प्रेम। “एक अनोखी प्रेम कहानी” – कुमुद मोहन 

“हैप्पी बर्थ डे टू यू” चंदा से दस साल छोटे भाई का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा था!

वह मायूस सी कभी घर की सजावट कभी केक तो कभी मां-बाप के खिले चेहरे देखती तो  उस का भी बहुत मन करता उसका भी जन्मदिन मनाया जाए! वह अपनी मां सुधा से पूछती” मेरा जन्मदिन कब आता है “?सुधा उसे परे हटाकर कह देती बरसात के महीने में !कौन सी तारीख को?”भोली चंदा फिर मचल कर पूछती तो सुधा झुंझलाकर झिड़क देती और कहती”क्या जन्मदिन जन्मदिन की रट लगा रखी है अरे रात के बारह बजे घनघोर बरसात ऊपर से बिजली की गरज और बादलों की गड़गड़ाहट , मैं तो दर्द के मारे छटपटा रही थी ,किसे याद रहता कौन सी तारीख और कौन सा महीना!ऊपर से लड़की हो गई तो अम्मा जी के प्रलाप ने वैसे ही डर के मारे जान निकल गई थी!बाकी घरवाले नींद खराब होने का ताना दे रहे थे!

खबरदार जो अब जन्मदिन का नाम भी लिया!

पर चंदा कब मानने वाली थी!भागकर दादी के पास जा पहुंची”दादी! मेरा जन्मदिन भी मना दो ना जैसा गुड्डू का मनाती हो”दादी को तो चंदा पहले ही दिन से नहीं सुहाती थी तमक कर बोली”जन्मदिन मनाने का इतना ही सौक था तो छोरी बनकै क्यूं आ टपकी,छोरा बनके आती तो देख कित्ते सान से तेरा जन्मदिन मनाती!हमारे घर छोरियों का जन्मदिन कोई ना मनाता!आगे से मेरा सिर मत खाइयो ये जन्मदिन का राग अलाप के”!

 

कभी अपने पिता से अपनी जन्मदिन की तारीख पूछती तो वे ठंडी सांस लेकर जवाब देते”बेटा घर गृहस्थी के झंझट में बूढ़े मां-बाप की देखभाल और छोटे भाई बहनों की परवरिश करने के लिए पैसा कमाने में ऐसा उलझा रहा कि दिन महीना कुछ याद ही ना रहा!

 

रूआंसी होकर चंदा अपनी बचपन की सहेली नैना के साथ मिलकर कागज की टोपी बनाकर सर पर धर लेती और बगीचे से एक कच्चा पक्का अमरूद उठाकर उसमें एक सूखी टहनी गाड़कर मोमबत्ती की तरह बुझा अपनी टूटी फूटी इंग्लिश में हैप्पी बड डे गा अमरूद की फांकें एक दूजे को खिला तालियां पीट अपना जन्मदिन मना लेती!



बिना गिफ्ट के उन्हें जन्मदिन मनाना अधूरा लगता इसलिए नैना अपने घर से कोई मिठाई का टुकड़ा या कच्चा पका फल रंगीन कागज में लपेट कर थमा देती! दोनों सहेलियाँ अपनी ही दुनिया में खोई चंदा का जन्मदिन मना कर खुश हो लेतीं!

फिर वह इंतज़ार करने लगी कब बहुत बरसात होगी ,बिजली कड़केगी,बादल गरजेंगे!फिर जुलाई के महीने में चंदा ने देखा बानगी पूरी तरह उसके जनम के दिन की बन गई तो उसने खुद ही 20जुलाई अपने जन्मदिन की तारीख तय कर ली!कोई भी उसका बर्थ डे का पूछता तो वह 20 जुलाई बताती!

कोई मनाऐ न मनाऐ चंदा और नैना मिलकर चंदा का जन्मदिन जरूर मना लेती!

दिन गुजरने लगे!चंदा बड़ी होने लगी!धीरे धीरे उसे समझ आ गया कि जिस घर में वह जन्मी वहां लड़कियों  की पैदाइश अभिशाप से कम नहीं!पर अपने साथ की सहेलियों की बर्थ डे पार्टी में जाती तो उसका मन कचोटता कि काश उसका जन्मदिन भी कोई मनाता!

