पत्नी कभी प्रेमिका नहीं बन सकती!

अनुराग और छाया दिल्ली के एक बड़ी कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट थे । साथ काम करने की वजह से दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे थे अनुराग ने  एक दिन छाया के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया। छाया भी अनुराग को पसंद करती थी इसलिए वह एक पल में हीं हां कह दी था। लेकिन छाया ने अनुराग से बोला तुम अपने मम्मी पापा से पहले बात करो क्योंकि मैं जब तक  हमारे घर वाले राजी नहीं होंगे शादी नहीं कर सकती हूं।

अनुराग ने अपने घर पर मम्मी पापा से बात  की और जब अनुराग के घर वाले को यह पता चला लड़की  चार्टर्ड अकाउंटेंट है तो वह मना नहीं कर सके।

छाया के घर वालों ने भी शादी के लिए हां कर दिया था।  कुछ दिनों के बाद एक अच्छे मैरिज हॉल में दोनों की शादी धूमधाम से हो गई थी। अपनी शादी की वजह से छाया ने ऑफिस से 2 महीनों की छुट्टी ले रखी थी ताकि वह अपने ससुराल  को थोड़ा टाइम दे सकें।

2 महीने बितते हीं छाया ने  अनुराग से बोला अनुराग कल से मैं ऑफिस ज्वाइन करने वाली हूँ ।  यह बात सुन अनुराग को अच्छा नहीं लगा अनुराग ने ऑफिस जाने से साफ मना कर दिया।



उसने बोला जब मैं इतने पैसे कमा ही रहा हूं तो तुम्हें अब जॉब करने  की क्या जरूरत है.। और फिर लोग भी क्या कहेंगे कि मैं अपनी पत्नी का खर्चा नहीं चला सकता तुम अब कल से जॉब नहीं जाओगी और ऐसे भी घर में इतने सारे काम होते हैं अगर तुम जॉब करने चली जाओगी तो कैसे हो पाएगा।

मम्मी पापा का देखभाल  के लिए कोई तो घर में होना चाहिए और फिर मैं इतना तो कमा ही लेता हूं कि हम सबकी जिंदगी काफी अच्छे से बीत बीत जाए।  

यह सब सुन छाया को बड़ा अजीब ही लग रहा था उसे लग ही नहीं रहा था कि वह उसी अनुराग से बात कर रही है जीससे वह पहले प्यार करती थी। वह अनुराग से इसलिए ही प्यार किया था क्योंकि अनुराग तब ओपन माइंडेड था लड़कियों के बारे में अच्छा सोचता था। हमेशा उनको सशक्त  करने के बारे में बात करता था। मैंने सोचा इस तरह लड़कियों के बारे में अनुराग का जब सोच है इससे शादी करने में बुराई नहीं है।

लेकिन यह क्या शादी करते ही सब कुछ बदल गया।  आज मुझे समझ आ गया था प्रेमिका और पत्नी में बहुत अंतर होता है।

अब धीरे-धीरे अनुराग हर चीज के लिए मना करने लगा था एक  दिन मैंने जींस और टॉप क्या पहन लिए ऐसा लगा जैसे मैंने कितना  गलत काम कर दिया हो। आसमान सर पर ले लिया था अनुराग बोला तुम्हें तमीज नहीं है बिल्कुल भी कपड़े पहनने का यह क्या पहन लिया है।  यह पहन कर जाओगी तो लोग क्या बोलेंगे यह देखो अनुराग की बीवी कैसे कपड़े पहन के घूम रही है।



छाया मन ही मन सोचने लगी कि जब हमारी शादी नहीं हुई थी अगर मैं किसी दिन ऑफिस फॉर्मल ड्रेस पहन कर आ जाती थी तो अनुराग गुस्सा हो जाता था यह क्या देसी कपड़े पहन कर आ गई हो।  तुम्हारे ऊपर जींस और टॉप ही अच्छा लगता है वही पहन के आया करो अच्छा लगता है।

लेकिन आज अगर मैंने जींस और टॉप पहन लिया तो अनुराग की बेइज्जती  होने लगी। शादी से पहले जब मैं जींस टॉप पहनती थी तो बाहों में बाहें डालकर घूमा करता था तब तो इसे कोई प्रॉब्लम नहीं था।  तब तो अपने दोस्तों में अपने स्टेटस बनाता रहता था यह देखो कितना मॉडल गर्लफ्रेंड है मेरी और आज वही मॉर्डन गर्लफ्रेंड जब जींस पहनती है अनुराग को ऐतराज़ होने लगता है।

