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मेरी मां और नानी मेरा स्वाभिमान हैं !! – स्वाती जैंन

तुम अगर कमा नही सकते वरुण तो मैं तुम्हारे साथ नहीं रह सकती , मैं अकेले कब तक घर का खर्चा पूरा करती रहूंगी !!

बेटी माहिरा भी बड़ी हो रही है , आगे जाकर यह क्या सोचेगी की उसका पिता एक निकम्मा इंसान था संध्या बोले जा रही थी !!

वरुण बोला बस करो संध्या वर्ना मेरा हाथ उठ जाएगा , तुम बहुत ज्यादा बोल रही हो !!

सास मालती जी कमरे से आकर बोलीं बेटा इसमें इसकी गलती भी क्या जैसा इसकी मां और नानी ने किया यह भी तो वैसा ही करेगी आखिर उनका ही खून है। मैंने तुझे इनके खानदान से रिश्ता जोड़ने से पहले इसलिए समझाया भी था जिसकी मां और नानी अपना घर तोड़के बैठी हैं उनकी लड़की हमारा घर क्या खाक जमाएगी, अब भुगत मैंने तो पहले ही समझाया था मगर तेरी मति मारी गई थी !!

संध्या बोली मां आप मेरी मां और नानी का नाम बीच में ला रही हैं तो सुनिए मेरी नानी उस समय एक शिक्षिका थीं जब उनकी शादी हुई थी !!

मेरी नानी कभी अपना घर नही छोड़तीं अगर उन्हें उनके ससुराल वाले दहेज के लिए बार – बार यूं परेशान ना करते !!

नानी ने उस जमाने में दहेज लेनेवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था !!

अगर नानी उस समय यह कठोर निर्णय नहीं लेती तो शायद उन्हें भी दहेज के लोभियों ने जला या मार दिया होता !!

नानी हिम्मत वाली थीं वे जानती थीं ऐसे लोगों को सजा देना जरूरी है और उन्होंने मेरी मां को अकेले पाला- पौसा !!

मेरी मां की शादी एक अच्छे घर में करवाई थी , पापा भी पहले बहुत अच्छे थे मगर बाद में बुरे दोस्तों की संगत में उन्हें शराब की लत लग गई !!

शराब के नशे में वे ऐसा डूबे कि उन्होने मां को मारना – पीटना शुरू कर दिया !! उस समय मैं माहिरा जितनी छोटी थी जब मां ने पापा से अलग होने का फैसला लिया !!




मां ने अपना बुटीक खोला , अकेले मुझे पढ़ाया- लिखाया !!

मां खुश थीं पापा से अलग होकर , पापा ने हमारी जिंदगी नर्क बना दी थी मगर मां ने अपने अकेले दम पर आज मुझे इस काबिल बनाया कि मैं आप लोगों का पूरा खर्च अकेले निकाल रही हूं !!

मेरी माँ और नानी मेरा स्वाभिमान हैं , मैं कतई बर्दाश्त नही करूंगी कि कोई मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचाएँ !!

मां कमी आपके बेटे में है कि वह हर जॉब दो महिने में छोड देता है और फिर छः महीने नाकारा की तरह घर बैठ जाता है !!

आज मैंने भी यह कठोर निर्णय इसलिए लेने की सोची ताकि आगे चलकर मेरी बेटी माहिरा की जिंदगी आसानी से गुजरे !!

कामिनी जी बोलीं मेरा बेटा अच्छी जॉब की तलाश में घर बैठता है , यहाँ – वहाँ इंटरव्यू देता है तुझे यह सब तो नही दिखाई देता !!

मां हर जॉब में सैलेरी धीरे – धीरे बढ़ती है और आप दूसरी जगह इंटरव्यू दो इसमें कोई बुराई नही है , जहाँ ज्यादा सैलेरी मिलती है वहाँ जाओ मगर यह सब जॉब के रहते भी तो कर सकते हैं इसका मतलब यह तो नहीं कि अच्छे जॉब की तलाश में घर बैठ जाओ !!




मुझे नही रहना यहां मैं जा रही हूं वरुण !!

वरुण बोला रुक जाओ संध्या , मैं जानता हूं मैं गलत हूं , मैं आलसी हूं मगर आज ही मैं नया इंटरव्यू देने जाउंगा और चाहे कम सैलेरी हो मैं जॉब करूंगा , उसी जॉब के रहते दूसरी जगह इंटरव्यू देते रहूंगा ताकि ओर अच्छी सैलेरी वाली जॉब मिल सकें , मुझे छोड़के मत जाओ!!

बेटे को उदास देख कामिनी जी भी बोलीं बहु वरुण को आखिरी मौका देकर देखो और मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारी नानी और मां के बारे में अपशब्द कहें !!

वे दोनों साहसी हैं शायद उनकी जगह मैं होती तो यह सब ना कर पाती !!

किसी को बिना जाने परखे उनकी जिंदगी में क्या हुआ होगा सोचे बिना इतनी बड़ी बात कह गई मैं गलत थी !!

आज तुमने मेरे बेटे को सबक दिया है वह सुधर जाएगा !!

संध्या भी रुक गई बदलाव के इंतजार में !!

दोस्तों ,कभी – कभी हम लोगों की पिछली जिंदगी जाने बिना उन्हें जज कर देते हैं मगर हर बात के पीछे कोई ना कोई वजह होती हैं जो हम नही जानते इसलिए किसी को यूं जज ना करें !!

आपको मेरी लिखी कहानी कैसी लगी ?? अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे तथा मेरी अन्य रचनाएँ पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य करें !!

आपकी सखी

स्वाती जैंन

 

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