लड़के वाले सीजन -2 (भाग -2) – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि भाग एक में आपने पढ़ा कि उमेश ट्रेन में बैठ चुका हैं… उसके लिए शुभ्रा को पसंद कर लिया गया हैं… भाई समीर उसे छोड़कर चला जाता हैं… तभी उमेश अपनी सीट पर चादर बिछा रहा था… उसके पीछे जींस टी शर्ट पहने एक लड़की आयी… वो बोली.. एक्स क्यूज मी…. उमेश ने पलटकर देखा.. यह क्या ये लड़की तो…

अब आगे…

यह लड़की तो बस उमेश को निहारे जा रही थी… तभी उमेश बोला.. जी कहिये मैडम….

अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो क्या आप अपर बर्थ पर चले ज़ायेंगे … मुझे अपनी बर्थ दे दीजिये …

उमेश एक आर्मी मेन जो भली भांति औरतों की समस्या समझता था… बोला… ठीक हैं मैम नो प्रॉब्लम …

थैंक यू सो मच सर … वो लड़की उमेश का आर्मी बैग देखकर बोली… आप आर्मी में हैं??

जी… क्यूँ ?? कोई दिक्कत…. उमेश ताज्जुब से बोला…

जी… आई लाइक आर्मी मेन वैरी मच … नाइस टू मीट यू….

क्या आप थोड़ी देर नीचे ही बैठके मुझसे बात कर सकते हैं??

जी नहीं… आई एम वैरी टायर्ड … आई वांट टू स्लीप…. वैसे भी बेचारा उमेश अपनी शुभ्रा को देखने गया था… वहां की थकान मिटी नहीं कि घर पहुँचते ही निकलना पड़ा … तो नींद आना तो लाजमी हैं…

ओके … यू कैन स्लीप…. वो लड़की उमेश के मुंह से पटर पटर अंग्रेजी सुन उस पर फिदा हो चुकी थी… ये उम्र ही कुछ ऐसी हैं कि कोई खूबसूरत नौजवान वो भी इतना नम्र स्वभाव का … आर्मी मेन फिट सामने हो तो मन में ऊमंग जगने लगती हैं… पता होता हैं कि इसका भविष्य कुछ नहीं पर फिर भी ये बांवरा मन सपने बुनने लगता हैं… ठीक वैसे ही जैसे उस लड़की के मन में उमेश के लिए आकर्षण पैदा हो चुका था…

उमेश ऊपर अपनी बर्थ पर चला गया… अभी भी उसकी आर्मी कैंटीन की सेंट की खुशबू वो लड़की महसूस कर रही थी…

उमेश करवट बदल लेट गया… वो लड़की अभी भी बस उमेश को देखने में ही लगी थी…

तभी समीर का फ़ोन आया…

भईया… बैठ गए अच्छे से…

हां छोटे बैठ गया…. .छोटे मेरा वो काम कर देना…. शुभ्रा को देखने के बाद अब उसे हर दिन देखे बिना एक दिन भी उमेश के लिए भारी हो रहा था…

जी भईया… आप मस्त रहो… आपका भाई हैं ना … बस जुगाड़ चलाता हूँ कल ही… शुभ्रा भाभी का नंबर तो लाना ही हैं किसी भी तरह कुछ भी करके…

सुन छोटे… नंबर ना मिल पायें तो फोटो ही भेज देना कहीं से भी…

हां भाई … आप बेफिकर रहो… अच्छे से जाओ… बस आप पहुँचे .. पीछे पीछे भाभी की फोटो आ रही हैं…

ठीक हैं.. ये बता माँ पापा कैसे हैं??

आपको तो पता ही हैं भाई आप जिस दिन ज़ाते हो उस दिन तो माँ की गंगा जमुना रुकती नहीं…

वो तो जानता हूँ… तभी हिम्मत नहीं करी उनसे बात करने की… अच्छा सुन माँ खाना भी नहीं खायेगी आज… तू मेरी कसम दिलाकर खिला देना..

ठीक हैं भाई… फिकर नॉट … अच्छा भाई सो जाओ… थक गए होगे.. गुड नाइट … राधे राधे…

गुड नाइट छोटे… राधे राधे…

थक तो बहुत गया था उमेश पर जैसे ही उसने अपनी आँखें बंद कि उसे उसकी आँखों के सामने शुभ्रा हाथ में चाय की ट्रे लाती हुई दिखी..

फिर उसने करवट ली… आँखें बंद करने की कोशिश कि तो फिर शुभ्रा बोली… अच्छे से जाना.. मुझे याद मत करना ज्यादा. ..

अब तो ना तो उमेश को नींद आ रही थी.. बेचैंनी हो रही थी .. वो उठकर बैठ गया… अपने बैग से मैंगजीन निकाल पढ़ने लगा… तभी वो लड़की वाशरूम से आयी.. उमेश को बैठा देख बोली… आपको भी नींद नहीं आ रही ना ही मुझे… क्यूँ ना आप नीचे आ जायें … बातें की जायें .. सफर अच्छा कट जायेगा…..

