एक बहू ऐसी भी – कामिनी मिश्रा कनक

माजी सुनती है 12:00 बज गए हैं  मैं जा रही हूं अब सोने के लिए ।  बस 2 मिनट रुक जाओ मैं ब्रश करके आ रही हूं । फिर थोड़ा मेरे पैरों में तेल लगा देना आज बहुत दर्द हैं।

मीना – सासू माँ के इंतजार में तेल लेकर बैठ जाती है ।

2 मिनट से कब 10 मिनट हो गए पता ही नहीं चला ।

सासूमाँ – बस आ गई मीना…. आज बहुत दर्द है ।

मीना- कोई बात नहीं  माँ जी मैं अभी तेल लगा देती हूं ।

12:00 से 1:00 बजते देर ना हुई ।

सासू माँ- जा  मीना जा सो जा अब…… सुबह जल्दी उठना है ,   दफ्तर भी तो जाना है तुझे ।

जा किशोर भी तो सो गया होगा …. आराम से जाना उसका नींद खराब ना हो…. ध्यान रखना ।

मीना- हा  माँ जी ठीक है …… जा रही हूं  मैं ।

मीना सुबह जल्दी से उठकर घर के सभी कार्य को पूरा कर…. दफ्तर चली जाती है ।

दफ्तर से लौटकर मीना जब घर आती है ……..




सासु माँ-मीना तू आ गई …?

मीना – हा माजी …….

 मीना सोफे पर आंख बंद करके बैठ जाती हैं ।

सासू माँ- क्या हुआ मीना ……??? उठ जा बैठ मत पानी वानी पी ले …..आज कामवाली भी नहीं आई है।

मीना यह सुनकर उदास हो जाती है ।

सासू माँ — उठ मीना जा चाय वाय पीले थोड़ी सी चाय मुझे भी दे देना और किशोर के पापा को भी दे देना ।

मीना -यह आशा (कामवाली) बहुत छुट्टी करती है । ऐसे काम नहीं चलेगी , इससे बात करनी पड़ेगी ।

सासू माँ-हां उठ जा समय  क्यों बर्बाद करती हैं कल दफ्तर भी तो जाना हैं तुझे।

मीना— हा माजी जा रही हूं । दफ्तर में आज काम ज्यादा होने की वजह से सर में दर्द है ।

सासू माँ -हां मीना…… जा जल्दी काम करके जल्दी से सो जाना, तेरे ही तो बच्चे हैं , खाना नहीं बनाएगी तो बच्चे क्या खाएंगे ..???

किशोर क्या खाएगा……????

हमारा क्या है , हम दोनों बूढ़े,  बुढियो को कुछ भी दे देना ।

इनके लिए जो बनाएगी  उन्ही में से हम दोनों को दे देना ।

मीना —-हां- हां  माँ जी आप कैसी बातें करती है ……क्या मैं आपके लिए खाना नहीं बना सकती हूं ।




सासू  माँ —जा पहले थोड़ी सी चाय पी लेना किशोर भी आकर बैठा है उसे भी दे देना ।

मीना जैसे तैसे किचन में जाकर पहले चाय बनाती है और भोजन पकाती है । दिन भर के परे हुए बर्तन साफ करती है । 

सब खाना खाकर सोने चले जाते हैं ।

किशोर -जल्दी आ जाना तुम रोज लेट आती हो ।

मीना- हां हां मैं आ रही हूं आप चलिए ।

किशोर – पक्का ना

मीना हां बाबा आ रही हूं मेरे भी सर में बहुत दर्द है ।

फिर वहीं रोज के जैसे मीना काम खत्म करके ।

 माँ जी 11:30 हो गए मैं जा रही हूं सोने के लिए । आपको कुछ चाहिए तो नहीं …???

सासु माँ -हां मीना जा ..   जा कर सो जा …… मुझे कुछ नहीं चाहिए…. मेरा क्या मेरे तो पैरों में रोज का दर्द है । मुझे तो नींद आएगी नहीं , जा तू जा सो जा आराम कर ले । मैं दो चार बार पैरों को पटक कर सो जाऊंगी ।

अगर नींद आएगी तो …

मीना अपने सर दर्द को ध्यान में रखते हुए, सोने को जाने लगती है ।

सासु  माँ  – हे भगवान…… इस दर्द का क्या करूं …. ?? आज कैसे भी करके नींद आ जाए ।

मीना जैसे ही जाने लगती है , तो मीना की सास खुद ही तेल लगाने लगती है । यह सब मीना देखकर रुक जाती है और सासू  माँ  को तेल लगाने लगती है ।




सासू  माँ – अरे  मीना जा …… जा तू सो जा । तुझे तो खुद ही सर में दर्द है ।

मीना चुपचाप तेल लगाने लगती है ।

सासू  माँ -जा मीना मैं सो जाऊंगी जैसे तैसे …..

मीना तब भी चुपचाप तेल लगाने लगती है ।

सासु माँ – ले जब लगा रही है तो जल्दी-जल्दी दो चार बार तेल लगाकर  तू चली जा । सो जा … मेरा तो यह रोज का दर्द है ।

मीना तब भी चुपचाप तेल लगाते हुए , सर दर्द को भूल जाती है ।

#बहू 

कामिनी मिश्रा कनक

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