‘एक नई आस्था –  प्रियंका सक्सेना

प्यार के दो शब्दों के लिए तरस गई थी वह लेकिन इस घर में मानो किसी को उसकी जरूरत ही नहीं थी सब अपने आप में व्यस्त रहते हैं। कतरा कतरा होकर बिखर चुका था उसका आत्मविश्वास और आत्मसम्मान… स्वाभिमान किसे कहते हैं उसे तो शायद मालूम ही नहीं है! सासु माॅ॑ रमोला जी का दिल अपनी सहेलियों और किटी पार्टी में ही लगता है। ननद सृष्टि अपने कॉलेज में और पढ़ाई में दिनों रात लगी रहती है।‌ देवर नकुल जॉब में काफी बिजी है आधे समय भारत से बाहर विदेश के टूर पर रहता है।

नकुल मल्टीनेशनल कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत है। देवरानी सुरभि इंजीनियर है एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती है। पति नवीन डिग्री कॉलेज में प्रोफेसर हैं तो उनका पूरा वक्त पढ़ाने में और साथ के प्रोफेसर मित्रों और विधार्थियों से चर्चा में बीतता है। पीएचडी स्टूडेंट्स के शोधकार्य में पूर्णतः समर्पित हैं। बच्चे बड़े हो चुके हैं तो दोनों हॉस्टल में रहते हैं चार साल हो गए उनको बाहर पढ़ते हुए। इन सब के बीच में आस्था नवीन की पत्नी अकेले पड़ जाती है। सालों पहले घर को बनाकर रखने के लिए आस्था ने अपनी शिक्षिका की जाॅब छोड़ दी थी। बच्चे छोटे थे और सासु माॅ॑ रमोला जी ने कुछ भी जिम्मेदारी उठाने से मना कर‌ दिया था। बच्चे घर में थे तो उसे भी कभी अकेलापन नहीं लगा पर अब घुटन सी होने लगी है तो उसने वर्चुअल आभासी दुनिया में खुशी ढूंढने की कोशिश की क्योंकि घर में उसको सभी ने ‘फाॅर ग्रांटेड’ लेना शुरू कर दिया तब आस्था ने कतरा कतरा हुए आत्मसम्मान को बटोर कर अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए एक नई शुरुआत की। उसके हाथों में हुनर था, पढ़ाई लिखाई में कम नहीं थी तो दोपहर के खाली वक्त में उसने अपनी रसोई को ही कर्मक्षेत्र बना लिया। आस्था ने यूट्यूब में ‘आस्था की रसोई से’ नाम से अपना कुकिंग चैनल बनाया।

अब उसके चैनल पर वह दूसरे- तीसरे दिन तरह- तरह की विभिन्न रेसिपीज के वीडियो अपलोड करने लगी। इतने प्यार से सरल शब्दों में आस्था खाना बनाना सिखाती कि एक साल में ही उसके सब्स्क्राइबर की संख्या १००० से ज्यादा हो गई और ४००० घंटे से अधिक व्यूह करने अर्थात् चैनल देखे जाने के कारण मनीटाइजेशन किया गया यानि उसपर विज्ञापन आने लगे और अब आस्था के यूट्यूब चैनल से उसको कमाई होने लगी। यह सब घरवालों को पता ही नहीं चला क्योंकि यहां तो सभी अपनी अपनी दुनिया में मगन रहते हैं। रमोला जी ने कभी कभार टोका कि आज कल‌ मोबाइल में खोई रहती हों लेकिन इससे ज्यादा कुछ नहीं…अरे भई!




यहां किसी को आस्था के होने या ना होने से फर्क थोड़े ही पड़ता है। बस घर में सभी कुछ सबको व्यवस्थित चाहिए और क्योंकि आस्था तो घर में रहती है तो २४×७ सभी के कामों के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए भले ही उसके आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को कुचलने की हद तक ले जाना पड़े तो वो भी ये तथाकथित ये अपने कर डालते कि भाभी/ बहू/ आस्था करती ही क्या है? काम ही क्या है! बस घर में मजे से रहती है आदि आदि…. बहरहाल शायद सब कुछ ऐसे ही चलता रहता कि गर्मियों की छुट्टियां पड़ गई। हर साल की भांति इस बार जब छुट्टियों में हॉस्टल से अनुकृति और आकाश‌ घर आए तब उन्हें मम्मी कुछ अलग लगी शायद कुछ तो चल रहा है मम्मी के दिलोदिमाग में और फिर एक दिन उन्होंने मम्मी को वीडियो बनाते देखा। धीरे-धीरे उन्हें चैनल के बारे में पता चला। मम्मी को पता नहीं लगने दिया कि वे दोनों उनके चैनल के बारे में जान गए हैं। आज शाम को सरप्राइज पार्टी बच्चों ने ऑर्गेनाइज की।दादी, पापा, मम्मी, चाचा, चाची, बुआ सभी को टाइम से आने का आग्रह किया। सभी ने बच्चों का मन रखा और नियत समय पर टैरेस पर पहुंचे। सभी क्या देखते हैं कि एक बड़ी स्क्रीन भी लगाई है बच्चों ने और बाहर से केटरिंग करवाई है। अनुकृति ने कहा, “मम्मी यहां आइए। आज की पार्टी आपके लिए है।” आस्था चौंक गई,बोली “मेरे लिए!” “अरे बहू के लिए कैसी पार्टी?

