होली है – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

रितिका की यह पहली होली थी ससुराल में।मायके में कभी हुल्लड़ नहीं मचाया था उसने।घर की बड़ी थी।पापा के जाने के बाद बड़ी जिम्मेदारी से संभाला था मां और छोटे भाई-बहनों को।उसका यह मानना था कि अनुशासन में रखने से पहले स्वयं अनुशासित रहना होगा उसे। अपने सारे शौक मार कर भाई-बहनों को जीवन का … Read more

लक्ष्मी – के कामेश्वरी  : Moral stories in hindi

मेरा नाम कोमल है । मैं जबसे शादी करके ससुराल आई थी हमारे घर में लक्ष्मी ही काम करती थी । सब उसे नौकरानी कम घर का सदस्या ज़्यादा मानते थे । मेरे पति प्रकाश बचपन से हॉस्टल में रहते थे इसलिए उनका लक्ष्मी के साथ बातचीत कम था ।  लक्ष्मी का पति ऑटो चालक … Read more

पहल – निभा राजीव “निर्वी” : Moral stories in hindi

व्यवसायी जानकी दास जी के दोनों पुत्रों रमेश जी और सुरेश जी में आपस में बहुत मेल भाव था। बड़े पुत्र रमेश जी की पत्नी नंदिनी भी छोटे पुत्र दिनेश जी के लिए पुत्रवत भाव रखती थी और सब में आपस में बहुत ही स्नेह था। दोनों देवरानी जेठानी भी बहुत प्रेम भाव से रहती … Read more

सासु बिना ससुराल – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज के समय में सब लड़कियों के अरमान होते हैं।कि ससुराल बहुत अच्छा मिले।परिवार भी छोटा हो। ऐसा ही सोचकर नीलू के माता-पिता ने उसकी शादी कर दी, सब ननदों की शादी हो गई है। लड़कों में सबसे छोटा बेटा दामाद ही है ।बड़े भाई अलग रहते हैं ,कोई दिक्कत नहीं होगी। सबसे छोटा बेटा … Read more

‘जब अपने पर आन पड़ी !’ – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

नलिनी ने हाउस मेड कांता से कहा, “कांता, मांजी को खाना-पीना कमरे में ही दे देना।”  “जी मेमसाहब।” कांता ने रोजाना की तरह खाना बनाया एक बजे तक पिंकी और पिंटू भी स्कूल से आ गए। दोनों के कपड़े बदलकर हाथ- पांव धुलाकर डायनिंग टेबल पर खाना लगाकर सबको बुलाया। “अरे आंटी! आप दादी को … Read more

कविता की प्रस्तुति – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

    दीपू …कल सेकंड सैटरडे है ना तेरी छुट्टी होगी और परसों संडे… वाह….. तो देख बेटा मुझे दो जगह महिला दिवस पर अपनी कविता प्रस्तुत करने का आमंत्रण मिला है…दोनों जगह दूर है…..और पापा की छुट्टी नहीं है मुझे ले जाने वाला कोई नहीं है….. तो प्लीज दीपू ….तू मुझे ले जाएगा …..?? प्लीज बेटा….. … Read more

अभूतपूर्व बदलाव – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

अपने माता-पिता का परिचय कराने में शरम क्यों???? संदीप के माता-पिता गांव से हैं। संदीप की मां अशिक्षित और बिल्कुल देहाती रहन सहन वाली महिला है। पिता जी बारहवीं पास एक फैक्टरी में काम करते हैं। उन दोनों का जीवन बड़ी कठिनाईयों और संघर्षों में बीता। आर्थिक अभाव होते हुए भी उन्होंने संदीप को किसी … Read more

धिक्कार – वीणा सिंह : Moral stories in hindi

पैंसठ साल की झुनकी फुआ की आंखों से अनवरत आंसू बह रहे थे.. भतीजे के बेटे की शादी थी… कितना मन था शादी में जाने का…. पर उम्रदराज महिलाओं और पुरुषों को ना हीं घरवाले ना हीं रिश्तेदार चाहते हैं शादी में शामिल हो!! अखबार में मोबाइल में मातृदिवस और पितृदिवस छाया हुआ है पर … Read more

सिमरन ये तूने क्या किया ? – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

दिल्ली का एक ऐसा इलाका जहाँ ज्यादातर मध्यम वर्गीय लोग रहते है जिनमे से कुछ नौकरी पेशा है कुछ अपना कोई ना कोई व्यापार करते है। यूँ तो कोई खास बात नही इस इलाके मे रोज की तरह सुबह होती है और रोज की ही तरह शाम पर आज की सुबह कुछ अलग थी । … Read more

धागे प्रेम के – प्राची अग्रवाल : Moral stories in hindi

घर को फूलों से अच्छी तरह से सजाया जा रहा था। सभी दरवाजों पर वंदरवार लगायी जा रही थी। बैलून डेकोरेशन वाला हार्ट की शॉप में लाल गुलाबी गुब्बारे फुला रहा था। कई मेकअप आर्टिस्ट घर की और रिश्तेदारी की महिलाओं को सजाने-संवारने के लिए लगे हुए थे। कुछ रिश्तेदार आ चुके थे। कुछ आ … Read more

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