Monday, June 5, 2023
No menu items!
Homeनीरजा कृष्णाबड़ा भाई भी पिता समान होता है -  नीरजा कृष्णा

बड़ा भाई भी पिता समान होता है –  नीरजा कृष्णा

माँ की अचानक मृत्यु के बाद घर में शोक का माहौल था। सब काम निपट चुका था। रिश्तेदारों की वापसी हो रही थी। दोनों बहनों को भी अगली सुबह निकलना था। रात में एक  साथ बैठ कर वो दोनों बातें कर रही थीं। सुनीता दुखी होकर कहने लगी,”जब पापा गए थे ,तब इतना बुरा नहीं लगा था। सामने माँ जो थीं पर अब?”

बोलते बोलते वो चुप हो गई पर विनीता ने अधूरी बात पूरी की,”सच दीदी! माँ के जाने बाद तो लग रहा है जैसे मायका ही खत्म हो गया है।”

“हाँ री वीनू! माँ पापा के सामने तो हक था…लगता था कि हमारे सिर पर एक छत है  पर अब तो सब कुछ भैया भाभी पर निर्भर है।”


उधर से गुज़रती भाभी वंदना के कानों में उनकी बात पड़ गई, उसका ह्रदय हाहाकार कर बैठा… वो सामने आकर रो पड़ी,”आपलोग ये क्या अंटसंट सोच रही हैं! मैं तो अनाथ थी, मुझसे ज्यादा मायके की वैल्यू कौन समझेगा?”

 

वो दोनों अचकचा कर देखने लगी थी। तभी दीपक भैया आ गए और दोनों को गले लगा कर प्यार से बोले,”चलो मान लिया, माँ से मायका होता है पर भाई भाभी से भायका भी तो होता है ना। तुम दोनों मम्मी पापा की राजदुलारी थीं तो मेरे भी आँखों की पुतलियाँ हो। मेरे और भाभी के रहते तुम दोनों ऐसे सोच भी कैसे सकती हो।”

कहते हुए उनकी आँखें भर आई थी।

दोनों बहनें कुछ बोलना चाह रही थीं पर बीच में भाभी कूद पड़ी,”मायके के म पर छत होती है पर आपके भायके का भ भी बहुत मजबूत है। जब मन करे, हम पर अपना प्यार बरसाने चली आइएगा। हम सबने ही अपनी माँ को खो दिया है ।”

दोनों बहनें अपने भैया और भाभी के गले लग कर रो पड़ी। शांत होने पर बोलीं,”सच है , बड़ा भाई भी पिता के समान होता है।”

इस पर वंदना भाभी खुशी से ताली बजाने लगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular