प्यार समर्पण ही माँगे ज़रूरी नहीं – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : कभी कभी ज़िंदगी इंसान को इस कदर उलझा देती हैं कि वो समझ ही नहीं पाता क्या करें और जब ज़रूरत हो को कम्बख़्त फोन भी नहीं लगता और जब लगे कोई उठाता नहीं तो दिल और बेचैन हो जाता है ऐसा ही कुछ हाल अभी काव्या का हो रहा … Read more

बस थोड़ सा वक़्त – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

गायत्री निवास में रहने वाली गायत्री देवी को भगवान ने सभी सुखों से नवाज़ा हुआ था..उनका एकलौता बेटा रजत अपने काम मे अतिव्यस्त रहता था ..बहू रोहिणी भी नौकरी करती ….उनके दो पोते मंयक , मानस और दो पोती मानसी और मेघा अपने कालेज में व्यस्त रहते।पैसो की घर में कोई कमी नहीं थी।गायत्री जी … Read more

अंतिम यात्रा या उत्सव – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज दोपहर को माँ का फोन आया,‘‘हैलो बेटा, जानती है वो पड़ोस वाली माया चाची थी ना रात को दिल का दौरा पड़ने से चली गई ,सुरेश चाचा के पास।उनके दोनों बेटों को देख कर लग ही नहीं रहा था उन्हें उनके जाने का कोई दुख हैं, उनको शमशान घाट … Read more

बंद मुट्ठी के खोखले रिश्ते… : saas bahu ki kahaniya

घर में लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा था जेठानी के मायके का पूरा परिवार इकट्ठा हो रखा था…सब आपस में बातें करने में मशगूल थे पर जिसका घर था वो आज उदास थी और रोये जा रही थी । राशि के आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। पति निकुंज और बच्चे सब चुप … Read more

ख़ुशियों का दामन

कहते हैं ज़िन्दगी में सब कुछ पहले से तय होता है… कब किससे मिलना लिखा.. कब किससे बिछड़ना उपर वाले के पास सब दर्ज होताहै…. कभी कभी ज़िंदगी दामन में इतने दुख भर देती है कि हम उसे अपनी नियति मान मौन रह स्वीकार कर लेते हैं चाहे उसमें ख़ुशी की गुंजाइश ना के बराबर … Read more

आपके हाथ में रिश्ते बनाना बिगाड़ना – Moral Story In Hindi

“ ताई जी यहाँ क्यों आई थी माँ…..मुझे इनका यहाँ आना जरा भी नहीं सुहाता….मुझे अभी भी याद है इनकी वजह से ही हमारे घर में दरार पड़ गई थी….भैया दीदी से भी हमें दूर कर दिया…क्या परिवार में ज़रूरी है दो भाई हो तो दोनों समान पैसे कमा कर लाए और अपने बच्चों को … Read more

ज़िन्दगी भर की टीस – रश्मि प्रकाश

“ माँ इससे कह दो… ये मुझसे दूर ही रहे… कोई ज़रूरत नहीं है मेरे कमरे की सफाई करने की।“ आक्रोश में नितिन ने नित्या से कहा नित्या घबराकर वहाँ से हट गई…जो अपने कमरे की सफ़ाई करने में व्यस्त थी  “ बेटा ये क्या तरीक़ा है बहू से बात करने का…तुम्हें नहीं लगता तुम … Read more

पराँठे रहने दीजिए …. – रश्मि प्रकाश

“ निशिता मेरे कपड़े प्रेस वाले के पास से आ गए हैं क्या….नहीं आए है तो प्लीज़ फोन कर के मँगवा लेना दो दिन बाद एक मीटिंग  केसिलसिले में राँची जाना है ।” रितेश ऑफिस के लिए तैयार होते हुए बोला  “ हाँ मँगवा लूँगी… बता दोगे तो पैकिंग भी कर दूँगी नहीं तो खुद … Read more

इतना अभिमान सही नहीं…. – रश्मि प्रकाश

“ बस भी करो रितेश … कब तक ऐसे सिर झुकाकर सबकी बातें सुनते रहोगे।” राशि ने अपने छोटे भाई का हाथ पकड़कर धीरे से कहा  वही किनारे पर सुमिता जी खड़ी अपनी बेटी का रिश्ता टूटता देख घबरा रही थी  लड़के वाले दल बल के साथ लड़की देखने आए थे या चढ़ाई करने ये … Read more

व्यर्थ का दिखावा – रश्मि प्रकाश

सभी से आग्रह किया गया था वो अपने साथ एक ही चीज लेकर आएँगे और कुछ भी लेकर आए तो वो हम स्वीकार नहीं कर सकेंगे । सजी धजी हवेली और भव्य पंडाल ये किसी को भी अपनी ओर खींच सकता था पर गेट पर तैनात जवानों को देख बिना न्योता अंदरआने की हिम्मत कोई … Read more

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