इसका जन्मदिन है क्या आज? कभी मनाती नहीं तो पता ही नहीं है।” रमोला जी बोली “हां भाभी, आज क्या आपका बर्थ डे है? आपने कभी बताया नहीं और मनाया नहीं तो हमें पता नहीं है। अनुकृति-आकाश‌ तुम दोनों बता देते तो हम लोग कुछ गिफ्ट दें आते।” देवर,देवरानी और‌ ननद भी उसी सुर में बोले नवीन झेंपते हुए बोले,” नहीं शायद इस महीने तो नहीं है तुम्हारा जन्मदिन आस्था। मैं सही कह रहा हूॅ॑ आस्था?” “हां पापा आप सही हैं परंतु जन्मदिन से कम भी बात नहीं है। वैसे आपको भी मम्मी का जन्मदिन याद नहीं है? मम्मी आप सभी के बर्थ डे पर कितना सुन्दर आयोजन करती है कितनी डिशेज बनाती हैं। हम दोनों तो उनके बर्थडे पर हमेशा फोन करते हैं हमें तो पता ही नहीं कि आप लोग सेलिब्रेशन तो छोड़िए जानते भी नहीं है कि मम्मी का बर्थडे कब होता है…. खैर आप सब लोग बैठो तो सही !

आज हम दोनों आप सभी को कुछ दिखाने जा रहे हैं।” दोनों बच्चे चहक कर बोले सभी बैठ गए, सभी के साथ आस्था भी सस्पेंस में पड़ गई कि आखिर बच्चे सरप्राइज पार्टी क्यों दे रहे हैं और वो भी उसके लिए! लैपटॉप से कनेक्ट कर बच्चों ने एक प्रेजेंटेशन स्टार्ट किया जिसमें उन्होंने किसी बहुत प्रसिद्ध यूट्यूबर से मिलवाने की बात की और ‘आस्था की रसोई से’ चैनल चालू कर दिया। वहां बैठे सभी लोग भौंचक्के रह गए जब उन्होंने आस्था के वीडियो देखें एक के बाद एक कई वीडियो चलाए बच्चों ने।




आस्था की ऑ॑खों में खुशी के आंसू आ गए… सभी लोगों ने आस्था को घेर लिया और बधाई दी। मोबाइल पर सबने सर्च की तो आस्था के सब्स्क्राइबर संख्या और व्यूज देखकर सबकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। सभी ने सवाल किया,” तुम तो छुपी रुस्तम निकली आस्था! कब शुरू किया यह चैनल पता ही नहीं चला एक घर में रहकर?”

आस्था ने कहा,” आप सभी अपनी-अपनी लाइफ में बहुत व्यस्त रहते थे । बच्चों के जाने के बाद मैं दो बोल प्यार के, अपनेपन के लिए तरस कर रह गई थी। मेरे लिए किसी के पास वक्त नहीं था तो मैंने वर्चुअल दुनिया में अपनी खुशी ढूंढ़ ली। अपना प्यार रेसिपीज के रूप में बांटा और बदले में ढेर सारा प्यार, तारीफ , सब्स्क्राइबर और व्यूज मिले। आप लोगों को जानकर अच्छा लगेगा कि मेरे चैनल को यूट्यूब ने मनीटाइज कर दिया है और पिछले तीन महीने से मुझे आमदनी होने लगी है चैनल से!” सभी ने खुले दिल से आस्था की प्रशंसा की और अपनी ग़लती मानी कि आस्था को समय न देना उनकी भूल थी। उपेक्षा ने ही सही आस्था को जीवन के इस खुशनुमा रंग से परिचित करा दिया जहां अब उसने हजारों लोगों के दिल में जगह बना ली है।

आज की स्वाभिमानी आस्था लाखों नारियों के लिए प्रेरणास्रोत बन कर अपने कुकिंग वीडियो के आखिर में उनसे अपने लिए ज़िन्दगी के कुछ पल चुरा कर अपने को पहचान दिलाने की सीख देती नजर आती है। दोस्तों,भले ही प्यार के दो मीठे बोल हों पर हर किसी को एक नई ऊर्जा दे जाते हैं। घरवालों के इसी प्यार से वंचित हो कर आस्था ने अपने शौक में अपनी खुशी ढूंढकर अनजान लोगों के दिलों में स्थान बना लिया और इस तरह स्वाभिमानपूर्वक पूर्ण आत्मविश्वास के साथ अपने ‌जीवन की दूसरी पारी की धमाकेदार शुरुआत की। इस बार उपेक्षा ने एक नई आस्था को जन्म दिया, परिवार जनों को भी अपनी ग़लती समझ में आ गई। आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा। रचना पसंद आई हों तो कृपया लाइक, कमेंट और शेयर कीजिएगा। मेरी कुछ अन्य रचनाएं पढ़िएगा⬇️ https://betiyan.in/bahu-ne-koi-dard-nahi-jhela-hai/ https://betiyan.in/namk-pr-bhari-pdi-chini/ https://betiyan.in/ankaha-rishta/ https://betiyan.in/khari-dosti/ आपकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।ऐसी ही खूबसूरत रचनाओं के लिए आप मुझे फॉलो कर सकते हैं।⬇️ https://betiyan.in/category/kahani/samajik-kahaniya/priyanka-saxena/ धन्यवाद।

#स्वाभिमान –
प्रियंका सक्सेना

(मौलिक व स्वरचित)

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