जेठानी का लव  मैरिज

पूर्वी और मोहन की शादी को दस साल बीत चुके थे लेकिन आज भी मानो उन दोनों के बीच प्यार जैसे नया ही हो. उन दोनों के बीच 10  साल बाद भी उतना ही प्यार था और रिश्ते में समझदारी थी जितनी की १० साल पहले वे अपने प्यार के लिए अपने अपने परिवार से लड़े थे.

वैसे तो दमयंती जी के दो बेटे, बड़ा बेटा मोहन और छोटा बेटा सूचित. जहां मोहन बड़ा ही रोमांचक स्वभाव का उधर छोटा बेटा इतना ही घेरलू और बोरिंग सा. उसे बस अपनी नौकरी और घर से ही मतलब. सूचित के इतने दोस्त भी नहीं हुआ करते थे. जब बड़े बेटे ने अपनी लव मैरिज की और पूर्वी जैसी अच्छी लकड़ी चुनी तो मां अपने छोटे बेटे सूचित से भी यही उम्मीद लगा रही थी की बिना मेहनत के एक अच्छी लकड़ी काश उनका छोटा बेटा भी पसंद कर ब्याह का ले आता लेकिन,

“लगता है ये सूचित हमसे ही खुद के लिए लड़की पसंद करने की मेहनत करवाएगा!”

“हां दमयंती अब कर भी क्या सकते है… बेटा है भी तो कितना सीधा बेचारा एक लड़की तक से बात करने के लिए उसके पसीने छूट जाते है!”

पर खैर थोड़े ही दिनों में सूचित को लड़की सुहाना पसंद आ जाती है और दोनों की शादी हो जाती है. सुहाना सूचित के अति शर्मीले स्वभाव से इतनी परिचित नहीं थी क्यों की उनकी तो अरेंज मैरिज जो थी. लेकिन शादी के बाद भी सूचित को अगर सुहाना से एक बात भी कहनी होती थी तो वह १० बारी सोचता और हिचकिचाता. खैर ऐसे ही समय बीतता गया और समय के साथ साथ सूचित सुहाना के बीच की दूरियां भी खतम होने लगी थी. फिर एक दिन,

“अरे क्या कर रहे है आप देख रहे है सब… अब तो घर में छोटे भाई की पत्नी भी है कुछ तो शर्म कीजिए!”




“हां तो क्या हुआ मेरी पत्नी हो… कोई गैर की  थोड़ी हो जो हाथ  नहीं  पकड़  सकता  

जब परिवार में सब आपस में एक जरूरी बिजनस के सिलसिले में बात कर रहे थे तब मोहन ने अपनी पत्नी पूर्वी का हाथ चुपके से पकड़ लिया और  सबके बीच ही रोमांस करने लगे. और इस पर नई आई देवरानी सुहाना की नजर पड़ जाती है. बस फिर क्या था सुहाना अपनी जेठानी और जेठ के बीच का प्यार अपने पति के प्यार से तोलने लगी.

“अरे ये भाभी और भैया को देखो शादी के इतने साल बाद भी कितने प्यार से रहते है, भैया आज भी कितने रोमांटिक है और एक तुम हो सूचित घर और ऑफिस के बाद और कुछ आता ही नहीं… प्यार के लिए तरस जाती हूं लेकिन रोमांस क्या वो तो जानते ही नहीं!”

“अरे क्या अचानक ये बात ले कर क्यों बैठ गई हो तुम तुम जानती हो ना सुहाना कि मैं थोड़ा शर्मीला हूं और बड़े भाई ने भाभी पूर्वी से लव मैरिज की थी तो स्वाभाविक बात है कि उनमें और मुझ में बहुत फर्क है अब तुम हम दोनों के बीच में कंपैरिजन मत किया करो!”

फिर क्या था सुहाना अपने जेठ जेठानी के बीच का प्यार देख इतनी जलती है  है कि वह अब अपने नए-नए चाल चलकर उन दोनों को अलग करने की बहुत कोशिश करती है एक दिन जब मोहन अपनी पत्नी पूर्वी के लिए बड़े प्यार से अपने शादी के सालगिरह का तोहफे में डायमंड का नेकलेस ले आते हैं तो कमरे के बाहर से उन दोनों को आपस में बात करते हुए सुहाना सुन लेती है और फिर उसके खुराफाती दिमाग की बत्ती जल जाती है जब थोड़े ही समय में जेठानी पूर्वी अपने रसोई के काम में व्यस्त हो जाती है तो मौका देखकर सुहाना पूर्वी के कमरे में जाती है और मोहन का दिया हुआ वह डायमंड का नेकलेस अलमारी से चुरा लेती है.




जब दो दिन बाद मोहन अपनी पत्नी और सूचित अपनी पत्नी के साथ किसी ऑफिस पार्टी में जाने के लिए तैयार हो रहे थे तो मोहन ने पूर्वी को दिया हुआ नेकलेस ना मिलने पर बहुत परेशान हो जाती है. वह इधर उधर ढूंढने लगती है क्यों की इतना महंगा सेट उस से खो गया वह इतना कीमती चीज़ संभाल नहीं पाई यह सोच सोच कर उसके आंखो से आंसू निकल जाते है. वह पागलों की तरह सेट को इधर उधर पूरे कमरे में ढूंढने लगती है,

“पूर्वी अरे तुम्हारे आंखो मे से आंसू निकल गए… मेरी जान तुमसे ज्यादा कीमती वो सेट नहीं था यही कहीं होगा ठीक से याद करो!”

“भाभी कोई जरूरत नहीं है परेशान होने की आपका सेट यहां है!” सूचित अपने हाथ में वही नेकलेस लेते हुए बोला.

पूर्वी को तो सेट देख कर मानो  जान में जान आती है. तब सूचित को पूछने पर सूचित सच बताता है की कैसे उसकी पत्नी सुहाना ने भाभी से जल कर वह सेट चुरा लिया था ताकि  मोहन पूर्वी को डांट लगाए और रिश्ता कमजोर पड़ जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सुहाना की सच्चाई बाहर आने पर परिवार में सब सुहाना को डांट लगाते है. सूचित सुहाना को गुस्से से बहुत कुछ कह देता है. लेकिन तभी जेठानी पूर्वी अपने देवर को रोकते हुए कहती है,

“रुको सूचित इसके तुम्हारी भी गलती है, अगर तुम्हें रोमांस नही आता तो कोशिश तो कर सकते हो! वैसे भी तुम्हारी पत्नी है कोई गैर नहीं… बेचारी बस तुम्हारे प्यार के लिए ही तरसती है लेकिन तुम्हें घर और ऑफिस के सिवाय और कुछ आता कहां है, अगर ऐसा है तो अपने बड़े भाई से ही क्लास लगवा लो अपनी! और अपनी पत्नी को डांटना बंद  करो!”

अपनी जेठनी पूर्वी को अपने लिए स्टैंड लेते हुए देख सुहाना खुद में शर्मिंदगी महसूस करती है और पूर्वी से माफी मांग लेती है.

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!