अब और अन्याय बर्दाश्त  नहीं  – मीनाक्षी सिंह

राजेश जी कृषि विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत थे ! घर में पत्नी ,छह  बेटियां  और एक बेटा था ! बेटा विजय सबसे छोटा था ! बेटे की चाह में पांच बेटियां हो गयी ! वो जमाना भी ऐसा था,अगर बेटा एकलौता हो तो वंश  बढ़ाने के  लिए उसके एक बेटे का होना … Read more

नियति का चक्र

सासू माँ विजयाजी कई दिनों से बहू की हरकतें देख रही थी.. कभी बहू नेहा चुपचाप रसोईघर में कुछ बनाते बनाते खा लेती , अगर विजया जी पहुँच जाती तो चुपचाप गैस के नीचे खाने की चीज सरका देती, अपना पल्लू बड़ा सा कर लेती .. घूंघट के अंदर से ही जल्दी जल्दी खाना गले … Read more

मान मर्यादा – Moral Story In Hindi

क्यूँ इतना आक्रोशित हो रहे हो जवान बेटे पर जी…..ऐसा भी क्या कर दिया उसने…जात बिरादरी के बाहर की लड़की से ब्याह करना चाहता हैँ तो कर  दीजिये ना ….जहां बच्चें की ख़ुशी ,वहाँ हमारी ….वो तो हमारा रितेश इतना सीधा हैँ जो आपके इतने  थप्पड़ बिना कुछ कहे खा गया …कोई और होता तो … Read more

दर्द के आँसू  – मीनाक्षी सिंह

माँ ,जल्दी आओ….देखो पापा ने फिर बिस्तर गंदा कर दिया ….आप कहां चले ज़ाते हो इनके पास से….पता हैँ ना आपको आज मेरे सिनियर सर अपनी फैमिली के साथ खाने पर आ रहै हैँ…पूरे घर में बदबू आ रही हैँ…साफ कीजिये जल्दी… बेचारी 70 वर्षीय रमावती जी को अपने सगे बेटे कुनाल के मुंह से … Read more

द्वारिका जी की सीख – मीनाक्षी सिंह

पार्क में एक लड़का ,लड़की रोमांस करने में व्यस्त ….वहीं एक 70 वर्षीय बुजूर्ग द्वारिका जी पार्क में घूम रहे थे …फिर थककर बैठ गये …तभी उनकी निगाह उस जोड़े पर गयी ….उनसे रहा ना गया …वो उनके पास गये …दोनों ने जब द्वारिका जी की उपस्थिति महसूस की तो झिझक गए …एक दूसरे का … Read more

एक देवरानी ऐसी भी  – मीनाक्षी सिंह

कविता सुबह से ही जोर जोर से बर्तनों की आवाज कर रही थी..यह रोज का था …छोटी देवरानी निक्की घर का कोई काम नहीं कराती थी …उसके ब्याह को अभी 8 माह ही हुए थे ….बेचारी कविता सोचती ये महारानी उठती हैँ…कुल्ला ,ब्रश करती हैँ …नहाती हैँ…नाश्ता किया …खाना लगाया…माँ जी के पैर भी नहीं … Read more

पैसा बचाके रख अमित…. – मीनाक्षी सिंह

क्या पापा ,कितनी बार कहा हैँ कि इस  ये घिसे  पीटे कूलर को सही मत किया करो ,कितना पुराना हो गया हैँ ,हर गर्मी में लेकर बैठ ज़ाते हैँ आप ….इतनी कड़ी धूप में मोटर सही करते हैँ …साफ करते हैँ …घास लगाते हैँ….एसी लगवा देता हूँ आपके कमरे में भी …ज़माने चले गए कूलर … Read more

पति क्या घर के काम नहीं कर सकते – मीनाक्षी सिंह

सुनो ,अंदर आ जाओ ,बाद में डाल देना कपड़े बालकनी में ! विमला खड़ी हैँ बाहर ! क्यूँ इसमें क्या हुआ ,क्या मैं अपने घर के कपड़े नहीं सुखाने को डाल सकता ! रोहित अपनी पत्नी पारूल से बोला ! तुम्हे नहीं पता ये सब औरतें शाम को पंचायत करती हैँ बैठकर कि पारूल का … Read more

मुझे दिखावा पसंद नहीं सिमरन….. – मीनाक्षी सिंह

यार सिमरन तुम रोज रोज यहीं बातें लेकर क्यूँ घर में कलेश करती हो ! हमारी शादी को दस साल हो गए हैँ ,जब मैं अभी तक नहीं बदला  तो अब क्या ही बदलूँगा ,और वैसे भी मुझे बदलना भी नहीं ,ये दिखावा मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं … इसमें क्या दिखावा हैँ राहुल ,बताना … Read more

ऐसे भी लड़के वाले होते हैं – मीनाक्षी सिंह

रंजना आज किंजल को देखने लड़के वाले आ रहे हैं ,सब तैयारी कर लेना ! लिस्ट बना दो जो जो सामान लाना हो ले आऊँ ! कितने लोग आ रहे हैँ ?? यहीं कोई आठ लोग ! कोई बात पक्की हो जायें तो इतने लोग आयें भी तो ठीक लगे ! उनकी आवभगत करो फिर … Read more

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