Tuesday, May 30, 2023
Homeमधु झापुत्र-प्रेम -  मधु झा

पुत्र-प्रेम –  मधु झा

विजय प्रताप एक बहुत ही सुलझे हुए, पढे-लिखे, समझदार व रसूखदार इंसान थे,,।उनका रौब ही नहीं उनकी नेकी भी दूर-दूर तक प्रसिद्ध थी,,।वे नियम व उसूलों के जितने पक्के थे, उतना ही सभी के मददगार भी,,। बस एक बात की कमी थी कि इतने खुले हृदय के होते हुए भी,,शादी-ब्याह के मामले में रूढ़िवादी थे और जात-पात को बहुत मानते थे,,।

उनकी पत्नी बहुत समझाती कि अब पहले वाला जमाना नहीं रहा,,लेकिन वो अपनी बात पर अडिग थे,,।

हालाँकि शिक्षा के पक्षधर थे,,और लड़के-लड़कियों में अंतर भी नहीं करते थे,,मगर शादी-ब्याह में जात-पात और संस्कार को लेकर उनका अपना ही नियम चलता था,,।

उनके भी दो बच्चे थे। ये नियम उनके लिए भी था,।बड़ी बेटी दीपा ने डाक्टरी की पढ़ाई दो साल पहले ही खत्म की जिसकी शादी धूमधाम से अपनी ही बिरादरी में किये ।

बेटा विशाल उच्च स्तरीय शिक्षा के लिए अमेरिका गया हुआ है,। बहुत मुश्किल से विजय प्रताप ने उसे अमेरिका जाने की अनुमति दी थी,। उच्च शिक्षा तो चाहते थे लेकिन अपने ही देश में,मगर विशाल की जिद के आगे उन्हें हाँ कहना ही पड़ा,,विशाल ने भी पढ़ाई के बाद वापस आकर अपना काम करने का मन बना लिया था,,।

आज विशाल पूरे चार साल बाद अपने गाँव आ रहा था,,पढ़ाई पूरी होने के बाद वो कुछ दिन अपने गाँव ,अपनों के पास गुजारना चाहता था,उसके बाद ही काम शुरु करता।

एयरपोर्ट पर घंटा भर पहले से ही इंतज़ार कर रहे थे,,एक-एक क्षण काटना मुश्किल लग रहा था,,। एयरपोर्ट पर विशाल के साथ हेलेना को देखकर दोनो हैरान थे,।विशाल ने हेलेना का परिचय एक दोस्त के रूप में कराया ,,।




हेलेना ने दोनो के पैर छूकर प्रणाम किया।

घर पहुंच कर सब बहुत देर तक बातें करते रहे ,फ़िर खाना खाकर अपने कमरे में चले गये,,हेलेना के लिए गेस्ट रूम में व्यवस्था कर दी गयी थी।

अपने रूम में विशाल बेड पर लेटा हुआ था कि दामिनी दरवाजा नाॅक करके अंदर आ गयी,,।विशाल माँ को देख उन्हें अपने पास बिठाया,और बहुत देर तक दोनों इधर-उधर की बातें करते रहे,,।

आख़िर माँ ने हेलेना के बारे में पूछ ही लिया,,विशाल ने भी सब सच-सच बता दिया,,।माँ तो माँ होती है,,वो तो एयरपोर्ट पर देखते ही समझ गयी थी,,।

इसीलिए तो अकेले में बेटे से बात करने आयी थी,,।

मगर पिता के सामने ये बात कैसे रखी जाय,,।

आख़िर दो दिन बाद विशाल ने शाम को चाय पीते हुए पिता के सामने ये बात रखी,,पिता तो सुनते ही आग-बबूला हो गये,,।दामिनी ने बहुत समझाने की कोशिश की मगर वो टस से मस नही हो रहे थे,,।इस बीच दीपा भी कुछ दिनों के लिए अपने भाई से मिलने आ गयी थी, सभी मिलकर विजय प्रताप को मनाने में लगे थे।आखिरकार विजय प्रताप कुछ शर्तों के साथ मान गये,,उनका कहना था कि विशाल शादी कर ले ,वे उन दोनो के स्वागत के तौर पर समाज के लोगों के लिए रिसेप्शन की पार्टी दे देंगे,,पर शादी में उनकी उपस्थिति नही होगी, मगर विशाल भी तो उनका ही बेटा था,,उसने भी जिद ठान ली थी कि पिता की उपस्थिति और पूरे रीति-रिवाज के साथ ही शादी करेगा,,बहुत दिनों तक यही जद्दोजहद चलती रही,, विशाल किसी भी तरह पिता की उपस्थिति के बिना शादी के लिए तैयार नहीं था ,,और शादी भी करेगा तो हेलेना से ही या फ़िर वो शादी ही नहीं करेगा,,।आख़िर पिता को पुत्र-प्रेम के आगे झुकना ही पड़ा,,।

आज दोनों की शादी को हंसी-खुशी पाँच साल बीत चुके हैं और अपनी गोद में नन्हा पोता और अपनी बहू हेलेना को देखकर बलिहारी जा रहे,,।

  मधु झा,

स्वरचित,

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

error: Content is protected !!