प्रियतमा – डा.मधु आंधीवाल

हां वह किसी से प्यार करती है। दुनियां को क्यों परेशानी वह प्रेमी शादी शुदा है तो क्या हुआ वह उसकी गृहस्थी पर डाका नहीं डाल रही ।

      आज रोहिनी ने अपनी डायरी के पहले पन्ने पर लिखा । वह पल्लव से बहुत प्यार करती है। पल्लव भी उतना ही उसको चाहता है। वह शादी शुदा है उसके दो प्यारे प्यारे बच्चे भी हैं पर उसने पल्लव से कभी पत्नी का अधिकार नहीं मांगा । दोनों साथ पढ़ाते हैं ।कालिज में सबको पता है। कभी जिन्दगी में वह पल्लव से जिद भी नहीं करेगी । दुनिया समाज ने उसे रखैल का दर्जा दे दिया । उसे इसकी भी कोई परवाह नहीं । किसी ने उसके दिल से पूछा कि उसने यह निर्णय क्यों लिया नहीं समाज केवल आलोचना कर सकता है । आज उसके सामने उस भयावनी  रात की घटना सामने आजाती जो उसको आज तक भयभीत कर देती है। 




        पूरा शहर दंगो की आग में झुलस रहा था ।रात के 10बजे ट्रेन स्टेशन पर आकर रुकी उसको शहर की स्थिती का पता नहीं था वह तो मैसूर से सेमीनार अटैन्ड कर के लौट रही थी । जैसे ही वह ट्रेन से उतरी चारों तरफ सन्नाटा था । बाहर आकर ओटो तलाशा बड़ी मुश्किल से एक ओटो मिला बह राजी होगया परन्तु पीछे के रास्ते से लेजाने पर । रोहिनी डरते डरते बैठ गयी थोड़ी दूर पर ही बहुत सी भीड़ आती दिखाई दी । ओटो वाला उसे छोड़ कर भाग चुका था । वह अन्धेरे में भागी गिर गयी भीड़ उसके पास पहुँच चुकी थी पता ना पल्लव कहां से फरिश्ता बन कर आया और उसको पकड़ कर अन्धेरे में एक दीवार के पीछे छिप गया वह बेहोशी हालत में थी । दंगाई बहुत ढूंढते रहे लड़की और वह भी उनके हाथ नहीं लगी पूरी रात पल्लव उसको अपने आगोश में छिपा कर बैठा रहा । सुबह जब उसे होश आया तो उसे सब कुछ याद आगया । वह पल्लव की बहुत आभारी थी । रोहिनी पल्लव के साथ घर पहुँची पूरा घर दंगाईयो ने जला दिया व उसके मां पापा और भाई को मार दिया था । वह पल्लव से चिपट कर रो पड़ी । उसका कोई नहीं था । उसने पल्लव से कहा कि वह उसके साथ चलना चाहती है। पल्लव उसके ही कालिज में था पर दोनों के डिपार्टमेंट अलग थे । पल्लव ने कहा उसके घर में पत्नी और बच्चे हैं। रोहिनी ने कहा पल्लव अगर तुम ना बचाते तो मेरी अस्मिता तो लुट ही जाती ये जिन्दगी केवल तुम्हारी देन है। मै किसी और को इसे नहीं दे सकती ना मै पत्नी का अधिकार चाहती । मुझे समाज की चिन्ता नहीं ।

      बस तुम मुझे अपनी ” प्रियतमा ” बनालो । पल्लव ने उसको अपने आगोश में ले लिया ।

स्वरचित

डा.मधु आंधीवाल एड

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