिनी

बड़े नाजों से पली दो बहनें नीरू ,खुशबू 

कभी भी नीरज शुभांगी ने कोई कमी नहीं रहने दी, हर  ख्वाहिश को पूरा किया ।

बढ़ती उम्र के साथ मौज मस्ती ,घूमना , दोस्ती यारी स्वाभाविक है । 

ऐसे में बड़ी नीरू की दोस्ती मोहित से हुई , पहला साल कॉलेज का अलग ही उत्साह उमंग थी, ग्रुप में कई लड़के लड़कियाँ थे पर मोहित पर अलग ही आर्कषण था, मोहित फाइनल ईयर में था ,स्कूल लाइफ से निकल अलग ही आजाद सा लग रहा था नीरू को साथ घूमने, मूवी  जाते सभी , कुछ दिन बाद नीरू की बहन खुशबू को इस बात का पता चलता है,

नीरू का ध्यान अब पढ़ाई से ज्यादा मौज मस्ती में रहता ,मोहित के साथ घूमना फिरना ज्यादा ही हो गया था , नीरू थी भी बहुत सुंदर मोहित भी फिदा था उस पर ,खुशबू ने यह बात अपनी मम्मी को भी बताई ।

एक दिन शुभांगी ने नीरू से पूछा आजकल पढ़ाई केसी चल रही है  , घूमना फिरना अपनी जगह सही है लेकिन किसी भी बात की अति अच्छी बात नहीं , अभी मेहनत कर लोगी तो आगे उसका फल पाओगी जीवन मे कुछ कर पाओगी, 

हाँ मम्मा में पढ़ाई भी कर रहीं हूँ आप यकीन करो मुझ पर अच्छे नम्बर आएंगे ।

मोहित बड़े अमीर परिवार का था उसे गिफ्ट भी देता महंगे महंगे जिससे नीरू सांतवे आसमान पर थी, पापा ने भी नीरू को समझाया बेटा ध्यान रखना किसी पे भरोसा नहीं किया जा सकता आज के जमाने में ,कोई दिखता कुछ और हे होता कुछ और ओर सिर्फ फायदे के लिए ही कोई भी रिश्ता रह गया है आजकल ,

अपनी पढ़ाई पर फोकस करना वही काम आती है मौजमस्ती उतनी ही ठीक है कि मन तरोताजा हो जाये ,हां में सिर तो हिला देती है पर

लाख समझाने के बाद भी नीरू पर कोई असर नहीँ होता ।

मम्मी से भी कहती है बस थोड़ा ही घूमती हूं बहुत अच्छे हैं सारे मेरे दोस्त ,आप जैसा समझ रहीं हो वेंसा कुछ नहीं ।




मोहित आजाद ख्याल का था नई नई लड़कियों से दोस्ती का शौकीन महंगे गिफ्ट देकर उनको खुश करता , नीरू भी उसकी बातों में प्यार के जाल में फँसती चली गई ,इस चक्कर में पढ़ाई से ध्यान भी हटा ओर कॉलेज के पहले साल में नम्बर बहुत कम आये , लेकिन उस पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा उसे लगा मोहित बहुत अमीर है मुझे क्या करना इतना पड़कर ।

इधर उसके मां पापा के हर   सम्भव प्रयास विफल हो रहे बहुत समझाने पर भी कोई असर नही था नीरू पर ,एक दिन डांटा भी नीरज ने उसे बहुत ,उस दिन कॉलेज से वापस ही नहीं आई ,मोहित से बोला में घर छोड़ आईं हूँ तुम्हारे लिये,तुम कहते थे न साथ रहते हैं , ठीक है पर अभी घर वालो को एकदम नहीं बता सकता, थोड़े दिन में सब सेट कर दूंगा। नीरू ने मोहित की बात पर यकीन कर लिया । 

