जीवन का सवेरा (भाग – 4) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“जब तक चाय आती है, अपने बारे में बताओ रोहित। दोस्त के बारे में कुछ तो मालूम होना ही चाहिए।” रोहित के फिर से बैठते ही आरुणि कहती है। “करेक्ट.. फिर हम सब भी चाय के साथ अपना अपना परिचय देंगी।” तृप्ति आरुणि के कथन पर स्वीकृति की मुहर लगाती हुई कहती है। रोहित सबको … Read more

हमसफर- पूजा शर्मा : Moral Stories in Hindi

आप दोनों भाई समझाइए ना पापा जी को डॉक्टर ने भी मम्मी जी को जवाब दे दिया है आखिर वेंटिलेटर पर कब तक रखेंगे उन्हें एक महीना हो गया है वह कोमा में है उन्हें अब घर ले आना चाहिए आखिरी सांस अपने घर पर ही निकल जाए तो अच्छा है पैसा पानी की तरह … Read more

एक दूसरे को समझें प्यार ऐसा होना चाहिए…-रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ सारी तैयारियाँ कर ली राशि… मेहमान अब कभी भी आते होंगे… जाओ तुम भी थोड़ा फ्रेश हो जाओ।” निकुंज ने राशि से कहा जो मेहमानों की ख़ातिरदारी में कोई कमी ना हो उसका ध्यान रख कर बारीकी से सब तैयारी करने में व्यस्त थी खाना बनाने में माहिर थी तो निकुंज भी जब ना … Read more

इनकी भी पहचान है- इरफाना बेगम : Moral Stories in Hindi

घर से बाहर निकलने के बाद हर सिग्नल पर मांगने वालों की कतार से मन खट्टा हो जाता है। कभी कभी इतना गुस्सा आता है कि इन पर जोर से चिल्लाने का मन होता है लेकिन ये सोचकर कि इनका तो कुछ नहीं होगा खुद का ही तमाशा बन जायेगा चुप ही रह जाते है। … Read more

पति वनाम हमसफर- माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पच्चीस तीस की उम्र होते होते लड़के पति तो बन ही जाते हैं ,लेकिन कुछेक बिरले ही इनमें से हमसफर बन पाते है। अधिकांश लोग तो ताउम्र अपने पति पने का ही रॉब जमाते रहते हैं। शायद ये पति यह भूल जाते हैं कि सिर्फ पति ही न बने रह कर हमसफर बन कर लाइफ … Read more

बेटा है तो क्या हुआ…- विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” अरी जन्मजली…ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने! अपने ही कोख जाये को सज़ा दिलवाते हुए तेरी जीभ नहीं जल गई…।” कोर्ट से बाहर निकलते हुए रामरति देवी ने अपनी बहू कलावती को दुत्कारा पर वह चुपचाप सुनती रही।वह तो एक ज़िन्दा लाश बन चुकी थी।यंत्रवत चलते हुए सबके साथ वह गाड़ी में बैठ गई।गाड़ी … Read more

माँ क्या सास अच्छी नहीं होती??-रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अच्छा सोचेंगे तो अच्छा ही होगा सुमन तू क्यों ये सब बोल रही है। ये बातें मीनू ने सुमन से तब कहीं जब वो उसकी बेटी की शादी तय होने पर बधाई देने आई। “बधाई हो मीनू , बेटी की शादी तय हो गई। तेरी दीक्षा का बहुत जल्दी रिश्ता हो गया। अब तो बेटी … Read more

हमसफ़र-उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

शोभा आज बहुत थक गई है ।अब शरीर नहीं चलता है क्या करे वह ।शरीर चलाना पड़ता है ।वह चाहती भी नहीं है कि किसी पर बोझ बने और हर जरूरत के लिए किसी पर आश्रित हो जाए।बेटा बहू दिल्ली में है अपनी नौकरी पर ।बहुत कहा उनहोंने “अम्मा, अब अकेले मत रहो,हमारे साथ चलो, … Read more

सह यात्री -बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   पापा-पापा, आप कहाँ हो?पंडित जी आने ही वाले हैं।आप नहाकर तैयार हो जाओ।आप हो कहाँ?     बोलते बोलते रोहन पापा के कमरे की ओर बढ़ गया,देखा पापा तो मम्मी की तस्वीर के सामने खड़े है,एकटक उधर ही देखते हुए,कुछ बुदबुदाते हुए।पापा अक्सर ही ऐसे ही मम्मी के फोटो के सामने घंटो बैठे रहते,सबकुछ भूलकर।ऐसे में रोहन … Read more

ईर्ष्या का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं -स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

बहु , नाश्ता बना या नहीं ?? तुम्हारे पापाजी और कुंदन को ऑफिस जाने लेट हो रहा हैं कविता जी अपने कमरे से गुस्से में बोली !! जी मम्मी जी बन गया हैं बस गर्म गर्म नाश्ता ही परोस रही हुं , राही अपने ससुर जी और पति कुंदन को नाश्ता परोसते हुए बोली !! … Read more

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