” चाहत पूरी करने का जज़्बा होना चाहिए ” – अनिता गुप्ता

वह अपनी अधूरी ख्वाहिश को पूरा करना चाहती थी। लेकिन कभी मौका ही नहीं मिला या ये कह लो कि लोक लाज, झिझक के कारण कभी पूरा ही नहीं कर पाई। ख्वाहिश भी कोई बड़ी नहीं थी,बस एक बार क्वीन एलिजाबेथ बनना था। जब से उन्होंने क्वीन को टीवी में देखा था तब से उनकी चाहत थी कि एक बार वो क्वीन के जैसे ड्रेसअप हों।

लेकिन वो सोचती कि कितनी अजीबोगरीब ख्वाहिश है, किसी से कह दिया तो वो हंस-हंस कर लोट पोट हो जाएगा।

कुछ समय बाद शादी हो कर ससुराल आई, तो जिम्मेदारियों में लग गई। वैसे भी 60 के दशक में कोई शादीशुदा महिला मिडी पहनती भी नहीं थी। इसी तरह पत्नी से मां और मां से दादी बन गई।लेकिन ख्वाहिश ना तो खत्म हो पा रही थी और ना ही पूरी हो पा रही थी।

जब वे अपनी पोती-नाती को देखती कि वो तो जो उनका मन करता है ,वो मज़े से पहन लेती है। ये सब देख कर उनका मन और मचलने लगता।

 



आखिर उन्होंने क्वीन एलिजाबेथ की तरह ड्रेस अप होने का मौका निकाल ही लिया। उनकी पोती टीना का अठारहवां जन्मदिन आ रहा था। टीना अपने जन्मदिन को कुछ यादगार बनाना चाहती थी। तरह-तरह के प्लान बन रहे थे।

जब बात बर्थडे थीम पर आकर रूकी तो दादी ने अपना आइडिया दिया, “ब्रिटेन की रॉयल थीम रखते हैं। जिसमें सब उनके जैसे ही तैयार होकर आयेंगे। मैं क्वीन एलिजाबेथ बनूंगी और बाकी सब भी उनके फैमिली मेंबर बनेंगे।”

सबको बात पसंद आ गई और थीम फाइनल हो गई। दादी की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था। मन मांगी मुराद जो मिल गई थी।

दादी ने हेयर ड्रेसर को बुलाकर क्वीन के जैसे हेयर स्टाइल बनवाई। एक शानदार ड्रेस खरीदी और साथ में ग्लव्स, स्टॉकिंग, सैंडिल और एक क्राउन भी लिया। वो कोई जमी नहीं रहने देना चाहती थीं। आखिर सालों बाद जो उनकी ख्वाहिश पूरी होने जा रही थी।

पार्टी वाले दिन उन्होंने ब्यूटीशियन को तैयार करने के लिए बुला लिया था और जब उन्होंने पार्टी में बिल्कुल क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की तरह एंट्री की तो सब देखते ही रह गए।

 

यह देख दादी के चेहरे पर एक आत्मविश्वास भरी मुस्कान आ गई और उन्होंने अपने आप से कहा, ” आखिर ! आज मैंने अपनी चाहत पूरी कर ही ली।”

अनिता गुप्ता

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!