
हां, मैं मोटी हूं – प्रीति सक्सेना
- Betiyan Team
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- on Mar 16, 2023
मैं सना! आज इस दुनिया में पहली बार कदम रखने वाली हूं….. मेरी मम्मी.. असहनीय पीड़ा भुगत रही है.. मुझे इस दुनिया में लाने के लिए…. मुझसे उनकी तकलीफ़ देखी नहीं जा रही, उनसे दर्द सहा नहीं जा रहा….. वो न रो पा रहीं हैं न ही कुछ कह ही पा रही हैं, पापा उनका हाथ अपने हाथों में लिए…. उन्हें दिलासा दे रहे हैं…… पर मेरी मम्मी थक रही हैं, उनका चेहरा दर्द की अधिकता से लाल हो गया है…. पापा घबराकर डॉक्टर से विनती कर रहे हैं….. प्लीज़!!
” आप सिजीरियन करके बच्चे का जन्म करवा दीजिए….. अब निशा की ये हालत बर्दाश्त नहीं हो रही है “!!
दादी नानी भी रुआंसी खड़ी हैं वो भी सहमत हैं पापा के इस निर्णय से!!
डॉक्टर ने फटाफट स्ट्रेचर मंगवाया और मम्मी को ऑपरेशन थियेटर में शिफ्ट करवा दिया!!
अब सभी के चेहरे पर संतुष्टि के भाव हैं….. सब मेरा बेकरारी से इंतजार कर रहे हैं!! शादी के सात साल बाद घर में मैं…. खुशियां लाने वाली हूं, पूरा परिवार बस ऑपरेशन थियेटर के दरवाज़े पर ही नज़र टिकाए हुए है!!
थोड़ी देर बाद…. दरवाज़ा खुला, डॉक्टर का मुस्कुराता चेहरा दिखा, हंसते हुए बोलीं.. बधाई हो ” लक्ष्मी” आई है…. सब खुश हो गए.. पापा तो रो पड़े, डॉक्टर के दोनों हाथ पकड़कर माथे से लगा लिए… वो बोलीं… बेबी काफ़ी हेल्दी है, इसीलिए समय लगा.. दादी ने उत्सुकता से पूछा.
“क्या वजन है बच्ची का”?
“यही कोई सवा चार किलो “
सब खिलखिलाकर हंस पड़े!!
थोड़ी देर बाद मम्मी को रूम में लाया गया, बहुत थका चेहरा पर संतुष्टि का गहरा भाव,
मुझे प्यार से चूमा और रो पड़ीं… सालों के इंतजार के बाद वो मां बनीं और पूर्ण हुईं!!
मैं तो मीठी नींद में हूं, कभी दादा दादी कभी नाना नानी की गोद में हूं, पापा की तो नज़रें ही नहीं हट रही मुझसे… बार बार बस मुझे ही देखे जा रहे हैं!!
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आज मैं पांच साल की हो गई…. गोल मटोल सी बहुत प्यारी हूं मैं, सब मुझे बहुत प्यार करते हैं पर सोसायटी के बच्चे मुझे “मोटी” कहकर चिढ़ाते हैं….. मैं उन सबमें सबसे ज्यादा मोटी हूं न पर क्या करूं मैं तो बस एक रोटी और चावल ही खाती हूं फिर मैं मोटी क्यूं हूं? मम्मी कहती है ” मैं बहुत सुन्दर हूं और प्यारी भी” बस मैं खुश हो जाती हूं!!
मैं आठवीं क्लास में आ गई, पढ़ाई में औसत हूं… क्या करूं मैथ्स मुझसे बनती नहीं, अभी भी सब मुझे बहुत चिढ़ाते हैं, मैंने तो फ्राइड चीज़े खाना भी छोड़ दिया है, सोचती हूं मेरे जैसे साइज़ के कुछ और बच्चे क्लास में आ जाएं तो शायद ये लोग मेरा पीछा छोड़ देंगे पर कोई नहीं आया…..!!
आज़ मेरा बारहवीं का रिजल्ट आया, ठीक ठाक ही रहा…. देख रही हूं मम्मी पापा कुछ चिंतित से लग रहे हैं…. पर पूछने की मेरी हिम्मत नहीं!!
मेरा मोटापा कम होने की बजाय और बढ़ गया डॉक्टर्स को भी दिखाया, दवा भी चली , एक्सरसाइज, वॉक सब करती हूं पर ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता, हर कोई टोकने लगा है मुझे…. मुझे पता है मेरे पीछे सभी मेरा मज़ाक बनाते हैं…… क्या करूं.. मैं अपना आत्म विश्वास खोने लगी हूं, कभी कभी तो लगता है…. कुछ कर लूं… पर…. पर मेरे मम्मी पापा का क्या होगा? वो तो मुझे ही देखकर जी रहे हैं… मैं तो मर भी नहीं सकती!!
आज पापा ने मुझे सामने बैठाया और पूछा!!
” क्या करना है बेटा! अब आगे?
” पापा मुझे ड्रेसेज डिजाइन करना बहुत अच्छा लगता है, मैं डिजाइनर बनना चाहती हूं “
पापा एकदम खुश बोले…. बिल्कुल मैं आज ही ढूंढता हूं तुम्हारे लिए शानदार कॉलेज!!
कॉलेज में पहला दिन… धड़कते दिल से पहला कदम रखा….. मेरा मन खुश हो गया, मुझे मेरे जैसे साइज़ के कई लड़के लड़कियां मिले…. मैंने ईश्वर को मन ही मन धन्यवाद दिया ” हे प्रभु आख़िर आपने मेरी सुन ही ली”!!