शादी होते ही एक पुरुष की सोच कितना बदल जाता है आज मैंने महसूस किया है।  शादी से पहले हम हर वीकेंड पर सिनेमा देखने जरूर जाते थे लेकिन आज शादी के 2 महीना होने आए मैंने घर से बाहर कदम भी नहीं रखा है जब भी बोलती हूं कि अनुराग आज कहीं घूम कर आते हैं हमेशा कोई ना कोई बहाना बना कर टाल देता है।

एकमैं थी अनुराग के प्यार के खातिर सब कुछ करते जा रही थी एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से टिपिकल इंडियन हाउसवाइफ बन चुकी थी जिसका सिर्फ काम होता है घर में काम करना, खाना बनाना, पोछा बर्तन करना फिर भी शाम को कहा  जाता है कि तुम दिन भर करती क्या हो।



एक दिन एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट पर छाया को  एक कान का ईयररिंग बहुत पसंद आया उसने अनुराग से खरीदने के लिए बोला अनुराग मना कर दिया और बोला फालतू के पैसे क्यों खर्च करती रहती हो इतनी ईयररिंग है फिर भी ईयररिंग खरीदने की क्या जरूरत है । छाया सोचने लगी शादी से पहले अगर मुझे कुछ लेने का मन नहीं होता था तो यही अनुराग था कि मुझे जबरदस्ती खरीदता था आज मेरा मन कर रहा है  तो लेने नहीं दे रहा है। अनुराग ने बोला तुम्हें तो पता ही है दिल्ली में कितना खर्चा होता है बाबूजी के दवाई के खर्चे। घर का EMI, कुल मिलाकर बचता ही क्या है।

अगले महीने कोई नया डिजाइन ले लेंगे इस बार छाया को अनुराग की यह बात बिल्कुल ही पसंद नहीं आई उसने अनुराग से बोल दिया अनुराग अब चाहे कुछ भी हो जाए मैं कल से नया जॉब ढूंदुंगि  क्योंकि जब तुम्हारे पास मेरे पसंद पूरा करने के लिए पैसे ही नहीं है तो मुझे तो जॉब करना ही पड़ेगा ना।

मैंने बहुत कर लिया तुम्हारे मन की जो तुमने बोला मैंने किया अपनी पसंद नापसंद सब तुम्हारे हवाले कर दिया।

मुझे पता होता कि शादी के बाद तुम मेरा जॉब छुड़वा दोगे तो मैं कभी भी तुम्हारे साथ शादी नहीं करती।  

अब मुझे भी तुमसे  हर चीज पूछ कर करने पड़ते हैं यहां तक कि मुझे अपना अगर मोबाइल रिचार्ज करवाना होता है तो तुम यह कह देते हो कि तुम्हें रिचार्ज का क्या करना है।  कहां कॉल करना है तुम्हें मैं तो कॉल कर ही देता हूं जहां बात करना हो मेरे फोन से बात कर लिया करो।



मुझे नहीं पता था कि तुम इतना ज्यादा कंजूस हो जाओगे शादी के बाद।

पहले यही अनुराग था मुझ पर बिना मर्जी के भी पैसे लुटाते रहता था और आज एक रुपए के लिए भी हिसाब लेता रहता है लेकिन अब बहुत हो गया मुझे जॉब करना है तो करना है।  

अनुराग छाया को साफ मना कर चुका था तुम्हें जॉब नहीं करना है अगर तुम जॉब करना चाहती हो या तो तुम मुझे या फिर जॉब को चुन लो।

लेकिन इस बार छाया अड़ गई थी अनुराग की कोई भी बात अच्छी नहीं लग रही थी अगले दिन सुबह होते ही छाया इंटरव्यू देने के लिए निकल गई थी अनुराग ने  जाते हुए छाया को बोला अब आज के बाद से तुम्हारे लिए घर के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए। छाया ने अनुराग की बातों को बिल्कुल ही अनसुना कर दिया था बाहर ऑटो वाला खड़ा था और वह इंटरव्यू के लिए चल गई थी।  छाया इंटरव्यू में सिलेक्ट हो गई थी और अगले दिन से ही उसे जॉइनिंग के लिए बोल दिया गया था। शाम को जैसे ही घर आई अनुराग घर पर ही था उसने बोला अब तुम्हारे लिए यह घर के दरवाजे बंद हो गए हैं अब तुम यहां नहीं रह सकती हो छाया ने गुस्से में बोला मैं भी यहां पर रहने नहीं आई बल्कि मैं अपना सामान लेने आई हूं।

मुझे उस इंसान के साथ बिल्कुल भी नहीं रहना जो  इतनी गिरी हुई सोच रखता है औरतों के बारे में छाया बैग उठाई ये  घर छोड़कर हमेशा के लिए चली गई।

रास्ते में जाते हुए बस यही सोच रही थी पत्नी चाहे कुछ भी कर ले वह कभी भी प्रेमिका नहीं बन सकती है।

 

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