“अर्धांगिनी…. – रेणु मंगल : short story with moral

घूमने का शौक किसे नहीं होता और ये तब और भी खुशनुमा बना जाता है जब किसी युवा जोड़े की शादी हुई हो और वह एकसाथ घूमने जाएं मोहन और सुधा की शादी को भी बस महीना भर ही हुआ था कम्पनी से पूरे पंद्रह दिनों की छुट्टी मिली थी सो मोहन अपनी नवविवाहिता पत्नी … Read more

रसोई की बुलबुल आजाद हो गई-मुकेश कुमार

विनोद अपने घर में सबसे बड़ा था.  और वही अकेला अपने घर में कमाने वाला भी था आज वह जहां पर नौकरी करता था महीने की आखिरी दिन था और तनख्वाह मिलने का भी दिन था.  सुबह घर से निकलते ही उसने अपने घर की पूरी लिस्ट बनाकर रखा हुआ था कि घर के लिए … Read more

बेटी क्या औलाद नहीं-Mukesh Kumar

रूबी की शादी बड़ी धूमधाम से हुई.  अगले दिन वह अपने ससुराल पहुंची ससुराल पहुंचने पर उसका स्वागत उसके सास ने बहुत ही प्यार से किया ससुराल में उसका मान जान कुछ ज्यादा ही हो रहा था क्योंकि वह अपने सास की इकलौती बहू थी क्योंकि उसके पति मनोज का कोई भाई नहीं था। रूबी … Read more

ढोल – अनुज सारस्वत

“भैया देखो ऐसा है बैंड का हमें ना पता लेकिन ढोल जरूर होना चाहिए।हमारे भैया की शादी में।वरना हम दूसरा इवेंट वाला कर लेंगें” सेठ ने बाल खुजाते हुए इवेंट मैनेजमेंट वाले को कहा।इवेंट मैनेजर आश्वासन देकर चला गया। वह एक बस्ती में पहुंचा वहां जाकर एक झुग्गी में आवाज लगाई  “मोनू.. मोनू..” एक 20 … Read more

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

राधिका शुरू से ही पढ़ाई में बहुत ही इंटेलिजेंट थी उसका  सपना था एक आईएएस अफसर बनना। ग्रेजुएशन करने के बाद वह इसकी तैयारी के लिए दिल्ली आ गई थी और उसने दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में आईएएस की तैयारी के लिए एडमिशन करा लिया था।   एक दिन जब कोचिंग से आने के बाद … Read more

यादों के झरोखे से

सविता जी एक एनजीओ चलाती थीं. इनका एनजीओ समाज में उपेक्षित महिलाएं, जिनके घर वाले किसी कारण से उन्हें अपने से अलग कर दिया हो ऐसी महिलाओं को सहारा देती हैं और उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार लायक बनती थीं.  आज उनका 60 वां जन्मदिन था। एनजीओ की सारी महिलाओं ने इस जन्मदिन को उनके जीवन … Read more

रिश्तो की डोर टूटे ना

मै और माधव एक ही स्कूल में शिक्षक थे. और साथ ही हम दोनों अच्छे मित्र भी थे.  माधव 1 सप्ताह से स्कूल से छुट्टी लिया हुआ था। क्योंकि उसके पिता जी बहुत ही बीमार थे उनके इलाज के लिए पटना ले गया था.  पटना से कल ही वापस लौटा था. आज संडे का दिन … Read more

थोड़ा सा प्यार है बाक़ी

रजनी सिर्फ 5 साल की थी तभी उसकी मां का स्वर्गवास हो चुका था.  उसके अलावा घर में एक बूढ़ी दादी और उसके पिता थे। दो-तीन सालों तक तो उसकी बूढ़ी दादी ने रजनी का पालन पोषण किया लेकिन अब उसके बस की बात नहीं थी, रजनी का   पालन पोषण करना। उसने अपनी बेटे … Read more

कपड़ों से नहीं विचारों से आधुनिक हूँ मै

चेतना और मनोज दिल्ली के एक कंपनी में CA थे. दोनों की कुर्सी अगल-बगल थी तो धीरे-धीरे एक दूसरे से दोस्ती हो गई और यह दोस्ती कब प्यार में बदल गई इन दोनों को भी पता नहीं चला ऐसे करते-करते 2 से 3 साल गुजर गए. 1 दिन सुबह मनोज  ऑफिस पहुंचा तो बिल्कुल उदास … Read more

कच्चे धागे जैसी है ये जिंदगी !

राजेश और  मंजू पेशे से डॉक्टर थे, आज उनकी शादी की सालगिरह थी वह अपने बच्चों और बहुओ  के साथ एक रेस्टोरेंट में सालगिरह मनाने के लिए घर से निकले हुए थे राजेश जी पीछे वाले सीट पर अपने पत्नी मंजू के साथ बैठे हुए थे और अपनी पत्नी मंजू का हाथ पकड़े हुए अपने … Read more

error: Content is Copyright protected !!