इधर नीरज ओर शुभांगी ने गुस्से में सारे सम्बंध तोड़ लिए , खोजने की भी कोशिश नही की, जब मर्जी से गई है तो रहे अपने हिसाब से ओर खुशबू को भी हिदायत दी कि  कोई रिश्ता न रखे , समय अपनी रफ्तार  से चलता है खुशबू का मेडिकल में चयन हो गया ,बहुत अच्छे नम्बर    आये उसके प्रवेश परीक्षा में ओर वह आगे की पढ़ाई में जुट गई नीरज शुभांगी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया था,अभी तक परिवार में कोई भी डॉक्टर नही था ।

उधर मोहित परिवार से मिलवाने  के नाम पर बस झांसा दिए जा रहा था , शुरुवात में अच्छे से रहे , शादी के लिए कहती परिवार से मिलवाने के लिए कहती  पर मोहित कोई भी बहाना करके टाल देता ,फिर छोटी छोटी बातों में बडे झगड़े होने लगे  ,पैसे भी नहीँ देता ।

नीरू पास के ही एक प्ले स्कूल में नोकरी करने लगी , पढ़ाई तो छोड़ ही दी थी काबलियत थी नही अच्छी नोकरी लायक बड़ा पश्चतावा हो रहा था उसे, काश मम्मी पापा की बात मान लेती जीवन की सबसे बड़ी भूल कर दी ,पर अब क्या करूँ कुछ समझ ही नहीं आ रहा ।

एक दिन जब उसे पता चला कि मोहित का किसी ओर लड़की से चक्कर चल रहा है ,उसने मोहित से इस बात के लिए झगड़ा किया ,ऐसे कैसे कर सकते हो तुम, तुम्हारे लिए मैंने सब कुछ छोड़ दिया, शायद अब तुम्हारा मुझसे दिल भर गया है हेना , फालतू बकवास मत करो किसी से हंस बोल लिया तो अफ़ेयर हो गया ऐसा है तुम्हारे लिए, मैं तो ऐसा ही हूँ  तुम को जमता है तो रहो नहीँ यो वापस चली जाओ अपने घर ,




सुनकर नीरू खामोश हो जाती है , अपने घर जाओ ये क्या बात हुई , मैं तो तुम्हारे साथ अपना खुद का घर बसाने आई थी सब कुछ छोड़ कर , किंतने सपने दिखाए थे तुमने घर वालो को भी मना लूँगा , कुछ दिन बाद ही , न वो मान रहे और न ही तुम ये बता रहे कि आखिर हम शादी कब करेंगे ,

मोहित कहता है तुम्हारा ऐसा रवैया देख शादी मुझे सोचना पड़ेगी ,क्या मतलब ?

मतलब यही कि थोड़ा दिन ओर देखते हैं ऐसे चिक चिक की लाइफ मैं नही बिता सकता हमेशा शक करो यहां मत जाओ वो मत करो तुम्हारे हिसाब से नही जी सकता मैं , मैंने अपनी लाइफ अपने हिसाब से जी है ,ओर आगे भी ऐसे ही रहूँगा बोल कर चला जाता है….

नीरू को बड़ा पश्चतावा होता है ,क्यों में इस प्यार के चक्कर में पड़ी ,क्यों अपने मम्मी पापा की मर्जी के खिलाफ मोहित के साथ रहने चली आई , प्यार वही सफल होता है जिसमें अपनों का प्यार मर्जी आशीर्वाद शामिल हो , अपनों का दिल दुखा के  खुशियां अगर मिल भी जाएं तो कुछ न कुछ कमी तो खलेगी ही ,अब क्या होगा मेरा ,मोहित का ऐसा ही रवैया रहा तो जिंदगी बड़ी मुश्किल भरी हो जाएगी ,जवानी के जोश में कदम उठा तो लिया पर अब आगे रास्ता नजर ही नहीं आ रहा  ,थोड़ी देर बाद कई फोन लगाए मोहित को पर उठाया नहीं , उस रात मोहित आया भी नहीं , दो दिन हो गए अब तक कोई खबर नही, किसी दोस्त से पता चला वो अपने घर चला गया है सुनकर बड़ा रोई वो सामने अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था , उसका घर का पता दोस्त से लेकर गई वो मोहित के घर ,गार्ड ने उसको अंदर जाने ही नहीं दिया , बड़ा ठगा सा महसूस कर रही थी नीरू ।

