इमोशनल फूल – संगीता त्रिपाठी

ट्रिंग ट्रिंग…. फोन की घंटी बजी.. गिन्नी ने फोन उठाया, “हेलो गिन्नी क्या कर रहे तुम लोग “     “कुछ नहीं भैया… नाश्ता कर रहे..”गिन्नी ब्रेड चबाते बोली..।     “अरे वाह मै भी आ रहा आंटी के हाथ का बना ब्रेकफास्ट करने… वैसे आंटी ने आज क्या बनाया है ब्रेकफास्ट में…”निखिल ने पूछा।    “आइये भैया… मै तो … Read more

स्नेह सूत्र – संगीता त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

पूरी कहानी फोटो पर टच कर पढ़िये माँ, गर्मियों की छुट्टियां होने वाली, हम नानी के घर कब जायेंगे। छोटे राहुल ने माँ प्रीती से पूछा।      उदास स्वर में प्रीती बोली -राहुल अभी पापा को छुट्टी नहीं मिलेगी, इसलिये अभी नहीं जा पायेंगे।    राहुल को उदास देख प्रीती ने उसे बहलाया कुछ दिनों बाद हमलोग … Read more

ख़्वाबों की मंजिल – संगीता त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि ने माधुरी से कहा -आप की इस सफलता पर आपको बहुत -बहुत बधाई,इस उम्र में आपकी लगन काबिले – तारीफ हैं। कुछ अपने बारे में बताये क्योंकि आप हम सब की प्रेरणा स्रोत हैं।आपके क्या ख्वाब थे। किस तरह आप सफलता के सोपान पर … Read more

उनका आक्रोश… – Moral Story In Hindi

“मिसेज मेहरा को देखा, इतनी उम्र हो गई फिर भी चटख लिपस्टिक लगाती है,हमेशा जीन्स, स्कर्ट, गाउन में ही दिखती है, मानो ये सब करने से उनकी उम्र कम दिखेगी..”शिखा ने से कहा।    “हाँ, जब देखो अपनी बत्तीसी दिखाती रहती, ऐसा लगता है जैसे हम लोगों का मजाक उड़ा रही है,अरे इस उम्र में भजन … Read more

कहीं देर ना हो जाये… – संगीता त्रिपाठी

 जिंदगी हर कदम एक नई जंग हैं…पर तू हौसला मत छोड़ना,मजबूत बनेगी तभी सफल होगी, पर हाँ कोई निर्णय लेने से पहले सोच ले, तेरे झगडे का मुद्दा कितना सही है,”,कहने को मैंने पंकु को समझा दिया। पर अपनी बीती जिंदगी याद आ गई। कई साल पहले  मै यानि नीरजा भी इसी जगह खड़ी थी। … Read more

दिखावटी प्यार… – संगीता त्रिपाठी

रीना घर के कम खत्म कर बालकनी में मोबाइल ले कर बैठ गई, फेसबुक खोला तो पहली पोस्ट उसकी सहेली प्रिया के पति शिशिर की दिखी.., अपनी और प्रिया की खूबसूरत पिक डाल कर उन्होंने कितनी शेर -शायरी लिख कर प्रेम का इजहार किया है ..कितना प्यार करते है शिशिर प्रिया से…. एक मेरे पति … Read more

बावर्ची – संगीता त्रिपाठी

मालिनी का रो -रो कर बुरा हाल था, मयंक की कुछ खबर नहीं…, कल रात से मयंक गायब था,जाने कहाँ चला गया, किसी को भी कुछ बता कर नहीं गया…सुबह.,उसके दोस्तों से पूछा उनको भी कुछ पता नहीं..।     मालिनी और अवध जी.. पहली संतान पुत्र मयंक को पाकर फूले ना समाते, उनकी आँखों में बेटे … Read more

ये कैसी जिम्मेदारी है… – संगीता त्रिपाठी

“जिम्मेदारी..”ये शब्द अपने में अनेक भार लिये हुये है, कुछ हँस कर निभाते है कुछ मज़बूरी में निभाते है..। किसी को समय पर जिम्मेदारी मिलती है तो किसी को असमय….।      जिम्मेदारी से मुझे अपने पड़ोस में रहने वाली सुषमा दीदी याद आ गई…। एक सुबह जब मेरी ऑंखें खुली तो सामने के घर में ट्रक … Read more

सास से पंगा.. – संगीता त्रिपाठी

 “मम्मी जी आपके झुमके बहुत सुन्दर है, आप पर बहुत अच्छे लग रहे “बहू प्रीति ने सासू माँ ऊषा की तारीफ करते कहा..।          “तुम्हे पसंद है बहू तो तुम पहन लो, “उषाजी ने कहा    “अरे नहीं माँ, आप उतरिये मत ..,आप का झुमका इतना सुन्दर है मै तारीफ से अपने को रोक ना पाई,”बहू की … Read more

सहारा –  संगीता त्रिपाठी

 “मम्मा.. टीचर ने भेदभाव पर निबंध लिखने को कहा है, आप थोड़ा मदद करोगी “कक्षा पांच में पढ़ने वाला मेहुल ने अपनी माँ मीना से पूछा..।     “हाँ क्यों नहीं, तुम लिखना शुरु करो, मै तुम्हे मदद कर दूंगी “मीना ने बेटे को दिलासा दिया।       “मम्मा, पहले भेदभाव तो स्पष्ट करो ..”मेहुल ने कहा।      “भेदभाव करना … Read more

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