मरते समय मां ने रीना से कहा था ये दो छोटे भाई बहन को जिम्मेदारी तेरी है इनको मां बनकर ही पालना 20 साल की रीना ने अपने उपर जिम्मेदारी ले ली और पढ़ाई छोड़ कर नौकरी कर ली पिताजी तीन लड़कियां होने पर मां को छोड़ कर चले गए थे पता नही जिंदा भी है यहां नही उन्होंने कभी खबर नही ली
इस बात की कुंठा मां बच्चों पर निकालती खास कर रीना जो सबसे बड़ी थी मीना ,और टीना उस से चार और छे साल छोटी थी मां नौकरी करने जाती पीछे से रीना पढ़ाई के साथ घर की जिम्मेदारी उठाती
बचपन से ही रीना प्रेम से वंचित थी जब भी किसी मां पिता को बच्चों को प्यार करते देखती तो उसका दिल भी टीस उठता की कोई उसे भी ऐसे ही प्यार करे स्कूल से कॉलेज मैं आई तो देखा लड़किया लड़कों के साथ घूमती उनके किस्से सुनाती कई बार रीना को भी लगता वो भी किसी लड़के को पसंद कर ले शायद बही प्यार की कमी पूरी कर दे पर अपने हालात देख कर ध्यान पढ़ाई पर लगा लेती
इधर मां भी जिम्मेदारी और तीन लड़कियों की चिंता मैं बीमार रहने लगी पैसे बचाने मैं घर मैं ही दवाई खाती रहती कई बार रीना कहती मां चलो डॉक्टर के दिखा आए पर मां कहती मैं ठीक हूं और एक दिन शरीर जवाब दे गया मां इस दुनिया को छोड़ गई
रीना ने रात दिन मेहनत करके मीना और टीना को पढ़ाया फिर उनकी नौकरी लग गई इसी बीच कई लड़कों ने रीना को शादी का प्रस्ताव रखा पर रीना दोनों को शादी करना चाहती थी इसलिए इनकार कर देती पर प्रेम पाने की टीस मन मै उठती रहती
समय के साथ दोनों ने लड़का पसंद किया रीना ने मां बनकर दोनों की शादी कर दी और अपनी जिम्मेदारी निभाई मीना बोली दीदी आपकी कसम पूरी हो गई अब आप भी अपनी जिंदगी के बारे मैं सोचो रीना मुस्कुरा कर रह गई
ऑफिस मैं काम करने वाला सुभाष रीना से अक्सर बात करता धीरे धीरे रीना भी उसके साथ वक्त बिताने लगी उसे अच्छा लगता उसका साथ और समय के साथ दोनों करीब आ गए और शादी करने का फैसला किया
रीना खुश थी की अब उसे भी कोई प्रेम करने वाला होगा कल को उसके भी बच्चे होंगे अपनी दुनियां होगी एक दिन सुभाष रीना के घर ही आ गया और अकेलेपन का फायदा उठा कर रीना के साथ संबंध बना लिए रीना भी कमजोर पल मैं खुद को सम्हाल नही पाई
उसने सुभाष से कहा हम जल्दी ही शादी कर लेते है सुभाष ने कहा हां कुछ दिन मैं ही मेरे माता पिता आने वाले है और फिर तो सुभाष रोज ही घर आ जाता और रीना को भी यकीन था अब तो शादी हो ही जाएगी तो बो भी न नही बोलती और पंद्रह दिन बाद जब रीना जोर देने लगी तो सुभाष गायब हो गया उसने घर का को नंबर दिया था पता चला वो उसके माता पिता थे ही नही रीना पूरी तरह टूट चुकी थी उसने मान लिया की यही नियति है की उसे सिर्फ प्यार देना है प्यार पाना उसकी नियति नही है
उसने अपने घर को अनाथ आश्रम बना दिया जहां बेसहारा बच्चों को प्यार मिले ..!
स्वरचित
अंजना ठाकुर
#नियति