 

बी ए पास करते करते चंदा मानव के साथ ब्याह दी गई! मानव सीधा सादा एक कंपनी में सुपरवाइज़र की पोस्ट पर कार्यरत था !अपनी लगन और मेहनत से कुछ ही अर्से में वह मैनेजर हो गया!चंदा समर की मां बन गई! 20जुलाई को अब भी उसका मन कचोटता क्योंकि मानव ने भी कभी उसके जन्मदिन के बारे में पूछने या मनाने की कोशिश नहीं की!एकाध बार चंदा ने कोशिश की कि वह मानव का जन्मदिन मनाऐ  तो शायद मानव भी उसका जन्मदिन मनाने लगे पर मानव ने यह कहकर टाल दिया कि ये सब अमीरों के चोचले हैं!हमारे घरों में बहुओं का जन्मदिन मनाने का रिवाज नहीं है!चंदा की मन की बात मन में रह गई।



बस नैना का बर्थ डे कार्ड जरूर आता!

समर बड़ा हुआ तो एक दिन स्कूल के प्रोजेक्ट में परिवार के बारे में मां-बाप,दादी दादा की जन्मतिथि भरने के लिए उसने चंदा से उसकी जन्मतिथि पूछी!चंदा ने 20 जुलाई बता दी!चंदा के मन में कहीं दबी उम्मीद जागी चलो मां-बाप ने न सही,पति ने न सही बेटा तो जरूर उसकी इच्छा पूरी करेगा! पर अफसोस! 20जुलाई आई भी निकल भी गई! चंदा की जन्मदिन मनाने की इच्छा भी कहीं दिल की गहराई में दफ्न हो गई!

 

फिर समर भी पढ़-लिखकर इंजीनियर हो गया अंतराल में उसका ब्याह सुमी से हो गया!सुमी बहुत प्यारी सुलझी हुई पढ़ी लिखी लड़की थी!एक स्कूल में टीचर थी!जीवन मूल्यों को अच्छी तरह समझती थी!जिन्दगी में छोटी छोटी खुशियाँ कैसे बटोरी जाती हैं  जानती थी!

मौके से नैना के पति का ट्रांसफर भी उसी शहर में हो गया जहाँ चंदा रहती थी!दोनों सहेलियाँ बरसों बाद मिलकर बहुत खुश थी!नैना सुमी को बहुत प्यार करती ,हर बात शेयर करती!

20जुलाई आने से एक हफ्ते पहले सुमी ने नैना से मिलकर चंदा का जन्मदिन मनाने की ठानी!उसने सुबह  चंदा को नैना के घर छोड़ दिया!घर आकर उसने खूब अच्छी तरह चंदा का कमरा सजाया और जन्मदिन की पूरी तैयारी कर चंदा के जानने वालों को इन्वाइट कर दिया!

शाम को चंदा घर आई तो कमरे में घुसते ही सारे मेहमानों की”हैप्पी बर्थ डे टू यू”सुनकर हक्की बक्की रह गई! सुमी ने केक पर पांच मोमबत्तियाँ लगा रखी थी!सुमी चंदा से बोली”मम्मा! आपके पिछले  हर दस साल की एक मोमबत्ती एक एक करके बुझाइये, ये आपके पिछले हर जन्मदिन की हैं!फिर सुमी ने पांच गिफ्ट भी चंदा को मानव और समर की तरफ से दिलवाऐ!

खुशी के मार चंदा की आँखों से आंसू बह निकले उसने सुमी को बाहों में भर लिया!जिस पल के लिए वह अपनों की तरफ से बरसों से तरसती रही वो पराऐ घर से आए इस लड़की ने पलक झपकते ही दे दिया!

जिन अपनों ने उसकी भावनाओं  को कभी समझने की कोशिश नहीं की थी कल की आई बहू ने उन्हें  एक नज़र में समझ लिया!

चंदा के मुख पर एक ऐसी मुस्कान दिखाई दी जैसे छोटे बच्चे को उसका मनचाहा खिलौना मिल जाए !चंदा को सुमी पर मान हुआ,उसकी आँखों में सुमी के लिए लाड़ और दुलार लहराने लगा!सुमी जैसी बहू पाकर चंदा   धन्य हो गई!

सास बहू का प्रेम हो तो ऐसा!

#प्रेम 

कुमुद मोहन 

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