तिरस्कार – प्रेम बजाज

“सीमा, अरी ओ सीमा कब से बुला रही हूं, कहां मर गई”  बड़बड़ाती हुई आरती कमरे से बाहर आई तो देखा सीमा रसोई घर में फर्श पर उकड़ू होकर बैठी है और उसकी आंखों से झर-झर आंसू बह रहे हैं। “क्या हुआ ये टसुए क्यों बहा रही है, कोई मर गया है क्या तेरा जो … Read more

परफेक्ट कपल – संगीता अग्रवाल

दीपक और सान्या दोनो पति पत्नी है और लोगो के लिए एक आइडल कपल । कुछ लोग उनके जैसा बनना चाहते है तो कुछ लोग उनके प्यार को देख जलते भी है । हर पार्टी की जान होता है ये जोड़ा । यहां तक कि दीपक के ऑफिस मे भी सबको लगता कि दीपक और … Read more

किसके नाम की मांग – प्रेम बजाज

रामलाल रोज़मर्रा की मजदूरी करने वाला। कभी काम मिल जाता और कभी नहीं। सारा दिन काम की तलाश में घूम-फिर कर घर वापस आ बैठता। घर पर आकर वही किट-किट। ” अजीत सुनते हो, ना दाल है ना चावल।  छबीली को क्या बना के खिलाऊं? उधर मुन्नी भी भूख से बिलख रही है” ” तो … Read more

फिर तेरी कहानी याद आई – प्रेम बजाज

राधा पहाड़ की ओट से सड़क पर नज़र रखे हुए है आज फिर उसमें एक नई आस जागी है।  सर्दियां शुरू हो गई है, उसे भरोसा है कि शायद अब की सर्दी में मेरा बाबू आएगा। मां और भाई, भाभी, छोटा भाई मोहन सब रोज समझाते हैं, ” राधा पगली मत बन, वो नहीं आएगा, … Read more

आखिरी उम्मीद – प्रेम बजाज

15 दिन से हर वकील, पुलिस के पास, इन्साफ के लिए भटक रही है। पहले तो थाने में बलात्कारी के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने जब गई तो थानेदार ने लम्बा चौड़ा भाषण दे दिया। “अरी कमला रानी, किसके खिलाफ रपट लिखाने चली है तू, तुझे पता है ना वो कितने बड़े बाप का छोरा है, तू … Read more

21वीं सदी की बुलबुल – प्रेम बजाज

शीतल के पापा को माईनर सा हार्टअटैक आता है, डाक्टर ने कहा कोई खतरे वाली बात नहीं, वो अब ठीक हैं। लेकिन जिसे सुनकर शीतल रह नहीं पाती और पापा से मिलने आती है, शीतल की बेटी बुलबुल दस साल की है और बेटा सौरभ चार साल का है। बेटे को तो शीतल साथ ले … Read more

अहसान नहीं फ़र्ज़ – प्रेम बजाज 

मि० गुप्ता  एक बैंक कर्मचारी  10वीं क्लास में बेटा आकाश और 6वीं क्लास में बेटी प्रेज़ी पढ़ती है‌। मिसेज गुप्ता की तबीयत कुछ ढीली – डाली सी रहती है,  बस ले-दे कर घर का गुजारा ठीक-ठाक चल रहा है।  मिसेज मल्होत्रा, ” मिसेज गुप्ता आप एक बाई क्यों नहीं रख लेती?  आपकी तबीयत भी ढीली … Read more

सच्चा प्रेम – प्रेम बजाज

“एक्सक्यूज़ मी “,.  … आशा के पीछे से आवाज़ आती है , जैसे ही आशा मुड़कर देखती है तो हैरान हो जाती है , “अरे आप निलेश जी हैं ना, फेमस कार्टुनिष्ट “   “जी और आप आशा वोहरा जी मशहूर लेखिका , मैं कब से आप को देख रहा था  पहचानने की कोशिश कर रहा … Read more

यही तमन्ना है – प्रेम बजाज

साहनी साहब बैंक में कार्यरत थे और परिवार भी छोटा सा बस एक ही बेटा, दूसरी संतान ईश्वर ने दी ही नहीं। साहनी साहब और उनकी धर्मपत्नी रोहिणी को बेटी का बहुत चाव था, मगर ईश्वर को शायद मंज़ूर नहीं था, बेटी पैदा तो हुई मगर पैदा होते ही इस संसार से कूच कर गई। … Read more

दो हिस्सों में बंटा प्रेम – प्रेम बजाज

रीमा और अंजलि दोनों एक ही मोहल्ले में रहती थी, एक ही स्कूल और एक ही क्लास में थी। ज़ाहिर सी बात है अक्सर ऐसे में दोनों में घनिष्ठता बढ़ती है। रीमा और अंजलि में भी काफी घनिष्ठता थी, उस पर कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि दोनों का जन्म दिन केवल एक दिन के … Read more

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