नियति को तो बदला भी जा सकता है – सुषमा यादव

शालू अपने पति के साथ सरकारी दौरे पर गई थी।  वहां एक छोटे से कस्बे में उनके पहचान के एक अधिकारी मिल गये थे। उन्होंने अपने घर में उन्हें आमंत्रित किया।शालू ने देखा,उनकी सीधी सादी पत्नी बड़े ही चाव से सबको जलपान करवा रही थी। पति विनोद तो बहुत ही हैंडसम लग रहे थे,पर पत्नी … Read more

आक्रोश ने दिलाया प्रमोशन  – सुषमा यादव

उस समय मैं छिंदवाड़ा जिले में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका थी। मेरे पति वहां एग्रीकल्चर में अधिकारी की पोस्ट पर थे । हमारा छोटा सा परिवार बहुत सुखी था। ज्यादा की हमने कभी कामना भी नहीं की थी।दो छोटी बेटियां, और हम दो। बहुत खुश थे हम सब। छिंदवाड़ा शहर भी बहुत बढ़िया था … Read more

बेटी की विदाई नहीं कर पाने का पछतावा – सुषमा यादव

,, मैं अपने पिता जी और श्वसुर जी के साथ अपने कार्य स्थल मध्य प्रदेश के एक शहर में रहती थी। मेरी बड़ी बेटी की शादी होने वाली थी। वो विदेश में नौकरी कर रही थी इसलिए ये निश्चित हुआ कि दिल्ली में ही शादी हो।देश विदेश से सभी लोग फ्लाइट से आयेंगे और इंडिया … Read more

मुझे तो मक्खन जैसी बहू चाहिए – सुषमा यादव

सपना के पति और उनके एक बहुत घनिष्ठ मित्र दीपक एक ही यूनीवर्सिटी में पढ़ रहे थे। दोनों की शादी हो चुकी थी,पर बच्चे अभी नहीं थे। पूरी यूनिवर्सिटी में उन दोनों की दोस्ती की मिसाल दी जाती थी। एक दिन दीपक ने सपना के पति राजेश से कहा,यार,चलो हम अपनी इस दोस्ती को एक … Read more

एक शादी ऐसी भी – सुषमा यादव

किसी शादी में चले जाएं तो लोग इतना दिखावा करते हैं,हम हैरान रह जाते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अमीरों या उच्च मध्यम वर्गीय लोगों जैसे पानी की तरह बेतहाशा पैसा शादी में बहाएं। पर कुछ लोग दिखावे में आकर खूब धूमधाम से शादी करेंगे। वो भला किसी से क्यों … Read more

एक शादी ऐसी भी – सुषमा यादव

किसी शादी में चले जाएं तो लोग इतना दिखावा करते हैं,हम हैरान रह जाते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अमीरों या उच्च मध्यम वर्गीय लोगों जैसे पानी की तरह बेतहाशा पैसा शादी में बहाएं। पर कुछ लोग दिखावे में आकर खूब धूमधाम से शादी करेंगे। वो भला किसी से क्यों … Read more

माफी तो मैं भगवान से भी नहीं मांगती। – Short Hindi Inspirational Story

मुझे शिक्षक प्रशिक्षण के तहत विद्यालय में जाकर पाठ्य योजना के अन्तर्गत कक्षाओं में जाकर पढ़ाना था। लेसन प्लान बना कर मैं एक विद्यालय गई।  एक कक्षा को पढ़ाने के बाद मैंने टाइम देखा तो दस पन्द्रह मिनट ऊपर हो गये थे। पर अभी तक दूसरे पीरियड की घंटी नहीं बजी थी, दूसरे पीरियड में … Read more

अलौकिक शक्ति – सुषमा यादव

मेरा हरिद्वार शांति कुंज के गुरु श्री राम शर्मा आचार्य जी पर अगाध श्रद्धा है। मैंने उन्हें देखा नहीं था,,जब मैं अपने पिता जी, और अपनी मां के साथ गई थी तो परम वंदनीय माता जी से ही गुरु दीक्षा ली थी,उस समय गुरु जी किसी अज्ञात स्थान में गायत्री मां की आराधना में लगे … Read more

जी भर के रो भी ना पाये, जिम्मेदारियां निभाने में, – सुषमा यादव

 इंदौर के अपोलो अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटे हुए राज ने अपनी पत्नी मीनू को बेबसी और लाचारी भरी डबडबाई आंखों से देखा, वो कुछ कहना चाहते थे,पर कह नहीं सके,मीनू यानि मैं उनका आशय समझ गई, मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लेकर उन्हें विश्वास दिलाया कि जो आप कहना चाहते हैं, मैं समझ … Read more

एक जिम्मेदार बालिका। – सुषमा यादव

जब मैं छिंदवाड़ा में शिक्षिका थी,उस समय मेरी बड़ी बेटी पांच साल की और छोटी बेटी दो माह की थी,हम दोनों की नौकरी और दो छोटे बच्चे, बड़ा मुश्किल हो रहा था।, कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने देखभाल की,पर कब तक हम उन्हें परेशान करते,हम बहुत परेशान हो रहे थे, हमारे पड़ोस में एक मद्रासी … Read more

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