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मेरी जिंदगी – प्रीति सक्सेना

एक एक सांस को तरसती मेरी जिंदगी, हाथों से फिसलती सी मेरी जिंदगी, खूब जीने की चाहत रखे मेरी जिंदगी, अपनों के साथ थोड़ा और जी लूं ये हसरत रखे मेरी जिंदगी, बच्चों और उनके पिता को नज़र भर के देखने को आतुर मेरी जिंदगी………… दुःख हो या सुख, खुशी हो या गम, कम हो या ज्यादा

पर सच तो यह है जिंदगी बहुत बहुत बहुत खूबसूरत है!!

    कहते हैं ईश्वर जिनसे बहुत प्यार करते हैं उनकी परीक्षाएं कुछ ज्यादा ही लेते हैं, नहीं जानती थी इतनी तकलीफ सहन करना पड़ती है ईश्वर की नज़दीकी पाने के लिए!!

मेरे जीवन में आई वो काल रात्रि 8 अगस्त 1999 को मैं अपनी स्मृतियों से कभी विस्मृत नहीं कर पाऊंगी, ” करैत” सर्प मेरा काल बनकर धीरे धीरे मेरी तरफ़ रेंग रहा था….. मैं हर चिन्ता हर फिकर से कोसों दूर निंदिया रानी की गोद में आराम से लेटी रंग बिरंगे सपनों में खोई हुई थी…… सर्प जीभ लपलपाता मेरी ओर द्रुत गति से आता गया……. और मेरी कलाई पर जोरदार अपने विषैले दांतो से भीषण प्रहार कर दिया!!




  मैं दर्द भरी चीत्कार के साथ उठ बैठी, राखी का त्यौहार मनाने भाई के घर गई थी पूरा परिवार था मेरे साथ…. आनन फानन में मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, सांसों ने साथ छोड़ दिया, वेंटीलेटर लगाया गया, सच बहुत दर्द भरी प्रक्रिया थी, शरीर नीला होने लगा, आंखे पथराकर एक जगह स्थिर हो गईं 

हर जगह सुइयां चुभने का अहसास, न जानें कितने इंजेक्शनो

से बिंध गई मैं!!

दर्द सहा नहीं जा रहा था, कुछ कह भी नहीं पा रही थी, ईश्वर से बस अपने जीवन की भीख मांग रही थी!!

इस विषम परिस्थिति में जहां सांसे भी वेंटीलेटर के द्वारा उधार की मिल रही थी, वहीं मेरी जीने की जिजीविषा अपनी चरम सीमा पर थी, मेरा आत्मविश्वास अपनी हदों को पार करने को बेकरार था, मेरी इच्छा शक्ति मौत के समक्ष खड़ी आंखों में आंखे डाले उसे चुनौती दे रही थी, मुझे महसूस हो रहा था, मशीनों में घिरा मेरा शरीर एक शक्ति पुंज से घिरा हुआ है, मुझे मेरे आराध्य महादेव और मातारानी ने अपने हाथों से मुझे थामा है, संबल दिया है!!

      जिंदगी ने जंग जीती और मैं मृत्यु के मुख से बाहर आ गई, जिंदगी कभी बुरी नहीं होती, क़िस्मत से मिलती है ये जिंदगी , इसकी कद्र करोगे तो जिंदगी भी तुम्हें साथ जरूर देगी!!

कोशिश करो कुछ ऐसा कर जाओ अपने जीते जी….. जिसे फख्र से दुनियां याद रखे  तुम्हारी जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी!!

#जिंदगी

प्रीति सक्सेना

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