हमनशीं (भाग 3) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

एक दिन। रोज की भांति शाम के करीब चार बजे ड्राइवर चिंटू को ट्यूशन के लिए लेकर कार से निकला। पर, सुहाना के पास न पहुंचा। इससे पहले भी कितनी मर्तबा ऐसा हुआ था कि चिंटू बीच में एकाध दिन ट्यूशन न आया हो। इसलिए सुहाना ने भी कोई खोजबीन न किया। रात के करीब … Read more

हमनशीं (भाग 2) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

एक दिन। ख़ुशमूदा ने रफीक से कहा –”रफीक मियां, मैने सुहाना और उसकी अम्मी को कल दावत पर बुलाने का सोंचा है। इसी बहाने उससे मिल भी लूंगी और उसका शुक्रिया भी अदा कर दूंगी। आखिर उसी की मेहनत की बदौलत मेरा यह नटखट और शैतान बेटा पढ़ाई में इतना होशियार हो गया है। आज … Read more

हमनशीं (भाग 1) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

इतनी जरूरी मीटिंग और ऊपर से लेट हो गया। आज तो मेरी खैर नहीं। पक्का आज तो मुझपर शामत आने वाली है और बॉस से गालियां खाने को मिलेंगी।” – अपनी अम्मी को बोलता हुआ रफ़ीक़ घर से बाहर की तरफ निकला। कार के पास पहुंच चाभी के लिए अपनी जेब में हाथ डाला। “उफ्फ, … Read more

मेहमान (भाग 3) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

ऋतिक और शोभा ने पूरे घर को छान मारा, लेकिन जया-विजया कहीं भी न मिली । पहले अचानक से तेज़ रोशनी का आना और अब जया-विजया का गायब हो जाना- यह सब ऋतिक और शोभा के लिए एक अबूझ पहेली बना था। वे दोनों अभी इस बारे में सोच ही रहें थें कि उनका ध्यान … Read more

मेहमान (भाग 2) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

तभी, सामने खिड़की में प्रतीत हुआ मानो बाहर से कोई झांक रहा हो । चीखते हुए शोभा तेजी से बाहर कमरे की तरफ भागी और आकर ऋतिक की बाहों में आकर छिप गई । ……. …….“क्या हुआ ,क्या हुआ ? ऐसे क्यों चीखी ?” – ऋतिक ने घबराते हुए पूछा। “व…व…वहां ,खिड़की से कोई झांक … Read more

मेहमान (भाग 1) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

रात के करीब दो बजे दरवाजे पर दस्तक हुई । सभी सोए थें । बाहर जोरों की आँधी बारिश हो रही थी और काफी बिजली भी कड़क रहा था । बाहर कोई लगातार तेजी से दरवाजा पीटे जा रहा था । आवाज़ सुन शोभा की नींद खुल गई और भयभीत होकर बगल में सोये ऋतिक … Read more

बेमेल (भाग 30) अंतिम भाग – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

.तभी भीड़ में खड़ा मंगल जौहरी आगे आया और भावुक होकर बोला – “सही कहते हो उदय भईया! ये औरत जो चिरनिंद्रा में लेटी है, ये श्यामा काकी नहीं बल्कि इस गांव की मां – श्यामा मां है!” कहकर उसने एक पोटली निकाली जिसमें श्यामा के गिरवी रखे सारे जेवर थे। “मैं श्यामा मां के … Read more

बेमेल (भाग 29) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

श्यामा पर बंदूक चलाकर हवेलीवालों ने सबसे बड़ी गलती की जिसका कोपभाजन उन्हे बनना पड़ा। नतीजा यह हुआ कि पूरा गांव हवेली पर टूट पड़ा और न केवल उन्होने अनाज के गोदाम को अपने कब्जे में कर लिया बल्कि तीनों बहनों और उनके पतियों को मार-मारकर अधमरा कर दिया। *** “मैं तूझे कबसे कह रही … Read more

बेमेल (भाग 28) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

मुखिया की बातों पर वहां खड़े हवेलीवाले असहज होते दिखे। जबकि हवेली के बाहर मौजुद गांववाले आज दूध का दूध, पानी का पानी करने को उतारू थे। “सच-सच बताओ, नहीं तो आज तुमदोनों यहाँ से जिंदा नहीं बचने वाले! बोलो, जो तुमने हम सबके सामने कहा था!!”- भीड़ से किसी ने मुस्टंडों से कहा। पहले … Read more

बेमेल (भाग 27) – श्वेत कुमार सिन्हा : Moral Stories in Hindi

.“अरे पहले तुमलोग शांत हो जाओ! पूरी बात तो बताओ आखिर हुआ क्या है! तभी तो मैं कुछ कहूं या करूं!”- मुखिया ने आडम्बरपूर्ण सहानुभूति दिखाते हुए कहा। भीड़ ने अपने बीच मौजुद हवेली के मुस्टंडों को आगे कर दिया जिन्होने सारी बातों से मुखिया को अवगत कराया और अपनी गलती भी कबूली। सारा मामला … Read more

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