असली गहना तुम हो!  -मनीषा भरतीया

क्या बात है, रवि तुम्हारा मुंह इतना लटका हुआ क्यों है… वो भी करवा चौथ के दिन??? वो मैं आज तुम्हारे लिए तोहफा नहीं ला पाया….मुझे पता है…तुम सुबह से  अपने तोहफे का इंतजार कर रही होगी …. हमारी शादी को 6 साल होने वाले है….और मैं लगातार 5 सालों से करवा चौथ पर तुम्हें सोने या डायमंड का कोई ना कोई छोटा मोटा गिफ्ट जरूर देता हूं…. पर इस साल नहीं दे पा रहा हूं प्लीज मुझे माफ कर दो…. अरे यह कैसी बातें कर रहे हो क्या मैं नहीं जानती कि इस बार खर्चा ज्यादा हो गया….. तुम क्या समझते हो क्या तुम नहीं बताओगे तो मुझे पता नहीं चलेगा मैं भी इसी घर में रहती हूं . …. मुझे पता है बाबू जी की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण हमें उन्हें हॉस्पिटलाइज करना पड़ा…. इसलिए तुम्हारे पैसे खर्च हो गए. … मैं इतनी भी नासमझ नहीं हूं कि इतनी सी बात ना समझ सकूं.. .. हम मिडिल क्लास क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करते हैं..  ..इसलिए जरा सी  परेशानी आ जाने पर ही हमारा बजट गड़बड़ा जाता है…. इसमें इतनी परेशान होने वाली कोई भी बात नहीं है….. सोना या डायमंड लाना उतना जरूरी नही था…. जितना की बाबूजी का इलाज कराना….

5 सालों में बस आप मुझे इतना ही जान पाए है….. क्या आपको लगता है कि मेरी सोच इतनी छोटी होगी….. आपके बाबू जी क्या मेरी बाबू जी नहीं है….. आपने मुझसे शादी करके मेरा जीवन संवारा है…. आपको याद नही होगा… लेकिन मुझे याद है… हम दोनों की मुलाकात कालेज में ही हुई थी…. हम दोनों अच्छे दोस्त थे…. आपके मन में मेरे लिए प्यार जैसा कुछ भी नहीं था… लेकिन मेरे पिता की कैंसर वाली बीमारी के बारे मे और उनकी आखिरी इच्छा की वो मेरी शादी अपनी आंखों से देखना चाहते है… मैने आपको बताई…तो आपने जांत- पात किसी भी चीज की परवाह ना करते हुए मुझसे शादी के लिए हां कर दी…. जबकि मैं बंगाली और आप मारवाड़ी होते हुए भी मां- बाबूजी ने मुझे सम्मानपूर्वक अपनी बहू बनाया…. और हमेशा बेटी का प्यार दिया… ये कहकर आज आपने मुझे बहुत छोटा कर दिया…

नहीं रितू प्लीज रोओ मत….मेरा इरादा तुम्हारा दिल दुखाने का नही था…. चलो माफ किया… लेकिन मेरी भी एक शर्त हे… पहले वो जो थैले में लाए हो.. वो मुझे दो.. कहकर रितू ने जबरदस्ती थैला रवि से छीन लिया…. और देखा की उसमें लाल रंग की खुबसूरत साड़ी और एक गजरा था…..वांव रवि आप कहते हो की मेरे लिए गिफ्ट नही लाए हो…. लेकिन इसमें तो बहुत ही सुन्दर साड़ी और वो भी लाल रंग की…. और गजरा भी..एक सुहागन के लिए इससे खुबसूरत तोहफा और क्या हो सकता है…. आज तो आप ने मां और सास दोनों का फर्ज निभा दिया… मैं हमेशा बच्चपन में सोचती थी…. कि मैं कितनी बुरी हूँ… जिसने जन्म लेते ही अपनी मां को खो दिया…. लेकिन भगवान ने  सास के रूप में मां को देकर जिस प्यार से मेरा बच्चपन मरहूम रहा…. उसे प्यार से भर दिया… पिता को खोया…. तो ससुर के रूप में पिता मिल गये..एक अच्छा दोस्त और हमसफ़र पति रूप में तुम्हें देकर मेरा जीवन खुशियों से भर दिया…. मैं आज ही सुबह मिस कर रही थी…कि हर साल मम्मी जी मुझे अपना आशीर्वाद और प्यार सरगी देकर करती थी… वो अब कौन करेगा?? थैंक्स अलॉट रवि मैं अभी तैयार होकर आती हूं…. चांद निकलने का टाइम भी हो गया है…. और चींटू को भी खाना खिला देती  हूँ…. तब तक तुम भी फ्रेश हो जाओ…. 15 मिनट बाद देखो तो जरा कैसी लग रही हूँ….. हमेशा की तरह खुबसूरत… बस रवि, हमेशा मुझसे ऐसे ही प्यार करते रहना… मेरे लिए यही सबसे बडा़ तोहफा है…. तुम्हारा प्यार और साथ ही मेरा असली गहना है… इसलिए कभी  सॉरी मत बोलना….



अच्छा बाबा मैं समझ गया… चलो अब पूजा की थाल ले आओ…. पूजा कर लो… तुम्हें भूख लगी होगी… सुबह से भूखी हो…

दोस्तों आपको क्या लगता है… कि प्यार सिर्फ मंहगे तोहफे देने से ही होता है जैसा कि रवि इस कहानी में सोच रहा था…. कि शायद उसकी पत्नी करवा चौथ पर नही मिलने पर नाराज हो जाएगी?? आपकी जो भी प्रतिक्रिया है…. मुझे कमेंट करके जरूर बताए…. 

मेरे लिए तो पति प्यार से गजरा और साड़ी भी लेकर आए तो वो दुनिया का सबसे अनमोल तोहफा होगा…. क्योंकि उसमें उसका प्यार छुपा है…. जैसा की कहानी में रितू का मानना है…. वैसे भी किसी भी औरत के लिए पति का प्यार और साथ ही उसका असली गहना होना चाहिए….. क्या आप मेरी बात से सहमत है??? 

दोस्तों आपकी  इस बारे में क्या राय है जरूर बताइएगा अगर कहानी अच्छी लगी हो तो इसे लाइक कमेंट और शेयर करना मत भूलिए…… हो सके तो मुझे फॉलो जरूर करें . . . . इससे मेरा प्रोत्साहन बढ़ता है…

#प्रेम

धन्यवाद🙏

आपकी ब्लॉगर दोस्त

©® मनीषा भरतीया

 

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