मेरी बहू सबसे अच्छी…. – सविता गोयल

नमिता जी और प्रकाश जी आज बहुत खुश थे। आज उनके बेटे विहान को एक बड़ी कंपनी में सी ई ओ की पोस्ट मिली थी । नमिता जी को अपनी परवरिश और अपने बेटे की काबिलियत पर बहुत नाज था। अब बस वो जल्दी से अपने बेटे के लिए उसके लेबल की ही बहू लाना चाहती थीं ।

  ढ़ेर सारे सपने उनकी आंखों में तैर रहे थे कि विहान के लिए वो ऐसे घर की बहू लेकर आएंगी कि सारे नाते रिश्तेदार देखते रह जाएंगे ।  अक्सर उनके परिवार में उनकी जेठानी की बहू के चर्चे होते थे क्योंकि वो बहुत बड़े खानदान की बेटी थी और अपने साथ इतना दहेज लेकर आई थी कि जेठानी जी का घर भर गया था।  शायद उनकी इस मनसा का राज अपनी जेठानी से थोड़ी जलन भी थी ‌।

वो प्रकाश जी से बोलीं ,” सुनिए ना, मैंने पता लगाया है कि वो जो कपड़े के बड़े व्यापारी दामोदर जी हैं ना उनकी बेटी के लिए भी वो रिश्ता देख रहे हैं .. आप अपने विहान की बात वहां क्यों नहीं करते ? ,,

” नमिता  , वो लोग तो खानदानी रईस हैं  । इतने बड़े घर की बहू लाओगी तो उसके नाज नखरे भी तुम्हें उठाने पड़ेंगे ।  ,, प्रकाश जी बोले ।

” हां तो , हम कौन से कम हैं । हमारा बेटा भी अब सी ई ओ है ।  ,, नमिता जी गर्व से बोली।

  नमिता जी अपनी तरफ से लड़की की खोज में हीं थी कि एक दिन विहान ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया । उसने अपनी ही कंपनी में काम करने वाली तनु से शादी करने का फैसला अपने माता-पिता को सुना दिया ।

नमिता जी नाराज होते हुए बोलीं, ” इतने साधारण घर की लड़की लाकर तुझे क्या मिलेगा.. तूं इतनी बड़ी पोस्ट पर तेरे लिए तो इतने पैस वाले घरों के रिश्ते आ रहे हैं… ,,




लेकिन विहान भी जिद्द पर अड़ा रहा…

प्रकाश जी तो बेटे की खुशी में खुश थे लेकिन नमिता जी तैयार नहीं हो रही थी । काफी समझाने और बेटे की ज़िद के कारण वो मान तो गई लेकिन तनु को वो कभी बहू का दर्जा देना ही नहीं चाहती थीं ।

तनु बहु बनकर उनके घर आ गई लेकिन नमिता जी हमेशा उससे उखड़ी उखड़ी रहतीं । हर काम में कमी निकालती रहतीं फिर भी तनु उनकी बातों को नजरअंदाज कर देती ।

नमिता जी को खुश करने के लिए वो सुबह जल्दी उठकर घर के काम भी कर लेती थी। विहान पहले आफिस चला जाता था लेकिन तनु कुछ देर बाद आफिस के लिए निकलती थी ।

एक दिन तनु आफिस के लिए निकल ही रही थी कि नहा कर बाथरूम से निकलते हुए नमिता जी गिर पड़ीं। नमिता ने जल्दी से उन्हें संभाला लेकिन नमिता जी का सारा शरीर अकड़ गया था।तनु झटपट उन्हें अस्पताल ले गई और विहान और प्रकाश जी को भी फोन कर दिया।

   नमिता जी को आधे शरीर में पैरालाइज्ड आ गया था। वो खुद से उठ  पाती थीं ना कुछ बोल पाती थीं । तनु ने आफिस से छुट्टी लेकर अपनी सास की बहुत सेवा की । समय पर दवा पानी देना और नहलाना धुलाना भी खुद ही करती थी ।

नमिता जी नम नजरों से बस तनु को देखती रहतीं । तनु की सेवा से कुछ दिनों में हीं नमिता जी की हालत में सुधार आने लगा था।

  मिलने के लिए भी सभी रिश्तेदार आते रहते थे। नमिता जी की जेठानी भी उनसे मिलने आईं ।

  पहले जो नमिता जी अपनी बहु की कभी तारिफ नहीं करती थी अब सबके सामने कहतीं , ” मेरी बहू ने मेरी बहुत सेवा की है। इसने तो सच में मेरा घर प्यार से भर दिया। ,,




नमिता की आंखें ये सुनकर नम हो गईं थीं । आखिर अपने व्यवहार से उसने अपने सास के दिल में भी अपनी जगह बना हीं ली।

#इज्जत 

सविता गोयल

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