एयर होस्टेस से एक प्यारा सा रिश्ता – सुषमा यादव

मैं पेरिस जाने के लिए बहुत उत्साहित थी, आखिर बेटी के पास जा रही थी,नन्हा सा नाती और तीन वर्षीय नातिन को देखने की बहुत ललक थी,सो इतनी जल्दी पहुंच गई एयरपोर्ट पर कि बोर्डिंग में मैं अकेली ही बैठी थी।

चूंकि व्हील चेयर पर थी अतः सबसे पहले मेरा काम हो गया था।

जब समय हुआ तो मैंने देखा, जल्दी जल्दी किसी फ्लाइट के सभी मेंबर्स चले जा रहे थे, उनमें से एक बेहद खूबसूरत घुंघराले बालों वाली एयर होस्टेस मुस्कराते हुए सबसे अभिवादन करते आगे बढ़ी जा रही थी, मैं आत्ममुग्ध होकर उन्हें ही देख रही थी,जब तक वो दिखाई देती रही, भगवान भी किसी को कितने फुर्सत से बनाते हैं, है ना।

जब मैं फ्लाइट में बैठने व्हील चेयर से गई, तो सामने वही एयर होस्टेस मेरा मुस्कुरा कर हाथ जोड़कर स्वागत कर रही थी, मैं तो उन्हें देखकर खुश हो गई, अरे वाह, ये पूरे समय तक मेरे ही साथ रहेंगी।

मैं व्हील चेयर से उतर कर आगे बढ़ी,मेरा कैबिन बैग और एक भारी सा हैंड बैग वहीं रखा था, व्हील चेयर वाले भैया ने कहा,इसे आप ले जाईए, मैं नहीं ला सकता, मैंने कहा, नहीं,मेरा तो हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है, मैं इसे नहीं ले जा सकती,एयर होस्टेस ने उससे कहा,इस सामान को ले जाकर ऊपर कैबिन में रख दो, उसने नम्रतापूर्वक कहा, अंदर आने की मुझे इजाज़त नहीं है, उन्होंने कहा, मैं फ़ोन करके अनुमति लेती हूं, तुम पहुंचाओ,इतने में उनके साथ खड़े साथी ने मेरा सामान ले लिया और केबिन में रख दिया।

जब ब्रेकफास्ट देने वो प्यारी सी एयर होस्टेस आईं, तो पूछा,आप क्या लेंगी, मैंने कहा,चाय,

उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,अभी आप ये जूस ले लीजिए, मैं थोड़ी देर में आपके लिए चाय लाती हूं,

सच में वो मेरे लिए एक कप बढ़िया दूध की चाय बना कर लाईं,

जब फ्लाइट से पेरिस एयरपोर्ट के लिए बाहर निकलना हुआ तो मैंने एक सहयात्री से अपना केबिन बैग उतरवाया और गेट पर आई, मैंने वहां सबका अभिवादन करते विदा करते हुए सज्जन से कहा,सर, मुझे व्हील चेयर चाहिए। उन्होंने कहा, आपको कुछ दूर जाना पड़ेगा, यहां व्हील चेयर नहीं आ सकती है, मैंने कहा, मैं उतनी दूर नहीं जा सकती हूं, मेरे पैर की सर्जरी हुई है, और साथ में ये सामान भी, उन्होंने कहा, तो क्यों ले कर आईं इतना बैग। मैंने उन्हें आश्चर्य से देखा, मैं घबरा गई, इतनी दूर इतना सामान, मैं कैसे करूंगी, सभी यात्री जा चुके थे, किसी की सहायता भी नहीं ले सकती थी। मैंने फिर अनुरोध किया, पर उन्होंने कहा, नहीं आपको जाना ही होगा,इतने में पीछे से आवाज़ आई, नहीं, वो हरगिज़ नहीं जाएंगी, मैं अपनी प्यारी एयर होस्टेस को देखकर खुश हो गई,




उन्होंने गेट के बाहर खड़ी सहायिका से फ़्रेंच में कुछ कहा, उन्होंने मेरी तरफ देखा और ओके कहा, फोन किया और पांच मिनट में ही व्हील चेयर आ गई, जो भाई साहब पहले मना कर रहे थे, वो ही मेरा सामान व्हील चेयर पर लगाने लगे और मेरी सहायता करने लगे, शायद वो उनकी सीनियर होंगी,

मैंने एयर होस्टेस का हार्दिक धन्यवाद किया, और कहा आप बेहद खूबसूरत और नेक दिल हैं,

आपने मेरी बहुत ही मदद की, मैं आपको कभी नहीं भूलूंगी। मैंने कहा,आपके साथ क्या मैं एक सेल्फी ले सकती हूं, उन्होंने प्यारी सी मुस्कान बिखेरते हुए कहा, मैं अभी यूनिफॉर्म में हूं , इसमें अनुमति नहीं है, वरना मैं जरूर दे देती। मैंने कहा, कोई बात नहीं, मेरे दिल में आपकी तस्वीर हमेशा मौजूद रहेगी, उनको तहेदिल से शुक्रिया अदा किया और मैं बाहर आ गई।

सच में, कभी कभी कुछ अनजान रिश्ते हमें ऐसे बंधन में बांध लेते हैं, जो ताजिंदगी हमारी मधुर यादों में बस जाते हैं,

“एक अटूट रिश्ता, जिनसे बन गया कभी ना भूलने वाला प्यारा सा नाता,,

सुषमा यादव, प्रतापगढ़ उ प्र

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित

#एक_रिश्ता

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