बेइंतहा प्यार – रीटा मक्कड़

जब बचपन मे तुम्हे देखा तब से तुम मुझे अच्छे लगने लगे। तब तो प्यार का मतलब भी नही पता था।

जब कमसिन अल्हड़ उम्र हुई अभी ये भी नही पता था कि प्यार क्या होता है तब भी तुमसे ही प्यार किया। तुम नही मिलते तो मैं बहुत रोती थी वो तो बहुत बाद में पता चला कि वो प्यार था।

जब जवानी की दहलीज पर पांव रखे तोतुम्हारे सिवा कुछ और अच्छा नही लगता था तब भी तुमसे बेइंतहा प्यार किया।

मेरी शादी हो गयी मैं किसी और की दुल्हन बन गयी लेकिन तब भी दिल ही दिल मे तुम से ही प्यार किया।

मैं अपने बच्चों की माँ बनी ।एक माँ अपने बच्चों को दुनिया मे सबसे ज्यादा प्यार करती है लेकिन दिल के एक कोने में तुमने कब्जा कर रखा था तब भी दिल के उस कोने ने तुम्ही से मूक प्रेम किया।

जब भी परिवार के लिए भगवान से दुआ मांगी तब ये भी मांगा कि तुम इस जन्म में मेरे नही हुए अगले जन्म में तो मेरे ही होंगे।हर बार दुआ में भी तुमको अगले जन्म के लिए मांगा तब  ये भी तुमसे प्यार  ही था कि कभी तुमको खुद से अलग कर ही नही पायी।


बालों में सफेदी आ गयी चेहरे पर चश्मा आ गया । ज़िन्दगी में बहुत लोग आए बहुत गए।लेकिन तुम तो बस ऐसे आए कि वापिस कभी गए ही नही।ये प्यार नही तो और क्या था।

अब ज़िन्दगी उस दोराहे पर खड़ी है जहां सांसे भी गिनती की बची हैं।पता नही अगली सांस आएगी भी कि नही।लेकिन हर स्वास में तुम आ जा रहे हो। जब मेरी आखिरी सांस निकल जायेगी तब शायद तुम भी मेरे साथ नही रहोगे।लेकिन मेरी रूह तो हमेशां ज़िंदा रहेगी और तुम तो मेरी रूह में बसे हो न।

ये शरीर नही रहेगा तो क्या हुआ मेरी आत्मा मेरी रूह बनकर तुम तो मेरे साथ हमेशां रहोगे न अगले जन्म में हम फिर से मिलेंगे वादा करो ..और इस बार मिलेंगे तो कभी न जुदा होने के लिए।

मरने के बाद तो हमे कोई अलग नही कर पायेगा। मेरी और तुम्हारी रूह दोनो मिलकर एक हो जाएंगे तब कभी भी अलग नही होंगे।हमेशां हमेशां के लिए एक दूसरे में समा जाएंगे। इस जन्म में तो बहुत तड़पी हूँ। तुम्हारे लिए।अब और न तड़पाना मुझे…

बस अब जाते जाते किसी अजीज का एक शेयर याद आ रहा है जो हमेशां गुनगुनाती रहती हूं।

मेरे मरने के बाद मुझे जलाने से पहले मेरा दिल निकाल कर रख लेना

कहीं वो भी साथ न जल जाएं, जो इस दिल मे समाए बैठे हैं।

मौलिक एवं स्वरचित

रीटा मक्कड़

 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!