अंजाम – पृथ्वीराज

निलेश को आज ट्यूशन क्लास आने में कुछ देर हो गई थी, क्लास तो शुरू हो चुकी थी, पर वो अच्छा स्टूडेंट था इसलिए Sir ने उसे कुछ नहीं कहा.. वो अंदर आ कर बैठ गया.. पर आज बहुत परेशान लग रहा था.. आंखे भी लाल थी.. शायद रात भर जाग कर रोया था, क्लास खत्म हुई और सब बाहर आ गए..

नीतू और काव्या भी निलेश की क्लास में थे और निलेश नीतू को बहुत पसंद भी करता था.. उसने कई बार नीतू को अपने दिल की बात बताई मगर नीतू ने हर बार मना कर दिया.. पर वो नीतू से बहुत प्यार करता था.. हर पल बस उसके ही खयालों में खोया रहता था.. और आज कल तो उसकी भूख प्यास सब गायब हो गई थी.. और ना उसका मन पढ़ाई में लग पा रहा था, वो उसके प्यार में दीवाना हो चुका था, पर नीतू को उसका प्यार दिखाई ही नहीं देता था.. वैसे निलेश दिखने में भी अच्छा था.. पढ़ाई में अच्छा था.. व्यवहार से अच्छा था.. पर शायद उसकी गलती ये थी की वो एक अमीर घर से नही था.. एक साधारण परिवार का साधारण लड़का था..

और नीतू को एक ऐसा लड़का चाहिए था जो दिखने में हीरो की तरह हो.. दिमाग ना भी हो तो चलेगा पर जेब में पैसा हो, जो उसको घुमाए फिराए, खिलाए पिलाए और उसके सारे नखरे भी उठाए..

पर आज बात कुछ अलग थी, निलेश शायद ठान कर आया था की वो आज नीतू को अपने प्यार का एहसास करवा कर ही रहेगा.. और ये भी दिखा देगा की वो उसके लिए जान भी दे सकता है.. उसने नीतू को रोका और सबके सामने कहा “I Love You ” .. पर नीतू ने उसको अनसुना कर दिया और आगे बड़ गई.. तभी निलेश ने अपने बैग से एक रेजर निकाला और अपने हाथ पर 4 से 5 बार काट दिया.. हर तरह खून ही खून था.. नीतू ने सब कुछ देखा फिर भी चुपचाप वहां से चली गई.. और निलेश का इतना खून बहता देख उसके दोस्त उसको डॉक्टर के पास ले गए और पट्टी करवा दी..



काव्या, निलेश का ऐसा प्यार देख कर उसको मन ही मन चाहने लगी थी.. और चाहती थी की वो निलेश को अपने दिल की बात बता दे, पर एक तो वो नीतू की भी दोस्त थी.. और उसको ये डर भी था की निलेश उसको मना ना कर दे.. बस यही सोच कर वो चुप रहती थी.. वो दोनो के बीच नही आना चाहती थी.. पर आज निलेश का दर्द देख कर उसने भी खाना नही खाया..

कुछ दिन बीते ही थे कि, नीतू को एक ऐसा लड़का मिल भी गया जैसा वो चाहती थी.. वो उसके साथ घूमने फिरने लगी.. रातों को पार्टी में जाना.. शराब पीना.. नशा करना उसके लिए रोज की बात हो गई थी..

और ये बात पूरी क्लास को पता चल चुकी की नीतू ने किसी को BF बना लिया है.. तो काव्या ने भी एक दिन निलेश को उदास बैठा देख अपने दिल की बात कह दी.. निलेश समझदार था तो उसने भी काव्या के प्यार को समझा, और काव्या को “हां” कर दी, और ये तय किया की, अब वो नीतू को और कभी परेशान नही करेगा..

और इधर नीतू जिस लड़के के साथ थी उसके इरादे कुछ अलग ही थे.. उसने नीतू को नशा दे दे कर उसको नशे का आदी बना दिया था.. नीतू की हालत ऐसी हो चुकी थी कि वो नशे के बदले किसी के भी साथ सोने को तैयार हो जाती थी.. इसलिए अब हर कोई उसका फायदा उठा रहा था.. जो नशा करवाता वो उसे अपने रूम पर ले जाता और अपनी हवस मिटाता.. और हर सुबह जब उसको कुछ होश आता तो वो निलेश के सच्चे प्यार को याद कर कर के रोती रहती.. और अपने गलत फैसले के अंजाम को देख कर पछताती रहती..

नीतू ने क्लास आना भी बंद कर दिया.. और यहां काव्या और निलेश अपनी जिंदगी प्यार से बीता रहे हैं..

“जिंदगी आपको हमेशा सही चुनाव का एक मौका जरूर देती है.. पर आप उस मौके को चुनते हैं या नहीं ये आप पर है.. और गलत फैसले का अंजाम भी गलत ही होता है”

लेखक : पृथ्वीराज

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!