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मै रहूं या ना रहूं( एक  प्रेम कहानी) – सपना शर्मा काव्या

 

कुछ घटनाएं हमारी ज़िंदगी में ऐसी हो जाती है जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है। लेकिन वो कहते है भगवान है तो सब कुछ मुमकिन है। हां अगर ये घटना मेरे साथ ना हुई तो शायद मेरा भी यकीन करना मुश्किल ही होता । मै रोज की तरह आज भी लास्ट में अपनी फ्लाइट का डोर बंद कर के पीछे मुड़ी तो एक बहुत सुंदर और बड़ी सौम्य सी मुस्कान वाली आंटी खड़ी थी। नीले रंग की साड़ी बहुत जच रही थी उन पे  बड़ी सी बिंदी इस उम्र में भी केश राशि घुटनों तक थी बड़ा गजब का तेज था उनके चेहरे पे अलग सी मासूमियत उनको देख के मैने चेहरे पर भी मुस्कान आ गई मैने भी मुस्करा के उनको अभिवादन किया और पूछा आंटी आप को कुछ चाहिए। आप यहां कैसे आ गई आपकी  सीट किधर है आइए। मै आपको आपकी सीट पर छोड़ देती हूं और मैं उनका हाथ पकड़ने लगी तो उन्होंने अपना हाथ पीछे कर लिया और बोली मैं ठीक हूं मुझे कुछ नहीं चाहिए बेटा और एक सीट की तरफ इशारा कर के बोली की बेटा वो मेरी सीट है मैने देख एक बुर्जुग अंकल बड़े इत्मीनान से वहा सोए हुए थे। आंटी थोड़ा हस के बोली जी मेरे हसबैंड है वो इनको नींद बहुत आती है जब देखो जहां देखो सो जाते है। तो बेटे एक काम करना।

आप जब हमारा डेस्टिनेशन आ जाए तो इनको जगा देना। कहीं सोते न रह जाए। मैने मुस्कुरा के बोला ठीक है आंटी आप चिंता मत करो मैं जगा दूगी। आंटी ने भी मुस्कुरा थैंक्यू बोला जभी मुझे मेरी कुलीग रिद्धि की आवाज आई और वो मुझे बात करने लगी फिर हम दोनो ही अपने काम में बिजी हो गए और फिर आंटी पर मेरा ध्यान ही नहीं गया।

प्लेन ने लैंड किया सभी यात्री धीरे धीरे जा रहे थे। लेकिन वो अंकल अब भी सो ही रहे थे। मुझे उनको देख के आंटी की बात याद आ है आंटी कहीं दिखी नहीं तो लगा शायद वाशरूम में चली गई होगी। तो मैने अंकल को जगा दिया और बोला अंकल जी जागिए मुंबई आ गया। तो अंकल जी थोड़ा हड़बड़ा के जागे और बोले सोरी बेटा मेरी आंख लग गई थी। अच्छा किया जो जगा दिया वो क्या है मुझे कुछ नींद ज्यादा ही आती है। मैने सीधे स्वभाव बोल दिया हां अंकल जी मालूम है। और जाने लगी तो अंकल जी बोले एक सेकेंड बेटा मेरी इस आदत के बारे में आप कैसे जानती हो। 



मै रुकी और मुस्कुरा के कहा आपके साथ जो आंटी जी हैं उन्होंने ही बताया था की आप को जगा दू जब प्लेन लैंड करे तो। अंकल जी थोड़ा हैरान हुए। बोल मेरे साथ मैने कहा हां आपके साथ होगी अभी यही कही अंकल ने कहा तुमने सच मे उनको देखा था ? 

मैने बोला हां देखा था। और मेरी बात भी हुई थी उनसे बहुत फिक्रमंद थी आप के लिए। इतना सुन के उनकी आंखों से आंसू आ गए और वो रुमाल से अपनी भीगी आंखे साफ करने लगे मुझे उनके रोने का कारण समझ नहीं आया तो मैने पूछ लिया क्या हुआ अंकल जी आपका मन क्यों भारी हो गया। 

अंकल जी बोले क्या पहना था उसने ? मैने बोला ब्लू कलर की साड़ी थी। बहुत गोरी सुंदर है आंटी जी। वो बोले सुंदर है नहीं थी बेटा मैं उसकी डेड बॉडी लेकर ही जा रहा हूं और उसने अभी भी नीली साड़ी ही पहनी हुई है। इतना बोल के वो फफक के रोने लगे। जब ही मुझे याद आया वो एकदम ही सामने आई थी। 

जब की उनको मैने चेकिंग के दौरान नही देखा था। और वो पूरे रास्ते भी मुझे कहीं नहीं दिखी। मुझे विश्वास नही हो रहा था। मैने अपने साथ जो स्टाफ था उनसे भी पूछा क्या कोई बुर्जुग लेडी ब्लू साड़ी में यहां थी आज तो सब का जवाब नहीं था। मै शौक में थी और सोच रही थी। कितना अटूट प्रेम था अंकल आंटी का जो मरने के बाद भी आंटी आ गई। और मरने के बाद भी अंकल की कितनी चिंता थी।उनका मोह नहीं छूटा था सच ही कहा है किसी की सच्चा प्यार कभी नहीं मरता। मरता है तो सिर्फ इंसान प्यार हवाओ में रहा जाता है।

 

#प्रेम 

 

                                          (सपना शर्मा काव्या)

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