Moral Stories in Hindi : आज शहर के विख्यात स्टेडियम में मेरा सम्मान समारोह होना है.. अपनी मेहनत और संघर्ष के बल पर शहर में अपनी एक पहचान बनाई हूं.. और अपनी #भाग्यविधाता#भी मैं खुद हीं हूं..चीफ मिनिस्टर आज मुझे सम्मानित करेंगे.. और ये सम्मान सिर्फ मेरा नही मेरे जैसी अनेक बहनों का है जो विपरीत परिस्थितियों में भी संघर्ष कर अपना मुकाम हासिल किया… भले हीं वो दुनिया की नजरों में अभी तक नही आ पाई है… लेकिन अपनी #भाग्यविधाता#वो खुद हैं..
सुहाना बुटीक शहर का जाना पहचाना नाम.. समय केसाथ चार ब्रांच और भी खोलना पड़ा.. ग्राहकों की मांग को देखते हुए..
सत्रह साल की उम्र में शादी कर के ससुराल आ गई.. घर की छोटी बेटी सबकी लाड़ली.. पर किस्मत को मुझसे न जाने क्या बैर था..
पति का बहुत बड़ा बिजनेस था.. बड़े घराने में मेरी शादी मेरी सुंदरता को देख कर हुई थी… रिसेप्सन में जिसने देखा बस देखता हीं रह गया…..
पति के साथ पार्टियों में दो तीन बार गई पर मुझे वहां बिल्कुल अच्छा नहीं लगा.. अर्धनग्न औरतें पराए मर्दों के गले में हाथ डाल डांस कर रही थी..
शादी के तीन महीने बाद हीं मैं प्रिग्नेंट हो गई.. और इसी बहाने मुझे पार्टी में जाने से छुटकारा मिल गया..
नौ महीने बाद मेरे गोद में सुहाना आ गई…
सुहाना के जन्म के बाद मैं और निखर गई थी.. तीन महीना बीतते बीतते रोहित फिर मुझे पार्टी में जाने के लिए मजबूर करने लगे.. नन्ही सी जान को आया के पास छोड़ के जाना मुझे बहुत बुरा लग रहा था पर…
और मै पार्टी में जाने लगी.. बेमन से… ऐसे हीं एक दिन बहुत भव्य पार्टी रखी गई थी शहर के पांच सितारा होटल में.. कलकत्ता से बहुत बड़ी पार्टी आई थी.. डील फाइनल हो जाने पर करोड़ों का फायदा होने वाला था..
रोहित ने बहुत प्रेम से मेरे लिए साड़ी और स्लीव लेस ब्लाउज लाया था.. सुबह से मस्का लगा रहे थे.. रमा तुम पर ये साड़ी बहुत जचेंगी..
पार्टी में सब ने मेरी खूब तारीफ की.. पचपन साल के गंजे और कंजी आखों वाले एक व्यक्ति से रोहित ने मेरा परिचय कराया… ये हैं कोलकाता से आए बहुत बड़े उद्योगपति मिस्टर सुबोध गांगुली.. और ये मेरी पत्नी रमा! उसने हाथ बढ़ाया मैने दोनो हाथ जोड़ दिया…
पार्टी में ड्रिंक के साथ डांस भी शुरू हो गया था.. अचानक मेरी कमर पर किसी अजनबी हाथों की लिजलिजा सा स्पर्श महसूस हुआ देखती तबतक एक हाथ मेरे होठों तक पहुंच चुका था….
मैने बिना देखे हीं जोरदार चांटा जड़ दिया.. म्यूजिक बंद हो गया.. लाइट जल गई और ये तो वही मिस्टर गांगुली हैं…
रोहित ने मुझे मारा नही पर साइड में ले जाकर बहुत बुरा भला कहा.
आखिर में तय हुआ कि मिस्टर गांगुली से माफी मांगना होगा और दो घंटा उनके साथ बिताना होगा..
डील फाइनल करने के लिए पत्नी की इज्जत को दांव पर लगाया जा रहा था… मुझे फैसला लेना था…
और मै होटल से निकल कर कैब बुक किया तीन महीने की सुहाना को गोद में लिया और उस घर को हमेशा हमेशा के लिए छोड़ दिया…
समझौते के प्रयास धमकी प्रलोभन मुझे अपने फैसले से डिगा नहीं पाया… तीन साल बाद हमारा तलाक हो गया…
अब मुझे अपने और सुहाना के भविष्य के लिए सोचना था..
मां के पास सुहाना को छोड़ सिलाई सीखने जाने लगी..मजबूरी में शोषण औरत और मर्द दोनो हीं करते हैं… सिलाई सीखाने वाली आंटी मुझसे अपने घर के काम भी करवाती थी क्योंकि मुझसे पैसे थोड़े कम लेती थी…
कभी घुटनों की मालिश तो कभी बड़ी मुंगोडी बनवाती… एक घंटा सिलाई सिखाती और दो घंटे काम करवाती… एक कप चाय के लिए भी नहीं पूछती…
जितनी मुसीबतें आती कष्ट होता उतना हीं मेरा संकल्प दृढ़ होता जाता..
और मैने अपना मुकाम पा लिया.. सुहाना आरके पुरम दिल्ली से प्लस टू कर रही है..
मैं अपने बुटीक में लाचार मजबूर और बेबस लड़कियों और औरतों को प्राथमिकता देती हूं और मुफ्त में उनको ट्रेनिंग भी देती हूं.. जितना बन पड़ता है उतना करती हूं… मुझे ऐसा करके आत्म संतोष मिलता है.. कोशिश करती हूं जो मैने सहा वो किसी और औरत या लड़की को नही सहना पड़े.. मेरे घर के दरवाजे हर वक्त खुले रहते हैं ऐसी मजबूर और बेसहारा औरतों के लिए..
मेरी बुटीक में एम बीए की डिग्री वाली लड़कियां भी काम करती है…
अरे चार बज गए पांच बजे मुझे पहुंचना भी है ख्यालों की दुनिया और स्मृतियों के झरोखों से बाहर आ जाओ रमा…
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Veena singh..