मेरा प्यारा दोस्त – कुसुम पाण्डेय

आज फिर उसकी याद आ गई बचपन के दिन थे, मेरी उम्र रही होगी तकरीबन 14 साल, एक ही क्लास में पढ़ते थे हम दोनों ,बहुत ही होशियार था वह, क्या कहूं उसके बारे में बहुत ही होशियार और शरारती भी,गणित तो जैसे उसके बाएं हाथ का खेल था ,और ईश्वर की कृपा से मैं उसी विषय में कमजोर थी मेरा स्वभाव कुछ ज्यादा ही चंचल था ,हंसने में कम और पढ़ाई में कम मन लगता था पर हां नंबर हमेशा अच्छे ही आ जाते थे , क्योंकि वह प्यारा दोस्त हमेशा मेरी मदद भी करता था भले ही मुझे पगली बोलता था, और मैं उसके पगली कहने से हमेशा चिढ़ जाती थी, और मैं कहती पागल मैं नहीं तू है, अरे मैं उसका नाम बताना तो भूल ही गई मेरे प्यारे दोस्त का नाम था आकाश पांडेय,,

पापा उसके बैंक मैं कैशीयर थे,, हंसते खेलते दिन बीत रहे थे , कहते हैं ना समय कोई इंसान रोक नहीं सकता ,,इसी नोकझोंक में 2 साल कब बीत गए पता ही ना चला ,, वह मुझे हमेशा कहता पढ़ाई में ध्यान दे ले पगली वही भविष्य में काम आएगा , और मैं फिर चिढ़ के मारे कहती, तू पढ़ पागल मैं तो वैसे ही होशियार हूं,,

मुझे लगता काश यह पागल  स्कूल ही ना आए तो मैं बहुत खुश रहूंगी हमेशा मुझे चिढ़ाते रहता है,,

पर मुझे यह नहीं पता था कि भगवान मेरी बात को बहुत सीरियसली सुन रहे हैं, एक दिन वह स्कूल आया, और उसने कहा कि उसके पापा का ट्रांसफर हो गया है और उसे उस स्कूल छोड़कर जाना पड़ रहा है,,

पता नहीं क्यों पर उसकी आंखों में आंसू थे और मुझे भी बिल्कुल अच्छा नहीं लगा,, आखिर वह दिन भी आ गया जब मेरा प्यारा दोस्त हमारे शहर से चले गया हमेशा हमेशा के लिए,,

दिनभर मेरा स्कूल में मन नहीं लगा ,आंखों से बरबस ही आंसू छलक जाते,, घर आकर मैं बहुत रोई सब से छिपकर,, पता नहीं क्यों उसकी शरारती उसकी बातें बहुत याद आती थी,, खैर कहते हैं ना समय से बढ़कर कोई मरहम नहीं होता धीरे-धीरे उसकी याद मन मस्तिष्क से धूमिल होने लगी,,

मेरी भी शादी हो गई , और हम भी घर परिवार के साथ अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गए,,


एक दिन ऐसे ही मैं बेटे के कॉलेज गई यह देखने के लिए यहां हॉस्टल कैसा है पढ़ाई कैसी होती है,,

मैं अपने बेटे के साथ सारे कॉलेज का मुआयना कर रही थी, तभी पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा मैं चौक गई, मैंने पीछे मुड़ कर देखा और पहचानने की कोशिश की, दिल ने कहा अरे यह तो वही है पागल,, क्या कहूं दिल की धड़कन अचानक से बढ़ गई,,

तभी मेरे बेटे ने उसका इंट्रोडक्शन मुझसे कराया मम्मी यह हमारे पांडेय सर हैं,,

और मेरी दोनों हथेली हाथ जोड़ने की मुद्रा में खड़े हो गए मैंने कहा आप यहां प्रोफेसर हैं,, उनके मुंह से अचानक निकला ,,अरे तू कब से इतनी फॉर्मेलिटी करने लगी पगली

उसने कहा तेरा बेटा तो बहुत होशियार है तू तो पागल थी,, मैंने कहा आप फिर पागल बोलने लगे आपको मेरा पागल बोलना आज भी याद है, तो वह अचानक से हंसने लगे,, फिर मैंने घर परिवार के बारे में जानकारी लेनी चाही, मैंने पूछा अंकल आंटी कैसे हैं तो वह थोड़ा उदास हो गया ,उसने कहा कि वह दोनों अब इस दुनिया में नहीं है, एक कार एक्सीडेंट में वह दोनों चल बसे..

मैंने कहा ओह सॉरी मुझे पता नहीं था तो उसने फीकी सी हंसी हंसते हुए कहा ,तुझे कैसे पता होगा तू थोड़ी ना थी वहां पर,,

अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं इससे क्या पूछूं तो मैंने पूछा पत्नी कैसी है बच्चे कैसे हैं आपके,

वह फिर खिलखिला कर हंस पड़ा और कहने लगा जब शादी ही नहीं हुई तो पत्नी और बच्चे कहां से होंगे,, मैं आश्चर्यचकित हो गई ,कि इसने अभी तक शादी क्यों नहीं की, तो मेरा अगला सवाल उसके लिए यह था कि तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की,,


इस बार वह फिर खिलखिला कर हंस पड़ा ,,तो उसके कुछ कहने के पहले ही मैंने कहा यह डिपार्टमेंट तो मेरा था तुम्हें कब से इतनी हंसी आने लगी,, उसने हंसते हंसते ही मेरे सवाल का जवाब दिया तेरे जैसी पगली दूसरी मिली ही नहीं इसलिए मैंने शादी नहीं की,,

मैंने उसे समझाने के लहजे से कहा, एकाकी जीवन बहुत कठिन होता है तुम शादी कर लो, उसने मेरी इस बात का कोई भी जवाब नहीं दिया,,

खैर थोड़ी देर बाद चित करने के बाद मुझे देर हो रही थी तो मैं घर वापस आ गई,,

आज तकरीबन 2 महीने हो गए उस बात को,, एक दिन अचानक बेटे का फोन आया ,उसने कहा मम्मी पांडे सर की तबीयत बहुत खराब है ,मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने बताया उन्हें ब्रेन ट्यूमर है और वह हॉस्पिटल में एडमिट है

मन पता नहीं क्यों उस प्यारे दोस्त के लिए परेशान हो गया, मैंने उन्हें फोन लगाया रिंग जाती रही पर किसी ने नहीं उठाया,

आज 3 दिन बाद उसका फोन आया आवाज लड़खड़ा रही थी,, उसने कहा मैं जा रहा हूं पगली पर इस बार वापस आने के लिए नहीं हमेशा के लिए और हंस पड़ा

मैं रो पड़ी मैंने कहा ऐसा क्यों कह रहा है तू , टेंशन मत लो तुम ठीक हो जाओगे, उसने कहा क्या करना है जी कर,, है ही कौन जीवन में ,,मैंने कहा तू ऐसा क्यों बोल रहा हैं, मेरा बेटा है और मेरे बेटे जैसे लाखों बच्चे हैं ,,जिनका भविष्य तुझे सवारना है ,,तुम्हें उनके लिए जीना होगा ,, ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि मेरे दोस्त को जल्दी ठीक कर दे …

उसका ऑपरेशन होने वाला है आप सभी दुआ करें कि मेरा दोस्त जल्दी से ठीक हो जाए….

स्वरचित

***कुसुम पाण्डेय***

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!