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बैरी पिया (भाग दो ) -अनुपमा

भाग एक

अब तक आपने पढ़ा की सुरजीत की शादी राजवीर से हो जाती है और राजवीर कनाडा वापिस चला जाता है वहां से कुछ दिन तक तो लगातार संपर्क मैं रहता है परंतु वो सुरजीत को कनाडा ले जाने की बात को हमेशा टालता ही रहता है और धीरे धीरे राजवीर के फोन आने बंद ही हो जाते है ।

इधर सुरजीत ने हंसना बोलना लोगो से मिलना जुलना बिलकुल ही बंद कर दिया था

जब भी वो कहीं बाहर जाती तो लोग राजवीर के बारे मैं ही पूछते उससे की फिक्र किसी को न होती ,हर बार वही सवाल पूछे जाने से बचने को उसने घर मैं ही रहने का फैसला किया और अब उसका मन भी नही करता था कुछ करने का , उसने बेकिंग भी बिलकुल बंद करदी थी , मंजीत उससे कहती पर सुरजीत अनसुना कर देती और दिन भर अपने कमरे मैं रहती ।

एक दिन मिस्टर कूकरेजा से मंजीत ने कहा की ऐसे हालात सुरजीत की उनसे देखी नही जाती , जाने किसकी बुरी नजर उनकी बच्ची को लग गई । मिस्टर कुकरेजा ने सुरजीत से बात करने का सोचा ।

एक दिन सुबह सुबह उन्होंने सुरजीत को रेडी होने को बोला ,काफी ना नुकुर करने के बाद सुरजीत तैयार हो गई और मिस्टर कुकरेजा उसे अपने साथ ले गए , दुकान पहुंचने पर उन्होंने सुरजीत को गद्दी पर बैठने को बोला और खुद तबियत खराब होने की बात कह कर अंदर आराम के लिए बने कमरे मैं चले गए , जरूरत पढ़े तो अंदर ही हूं बेटा जी ये कह कर ।



अब तो रोज का ही नियम हो गया ये सुरजीत का मन भी लग गया था और वो काफी कुछ जान भी गई थी काम के बारे मैं , बहुत अच्छे से संभाल लिया था सुरजीत ने सभी कुछ और मिस्टर कुकरेजा को भी आराम मिल गया था ।

एक दिन एक परिवार उनके यहां अपनी बेटी की शादी की खरीदारी करने आया और काफी कुछ सामान लिया , उनलोगो ने जब सुरजीत को दुकान इतने अच्छे से संभालते देखा और उसके व्यवहार से सभी लोग बहुत प्रभावित हुए ।

कुछ दिनो बाद वो परिवार फिर से आया और मिस्टर कुकरेजा से सुरजीत का हाथ मांगा , मिस्टर कुकरेजा ने उनसे बात करके जवाब देने को कहा , शाम को जब घर पहुंचे तो उन्होंने मंजीत को सारी घटना से रूबरू कराया , मंजीत तो तुरंत ही तैयार हो गई पर सुरजीत तैयार नहीं थी ,शादी के नाम से ही उसके पुराने जख्म हरे हो गए थे और वो उसी समय मैं वापिस पहुंच गई थी जहां से मिस्टर कुकरेजा बड़ी मुश्किल से उसे निकाल कर लाए थे ।

अगले दिन जब वो परिवार वापिस मिलने आया मिस्टर कुकरेजा जी से तो मिस्टर कुकरेजा जी ने उन्हे सारी पिछली घटना से अवगत कराते हुए कहा की वो अभी सुरजीत की शादी के लिए तैयार नहीं है और न ही सुरजीत तैयार है , अब सुरजीत खुद तय करेगी की उसे क्या करना है ,शादी करना ही औरतों के लिए जरूरी नहीं है वो बेटों के जैसे अपने बाप का कारोबार संभाल कर आगे बढ़ा सकती है और अपनी जिंदगी जैसे चाहे वैसे जी सकती है ,अगर वो शादी करना चाहेगी तभी शादी करेगी और जिससे उसकी मर्जी होगी उससे ही करेगी और वो जो भी फैसला करेगी, उसके हर फैसले मैं हम उसका साथ देंगे । हर औरत को सम्मान के साथ जीने का हक है और ये सम्मान उसे सिर्फ तभी नही मिलेगा जब वो पति के साथ हो ,एक पिता के साथ भी वो सम्मान के साथ रह सकती है ।

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