प्यार की बारिश – लता उप्रेती

आसमान से बरसते ठंडे पानी से मिलने वाला सुकून हर किसी की चाहत होती है। गर्मी के मौसम से परेशान लोग बरसात के मौसम का बेसब्री से इंतजार करते हैं। भीषण गर्मी के बाद भला कौन नहीं चाहता कि बारिश की ठंडी फुहारों से थोड़ी ठंडक हो जाए ,बारिश में भीगने का अपना ही आनंद है। इसलिए कई लोगों के लिए मानसून किसी उत्सव या त्योहार से कम नहीं होता है।

सुधीर के लिए भी ये मौसम त्योहार से कम नहीं था, ममता व सुधीर दोनों नौकरी पेशा थे, शादी को अभी 6 महीने हुए थे।  जहां एक ओर ममता को बारिश का मौसम बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, वहीं दूसरी और सुधीर को बारिश बहुत अच्छी लगती थी, आज संडे का दिन था तो ममता और सुधीर दोनों घर पर ही थे ,

सुबह से ही  तेज बारिश हो रही थी, सुधीर बहुत खुश था, वहीं ममता मन ही मन कुढ़े जा रही थी, एक ही दिन तो घूमने को मिलता है। उस दिन भी बारिश हो रही है। सुधीर व ममता दोनों खिड़की पर बैठकर चाय पी रहे थे, तभी सुधीर ने कहा चलो ममता बाहर जाकर बारिश का आनंद लेते हैं ।ममता ने कहा तुम ही जाओ मुझे नहीं भीगना , सुधीर ने कहा अकेले भी कहीं भीगने  में मजा है। ममता ने कहा तो फिर मत जाओ, सुधीर ने मन ही मन सोचा आज तो ममता को मैं भीगाकर ही  रहूंगा,वह अकेला ही बाहर भीगने लगा तभी सुधीर ने पैर फिसलने का नाटक किया और करहाते हुए ममता को आवाज लगाई, ममता दौड़ती हुई बाहर आई, तभी सुधीर ने उसे बाहों में जकड़ लिया अब कहां जाओगी मेरी जान यह कहते हुए सुधीर ने ममता को छेड़ा, ममता ने कहा  झूठे कहीं के , छोड़ो मुझे सुधीर ने कहा भीग ही चुकी हो तो थोड़ा आनंद भी ले लो, फिर दोनों ने बारिश का खूब आनंद लिया ,दोनों बाइक में बैठकर लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़े, टपरी पर गर्मागर्म चाय का लुफ्त उठाया, गरमा गरम भुट्टे खाएं, खूब सारी फोटो खींच दोनों घर  को वापस आए। घर पहुंचकर सुधीर ने पूछा तो कैसी लगी प्यार की बारिश, ममता ने हंसते हुए जवाब दिया बहुत ही प्यारी।।




दोस्तों आपको मेरी प्यारी सी कहानी कैसी लगी जरूर बताइएगा 

धन्यवाद 

लता उप्रेती

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