मेरे माफ करने से अब कुछ नहीं बदलेगा – बीना शर्मा : Moral stories in hindi

बेटे रजत की शादी के कुछ दिनों बाद जब उसकी मम्मी विमला  अपनी सास शकुंतला से मिलने आई तो उनके  आश्चर्य का ठिकाना ना रहा था उसका बेटा राकेश जब 5 साल का था तभी उसके पति रवि की दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई थी पति के जाने के बाद शकुंतला ने एक कंपनी में नौकरी करके अपने बेटे राकेश का पालन पोषण किया था.

शिक्षा पूरी करने के बाद जब वह एक कंपनी में नौकरी करने लगा तो शकुंतला ने बड़े अरमानों के साथ यह सोचकर की बेटे की शादी करके अब कुछ समय चैन से बिताऊंगी उसकी शादी विमला से कर दी थी शादी के बाद विमला जब दुल्हन बनकर उसके घर आई तो खुशी से उसने  ढोल बाजे के साथ उसका स्वागत किया था मगर शादी के कुछ दिन बाद ही  शकुंतला की सारी खुशी काफूर हो गई थी।

   दरअसल राकेश का शादी से पहले ही एक नियम था कंपनी से आने के बाद कुछ समय अपनी मम्मी के पास व्यतीत करना शादी के बाद एक दिन कंपनी से आने के बाद  राकेश अपनी मम्मी के साथ कुछ समय व्यतीत करने के बाद जब अपने कमरे में गया तो विमला उसे देखकर गुस्से में बोली”यदि तुम्हें अपनी मम्मी के साथ ही समय व्यतीत करना था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की?

मैं नहीं चाहती कि तुम थोड़ा सा भी वक्त अपनी मम्मी को दो यदि आज के बाद तुमने जरा सा भी वक्त अपनी मम्मी को दिया तो मैं हमेशा के लिए तुमसे अपना रिश्ता तोड़ दूंगी हमारा रिश्ता बनाए रखने के लिए तुम्हें हम दोनों में से किसी एक को चुनना होगा”पत्नी की बात सुनकर राकेश का मन दुखी हो गया था क्योंकि वह अपनी मम्मी से बहुत प्रेम करता था जब उसने विमला को समझाने का प्रयास किया तो राकेश की बात समझने की बजाय वह उल्टा उससे  बोली”मुझे समझाने की बजाय अपनी मम्मी को समझाओ।”

      बेटा बहू की बात सुनकर शकुंतला  भी अपने कमरे से बाहर आ गई थी जब उन्होंने अपनी बहू की बात सुनी तो दुखी मन से उन्होंने मन ही मन एक फैसला ले लिया था अपने बेटे बहु से दूर शहर में ही पुराने मकान में रहने का जो उनके पति ने अपनी कमाई से बनाया था जब शकुंतला अपना सामान बांधकर पुराने मकान में जाने लगी तो राकेश उन्हें रोकते हुए बोला”विमला की बातों में आकर मुझे छोड़कर मत जाओ आपके बगैर मैं खुश नहीं रह पाऊंगा।”

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     यह सुनकर शकुंतला उसे समझाते हुए बोली”बेटा यदि मेरी वजह से तुम दोनों के बीच झगड़ा हुआ तो मैं भी कहां खुश रह पाऊंगी अपने बच्चों की खुशी में ही तो मां की खुशी होती है तू मेरी चिंता मत कर खुशी खुशी बहू के साथ रह मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है।”तब मम्मी की बात मानकर जब राकेश ने उन्हें खर्चे के लिए कुछ पैसे देने चाहे तो  विमला ने उसे पैसे देने से साफ मना कर दिया था तब बेटे को समझाते हुए उसकी मम्मी शकुंतला बोली”बेटा मुझे जो पेंशन मिलती है मैं उसी से अपना गुजारा कर लूंगी तू अपना दिल दुखी मत कर” कहकर अपना सामान लेकर वह अपने पुराने मकान में रहने के लिए आ गई थी।

     पुराने मकान में आने के बाद विमला कभी भी अपनी सास का हाल-चाल नहीं पूछती थी ना ही खाना बना कर देती थी शकुंतला खुद ही घर का सारा काम करती थी जब भूख लगती तो एक समय खाना बनाती और उसे दोनों समय खा लेती थी।

     कुछ समय बाद विमला ने एक बेटे को जन्म दिया तो प्यार से उसने उसका नाम रजत रखा था बेटे के जन्म की खुशी में राकेश ने कुछ दिनों के लिए जब अपनी मम्मी को अपने पास बुलाना चाह तो विमला ने उन्हें अपने घर बुलाने से साफ इनकार कर दिया था तब राकेश मन मसोसकर रह गया था एक शहर में रहने के बावजूद भी शकुंतला अपने बेटे और पोते की शक्ल देखने को भी तरस जाती थी समय बीतने के साथ-साथ  रजत भी बड़ा होता गया विमला ने शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय में रजत का दाखिला करा दिया था जहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की शिक्षा पूरी करने के लिए उसने उसे दूसरे शहर भेज दिया था जहां से शिक्षा पूरी करने के बाद जब उसे एक बड़ी कंपनी में जॉब मिल गई तो विमला ने बड़ी धूमधाम से उसका विवाह एक पढ़ी-लिखी और आधुनिक लड़की रजनी से कर दिया था।

       रजत की शादी के बाद विमला यह सोचकर बड़ी खुश थी की बहू उसकी बहुत सेवा करेगी परंतु, शादी के अगले दिन ही रजनी हनीमून मनाने के लिए रजत के साथ विदेश चली गई थी और वहां से आने के बाद वह वापस अपनी ससुराल जाने की बजाय अपने मम्मी पापा के पास पड़ोस में ही एक मकान किराए पर लेकर उसमें रहने लगी थी

जब विमला ने बेटा  बहु से वापस घर आने को कहा तो रजनी घर वापस आने से साफ इनकार करते हुए बोली”मम्मी जी उस घर में मेरा मन नहीं लगता आप ही रहिए उस घर में बेटे ने भी पत्नी की खुशी का वास्ता देते हुए उनसे घर लौटने से साफ निकल कर दिया तो दुखी मन से वह पति की तरफ देखने लगी थी तब राकेश गुस्से में बोला”मेरी तरफ क्या देखती हो? तुमने भी तो मेरी मम्मी के साथ ऐसा ही किया था अब भुगतो अपनी करनी का फल जाओ जाकर अपनी गलती के लिए मम्मी से माफी मांग लो।”

          पति की बात सुनकर वह लज्जित हो गई थी सास से माफी मांगने के लिए जब वह उनके पास गई तो शकुंतला मुस्कुराते हुए बोली”मेरे माफ करने से अब कुछ नहीं बदलेगा क्योंकि इंसान को वही मिलता है जो वह दूसरों को देता है ऊपर वाला हमें वह नहीं देता जो हमें अच्छा लगता है बल्कि वह देता है जो कर्म हमने किए होते हैं”सास की बात सुनकर अपनी गलती पर पश्चाताप करते हुए विमला वापस अपने घर आ गई थी।

बीना शर्मा

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