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दीदी – गुरविंदर टूटेजा

अप्रकाशित

जाने कैसा मोह था गिन्नी का निधी दीदी के साथ दोनों चचेरी बहनें हैं वो दो साल दो दिन छोटी है पर रहती है पक्की सहेलियों की तरह जहाँ जाना है साथ में पहले दीदी का जन्मदिन आता तो उन्होंने गुलाब जामुन से सबका मुँह मीठा कराया और गिन्नी कहाँ पीछे रहने वाली थी वो चॉकलेट के साथ गुलाबजामुन भी ले गयी…!!!!

वैसे दीदी में बात तो अलग थी अपने प्यार भरे अंदाज से सबको अपना बना लेते हैं और आवाज़ में भी आर जे जैसी खनक रखती हैं बड़े प्यार से सबका ध्यान रखती हैं…!!!!

वक्त बीतता गया दोनो की शादी भी दो महीने के अंतराल में हो गई पहले दीदी की फिर गिन्नी की…दोनों को बहुत प्यारा ससुराल मिला…!!!!

दीदी को जीजाजी भी उनके जैसे ही सबका ध्यान रखनें वाले मिलें सब कहते की राम मिलाई जोड़ी हैं…!!!!

 गिन्नी का नानका वही था जहाँ दीदी की शादी हुई थी वो जब जाती उनसे मिलने जरूर जाती थी पर एक बार किसी कारण से वो दीदी से बिना मिलें ही वापस चली गयी तो उन्होंने फोन लगाया और बोला तेरा दिल कैसे माना अब मैं तुझे नहीं बोलूँगी जब आयेगी अपने आप ही आयेगी…!!!!

दोनों बहुत रोयी अब गिन्नी ये ही सोच रही थी कि दीदी को कैसे मनाया जाये…तभी उसकों याद आया कि इस बार तो दीदी का पचासवां जन्मदिन है वही दिन सबसे अच्छा रहेगा तो वो और बिट्टू (गिन्नी के पति)  दोनों  सरप्राईज देनें के लिए गिफ्ट व गुलाबजामुन लेकर पहुँच गयें…!!!!

पहले जीजाजी मिलें वो देखतें ही बोलें कि आज निधी को बहुत बड़ी खुशी मिलेंगी तुमकों देखकर…वो अंदर गये तो सब तैयार हो रहें थे पार्टी के लिए जैसे ही दीदी ने देखा तो दोनों बहनें गले लग कर बहुत रोई फिर गिन्नी ने दीदी को गुलाबजामुन खिलाकर बधाई  दी और पार्टी में उसने कहा कि मैंने कुछ लिखा हैं जो मैं बोलना चाहती हूँ…

“दीदी…. आप सा कोई नही !!

कितना प्यारा सा रिश्ता हो आप…

बहन हो..दोस्त हो…मां सा प्यारा फरिश्ता हो आप..!!!!

बोलते हो तो मीठास ऐसी

कि फूल ही फूल झरतें है जैसे…

आवाज़ में भी आर जे जैसी खनक

रखते हो आप…!!!!

दीदी…..आप सा कोई नहीं..!!!!

जहां भी जाते हो….जिससे भी मिलतें हो…

अपनी एक अलग ही छाप छोड़ आते हो आप….

सच…कितनी आसानी से…

हर किसी के दिल में जगह बना लेते हो आप…!!!!

दीदी…. आप सा कोई नहीं..!!!!

कितने प्यारे रिश्तें आपको मिलें है….

पापा-मम्मी , जीजू से….सौम्या

रवित से प्यारे फूल आपके आंगन में खिले है..!!!!

आपकी खुशियों के खज़ाने है आपके सब अपने…!!!!

दीदी…. आप सा कोई नही

कमाल है आपकी व जीजू की जोड़ी…!!!!!

इसलिये अब तो ये कहते है…

कि आपकी जोड़ी सी कोई जोड़ी नहीं…!!!!

दीदी…वक्त कैसा भी हो

नाराज़ ना होना कभी….

जन्मदिन पर दुआ यही कि…

ज़िन्दगी की हर खुशी आपको मिलें…

दीदी..आप सा कोई नहीं….!!!!!”

जैसे ही गिन्नी ने अपनी कविता खत्म की तो दोनों बहनें गले लग कर खूब रोई वहाँ सबकी आँख में आँसू थे…

अब दीदी ने कहा आगे से कभी मुझसे बिना मिलें गई ना तो देखना…अब दोनों साथ में खिलखिलाई तो गिन्नी ने कहा मैं अपना जन्मदिन भी मनाकर ही जाऊँगी…गुलाबजामुन के साथ चॉकलेट भी खाऊँगी..!!!!

मौलिक व स्वरचित ©®

गुरविंदर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र.)

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