हमारा ग्रुप भी बन गया, मेरे जैसे सभी की हालत थी सब मज़ाक के पात्र बन चुके थे, बन भी रहे थे …. फिर भी कॉलेज का माहौल ठीक था!!
मन लग गया यहां मेरा… मेरे काम की तारीफ़ भी बहुत होती थी, मेरा आत्मविश्वास भी काफ़ी हद तक बढ़ गया!!
मैं एक सफल डिजाइनर बन चुकी हूं……… पापा मम्मी को अब मेरी शादी की चिन्ता सताने लगी है, दोनों चुपचाप बातें करते हैं… सोचते होंगे… कहां रिश्ता भेजें? बेटी का मोटापा आड़े आएगा ही!!
मैंने एक बड़ी कंपनी के लिए काम करना शुरु किया…. उम्मीद से ज्यादा सैलरी मुझे ऑफर की, अब मैं पूरी तरह अपने पैरों पर खड़ी आत्म विश्वास से भरी लड़की थी, मैंने घर से ही काम करने की परमीशन मांगी जो सहर्ष मिल भी गई!!
पापा के एक मित्र ने अपने पुत्र का रिश्ता पापा को कहा…. उन्हें मेरे मोटापे को लेकर कोई परेशानी नहीं थी!!
लड़के ने मुझे और मैंने उसे देखा, सामान्य शक्ल सूरत, मेरी बराबरी का कद, ठीक सी नौकरी, साधारण परिवार!!
मैंने मम्मी पापा की ओर देखा!!
दोनों ने नज़रें झुका लीं…. मैं उनकी मजबूरी समझ रही थी, मैंने रिश्ते के लिए अपनी मंजूरी दे दी…. मैं अपने मम्मी पापा को हर कीमत पर खुश देखना चाहती थी!!
रिश्ता तय होने के बाद ” सतीश” यही नाम था उसका, मुझे अपने दोस्त की शादी की सालगिरह में ले गया…… मैंने नोटिस किया, ज्यादातर लोगों के चेहरे पर वही मुस्कुराहट थी जो बचपन से मैं देखती आ रही थी और, मुझे सबसे बड़ी तकलीफ देती थी!!
ज्यादातर दोस्तों की बीवियां दुबली या सामान्य काठी की थीं.. उन्हें देखकर सतीश बोल पड़ा ” सना… तुम भाभी जैसी ज़ीरो फिगर की हो जाओ तो सोने में सुहागा हो जाय, बाकी तो सब बढ़िया है…. रईस परिवार की इकलौती बेटी, शानदार सैलरी तुम्हारी बस पतली हो जाओ…… कहकर खी खी करके हंस पड़ा……. ये मेरे सब्र की आख़िरी परीक्षा थी
मैंने नफ़रत और हिकारत से उसे देखा….. और कहा.. अच्छा हुआ तुम्हारी हकीकत मेरे सामने बहुत जल्दी आ गई, मुझे ये रिश्ता स्वीकार नहीं!! तुम अपने जैसी पार्टनर ढूंढ लो!!
मैं तेज़ चाल से बाहर आ गई, पार्टी शहर से बाहर फार्म हाउस में थी… कोई टैक्सी या ऑटो दिख नहीं रहा, मैं परेशान होने लगी तभी एक कार मेरे बाजू में रुकी… मैंने देखा ये सतीश का ही एक दोस्त था..” शलभ ” यही
नाम बताया था, परिचय के दौरान !!
” आइए सना….. मैं आपको आपके घर ड्रॉप कर देता हूं, रात है सूनापन है यहां कोई टैक्सी भी आती जाती नहीं”!!
मेरे पास कोई ऑप्शन नहीं था बैठ गई गाड़ी में, काफ़ी बातें करता रहा वो मूझसे, मेरे जॉब से संबंधित कई बातें पूछता रहा…. सच कहूं तो पहली बार किसी से बातें करना अच्छा सा लगा मुझे!!
घर के सामने गाड़ी रोकी, मैं उतरी और धन्यवाद दिया, उसने अपना कार्ड दिया और कहा” दोस्त की जरूरत हो तो मुझे कॉल करना ” और वो चला गया!!
घर आकर मम्मी , पापा को सतीश की सच्चाई बताई, दोनों ने ईश्वर को नमन किया, अनर्थ होने से पहले ही बच गई बेटी!!
शलभ और मेरी दोस्ती हुई, दो साल में उसने मुझे पहचाना और मैंने उसे.. अपने माता पिता के साथ रिश्ता मांगने वो मेरे घर आया, मेरे मम्मी पापा खुशी से रो पड़े…. उनकी बेटी को सम्मान मिला और उसका स्वाभिमान भी बना रहा!!
आज़ मेरे विवाह की दसवीं वर्षगांठ है,मैं अपने दोनों बच्चे एक बेटा और एक बेटी और पूरे परिवार सहित खुशी के साथ सेलीब्रेट कर रही हूं!!
आख़िर में यही कहना चाहूंगी, कुछ चीजें हमारे हाथ में नहीं रहती, रंग रुप, कद काठी, ये हम अपनी पसन्द या नापसंद से तय नहीं कर सकते, मोटा होना….. कोई गुनाह नहीं, क्यों किसी का मज़ाक बनाओ,क्यों किसी पर हंसा जाए, क्या मोटे इंसान को दुख नहीं होता? दर्द नहीं होता? होता है……. बहुत ज्यादा होता है, उसके पास भी एक खूबसूरत धड़कता दिल है जो सबसे प्यार की उम्मीद करता है, अब प्यार करेंगे न मोटे लोगों से? क्योंकि मोटा होना ” अभिशाप नहीं!!
#पांचवां जन्मोत्सव
कहानी no 4
प्रीति सक्सेना
इंदौर