मोहित ने नीरू का नम्बर ब्लॉक कर दिया था ,एक दोस्त से मेसेज  भिजवाया मोहित ने ,अगर में तुमसे शादी करूंगा तो पापा मुझे जायदाद से निकाल देंगे इसलिए में तुम्हारे साथ शादी नही कर पाऊँगा ,नीरू को मोहित पर बहुत गुस्सा आया ,पर गलती उसकी ही थी सबके समझाने पर भी वही कदम ले गई जहां काँटों की संभावना थी ,थोड़ी सी सेलरी में फ्लेट का किराया नहीँ होता तो होस्टल में रूम शेयर करके रहने लगी, यहाँ खुशबू अपने डॉक्टर के सपने पूरे करने में लगी थी, एक दिन उसकी दोस्त ने नीरू के बारे में बताया ,बडा दुख हुआ अपने दूर भी रहें खुश हैं तो फर्क नही पड़ता पर इतना परेशान हो रही है नीरू दी उससे रहा नहीं गया ,आखिर  प्ले स्कूल में जाकर मिली , दोनों बहनें इतने दिनों बाद मिली बहुत पश्चतावा था नीरू को रोई भी ,खुश्बू ने कहा  दीदी आप माफी मांग लो ,मम्मा पापा माफ कर देंगे ,ऐसे कैसे घुट घुट कर नहीं जीना है आपको ,एक खराब पन्ना सोच कर जिंदगी से निकाल फेंको, नीरू कहती है में सामना नही कर सकती कितना दिल दुखाया है मुझे कोई हक नही फिर से उन्हें परेशान करने का , ऐसे मत सोचो मां पापा कभी भी नही चाहेगे कि आप दुखी रहो ,वो माफ कर देंगे चलो आप मेरे साथ घर ,आखिर जिद करके खुश्बू ले जाती है ।




अचानक नीरू को देख चोंक  जाते हैं शुभांगी नीरज मुरझाया उदास चेहरा, खुश्बू कहती है पापा प्लीज आप गुस्सा मत करना आपने बोला था न डॉक्टर बन जाओगी तो कुछ भी गिफ्ट मांग लेना ,बस आप दीदी को माफ कर दो,ओर सारी बातें बताती है ,इतने में खुशबू हाथ जोड़कर माफी मांगती है इस लायक तो नही हूं कि सामने आकर मांफी मांग सकूं इतना जो दिल दुखाया है मैने आपका ,में नही आना चाहती थी यहाँ , एक बार लगा आत्महत्या कर लूं सारे रास्ते बंद नजर आ रहे थे पश्चतावा हो रहा था बहुत , आज खशबू आई ओर मानी ही नहीँ ,में आप पर बोझ नहीँ बनूंगी वापस चली जाऊंगी आपको रिश्तेदारों के सामने ओर शर्मिंदा नहीँ करूंगी बस एक बार मैं अपने किये की मांफी मांगने आईं हूँ सबसे ओर फफक कर रो पड़ती है , शुभांगी ओर नीरज उसे गले लगा लेते हैं ,सुबह का भूला अगर  शाम को घर आये तो उसे भुला नही कहते ,मां बाप का दिल बहुत बड़ा होता है अपने बच्चों की बड़ी से बड़ी गलती भी माफ कर देते हैं ,बच्चों को समझना चाहिए मां बाप हमेशा उनके भले के लिए ही सोचते हैं कहते हैं ,ओर हमें समाज से ज्यादा तुम्हारी जिंदगी प्यारी है ,सब भूल कर आगे बढ़ो ,खशबू भी गले लग जाती हैं।

थैंक्यू मम्मी पापा किंतने अच्छे हो आप , में कल ही दीदी की आगे की पढ़ाई के लिए फॉर्म ले आऊंगी ठीक है , चलिये मम्मा मुंह तो मीठा कराइये किंतने दिनों बाद सब मिलकर खायेगें ओर हां ज्यादा में ही लूंगी दीदी से , हाँ हां घर की चटोरी का तमका तुमसे कोई नहीं छींन सकता ,सब हसंते हैं…………

नंदिनी✍🏻

स्वरचित 

#माफ़ी

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