उमेश सोचा चलो कोई नहीं . .. मैडम इतना फोर्स कर रही हैं तो नीचे बैठ जाता हूँ…. शुभ्रा का ख्याल तो भी कम आयेगा….

उमेश नीचे आकर बैठ गया…

आप कहां पोस्टेड हैं??

जी ये ट्रेन जहां तक जा रही हैं वहां…

वाओ … आपका बात करने का अन्दाज पसंद आया… आई एम औल्सो फरॉम भोपाल … वो लड़की बोली…

जी अच्छी बात है …. उमेश बोला… उमेश के मन में कोई चोर नहीं था इसलिये वो उस लड़की की आँखों में देखकर बिना झिझक के बातें कर रहा था…

जी आपने पूछा नहीं… मैं क्या करती हूँ??

जी… कुछ तो करती होंगी… मुझे ज़रूरत नहीं आपसे पूछने की…

दिल को चोट करने वाली बात बोल दी आपने तो… आपको पता हैं मैं आर्मी होस्पिटल में डेंटल हूँ….

उमेश ने बिना आश्चर्य के बोला… अच्छी बात हैं…

अब उस लड़की को गुस्सा आ रहा था कि इस लड़के से भी इतनी बड़ी पोस्ट पर हूँ मैं फिर भी इतना फीका रिस्पोंस … कोई और लड़का होता तो अब तक नंबर भी मांग लेता… हाथ पकड़ लेता … इतनी सुन्दर स्मार्ट टाल हूँ मैं फिर भी …. उसे लगा शायद शादीशुदा हैं उमेश… वो लड़की बोली… आई थिंक यू आर मैंरिड ?? एम आई राइट ??

जी नहीं…. इतना बोल उमेश एक्स क्यूज मी बोल फिर अपनी सीट पर चला गया… उसे लग रहा था कि लड़की ज्यादा ही इंटरेस्ट ले रही हैं… अबकि बार वो ऊपर गया तो चादर तानकर सो गया….

तभी एक चाय वाले की आवाज से उसकी नींद खुली… उमेश ने झांककर पूछा … कौन सा स्टेशन हैं भाई ??

भईया… भोपाल…. आ गया….

तुरंत झट से उठ उमेश ने अपने बाल ठीक किये … बैग टांगा … . वो लड़की भी आगे आगे चल रही थी…

वो फिर बोली… आपको एतराज ना हो तो मैं भी आर्मी एरिया ही जाऊंगी… आपको ड्रोप कर दूँगी…

जी थैंक यू… बट मेरा फ्रेंड आ रहा हैं…

ओके … आप अपना नंबर दे सकते हैं… कभी काम पड़ जायें तो काल कर लूँगी… मेरे एरिया में ही रहते हैं आप….

जी… सोरी … बट मैं नहीं दे सकता…

इतना बोल उमेश आगे निकल गया …

वो लड़की मन ही मन पक्का ईरादा कर चुकी थी कि उमेश को तो अपने हुस्न का दीवाना बनाकर रहेगी…

तभी उमेश अपने फ्रेंड के साथ बाइक पर बैठ चल दिया…

तभी समीर का फ़ोन आया… भाई मैने नंबर सेंड किया हैं शुभ्रा भाभी का …

थैंक्स छोटे… उमेश ख़ुशी से झूम उठा… यार ला बाइक मैं चलाऊंगा …

आज तो तेवर ही बदले लग रहे हैं ज़नाब के… बात पक्की हो गयी क्या ??

हां यार.. बहुत प्यारी हैं वो….

तेरे लिए बहुत खुश हूँ यार… अच्छा वो मैडम कौन थी जो तुझे ही देखे जा रही थी अभी …

कोई नहीं … बेवकूफ हैं… हाथ धोकर पीछे पड़ गयी हैं …

अच्छा… चल कुछ खाते हैं…

तभी उमेश बोला… तू ओरडर कर राहुल… मैं अभी फ़ोन कर आया…

अब नंबर मिलने के बाद उमेश कहां रुकने वाला था… तभी उसने डर डर के फ़ोन लगाया…

उधर से किसी लड़की की आवाज आयी… हेलो …

उमेश की धड़कने तेज हो गयी…. वो धीरे से बोला हेलो… कौन ??

उधर से कोई लाठी मार आवाज में बोला.. फ़ोन लगाओ तुमने ए .. पूछ मोते रे हैं… पहले बता छोरे तू कौन ??

उमेश इस तरह की भाषा सुन सकपका गया कि क्या ये शुभ्रा का दूसरा रुप हैं… उसकी आवाज तो बहुत मीठी मधुर हैं … या उस समय ऐसे बोल रही हो…

तभी उमेश बोला… आपका नाम जान सकता हूँ??

आगे की कहानी कल… तब तक के लिए जय श्री श्याम ….

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

लड़के वाले सीजन -2 (भाग -1)

लड़के वाले सीजन -2 (भाग -3)

 

 

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