नई- नई नौकरी आज रमन को ज्वाइन करना था। माता पिता ने आशीर्वाद दिया और कहा बेटा मन लगाकर ईमानदारी से कार्य करना दादा परदादा काफी इज्जतदार रहें तुम्हारे,उनकी प्रतिष्ठा पर कलंक लगना हमें बर्दाश्त नहीं होगा।
यद्यपि इस नौकरी के लिए काॅम्पीटिशन बहुत ज्यादा था मगर मेहनती होने के कारण रमन ने यूपीएससी परीक्षा पास कर उनके द्वारा निर्धारित पात्रता मापदंडों को पूरा करते ‘इण्डियन फाॅरेस्ट सर्विस’ ज्वाइन कर ही ली और उसकी नियुक्ति केरल में फाॅरेस्ट आॅफिसर के पद पर हो गई ।
रमन बचपन से ही स्वभाव गत लालची इतना की कुबेर का कोष भी सन्तुष्ट न कर सके उसमें कम समय में ज्यादा पाने की इच्छाओं का लालच उसे कभी सन्तुष्ट ही नहीं होने देता था। उसका मन सदा अशांत ही रहता था। नई नौकरी में कुछ समय ही हुआ और उसके स्वभाव ने रंग दिखाना शुरू कर दिया… वह अधिक पाने की लालसा में दूसरों को दुख पहुँचाने से भी नहीं चूकता। उसका काम वन संरक्षण, शिकारियों, अवैध कटाई करने वालों को रोकना, जीव-जंतुओं, वनस्पतियों के संरक्षण का था ।अपने लालची स्वभाव वश चंदन लकड़ी तस्करों से जा मिला अब बेईमानी के काम से उसकी खूब कमाई होने लगी, दिन प्रतिदिन घौटाला होने की शिकायत पर संयुक्त टीम मुखबिर की सूचना पर एक दिन अवैध तस्करों का भंडाफोड़ हो ही गया जिसमें स्टाफ के कुछ लोगों के नाम में रमन का नाम भी शामिल था । धारा अधिनियम 1965 5-16 के तहत अपराध प्रकरण मामले मे वो गिरफ्तार हो गया …जब इंसान लालच कर बैठता है तब मानवता कलंकित होने लगती है। अधिक पाने का प्रयास चरित्र का हनन है । लालच में त्वरित लाभ भले ही होता मगर अंत नुकसान ही होता जैसे रमन के साथ हुआ… और फिर उसके परिवार, दादा परदादा की उसके लालच से इज्जत पर बट्टा लगना तो तय ही था उसे भला कैसे रोका जा सकता था ।
लेखिका डॉ बीना कुण्डलिया
मुहावरों पर आधारित लघुकथा
बट्टा लगना (कलंक लगना)