short story with moral : रवि को रविवार लाना मुश्किल हो गया। उसने सिमर का फ़ैसला सुनना था।यह उसकी भी ज़िंदगी का फ़ैसला था । उसको लग रहा था कि सिमर उसके साथ घर से भागकर शादी कर लेगी। यही सबसे बढ़िया फैसला होगा। रवि सोच रहा था अगर मां मुझे जमीन नहीं देगी तो न सही। हम नौकरी में ही खुश रहेंगे । सिमर भी तो नौकरी कर सकती है ।रवि इस तरह अपने बारे में सोच रहा था । उसने किराए पर लेने के लिए एक दो कमरों वाला घर देख लिया था। पहले वो एक ही कमरे में रहता था।
उसने एक हफ्ते की छुट्टी भी ले ली थी वह सोच रहा था शादी के बाद सिमर को लेकर कहीं घूमने जाएगे । रविवार भी आ गया रवि मिलने के टाइम से आधा घंटा पहले वहां पहुंच गया था । वह सिमर का इंतजार करने लगा । सिमर भी आ गई वह बहुत खुश नजर आ रही थी । उसके चेहरे पर कोई चिन्ता नजर नहीं आ रहे थी। दूसरी ओर रवि का चेहरा उतरा हुआ था । व सिमर का फ़ैसला जानना चाहता था। सिमर ने कहा मुझे तुम्हारीे ये दोनों बातें ही पसन्द नहीं।क्यूंकि घर से भागकर शादी कराने से और इकट्ठे सुसाइड करने से घरवालों की बहुत बदनामी होगी । मैं अपने पिता की पगड़ी को दाग नहीं लगाना चाहती।
“और कोई रास्ता नहीं है सिमर हमारे पास”
“एक रास्ता है रवि”
” वह कौन सा रास्ता है”
“तुम अपनी मां की पसंद की लड़की से शादी कर लो।और जो मेरे भाई ने मेरे लिए लड़का देखा है मैं उससे शादी कर लेती हूं”
“नई सिमर ये कैसे हो सकता है।हम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं।एक दूसरे से अलग होकर हम नहीं रह सकेंगे” रवि गिड़गिड़ाया।
मगर सिमर ने उसे अपने भाई और बाप की इज्जत का हवाला दिया। इससे उनकी बहुत बदनामी हो जाएगी। तेरी और तेरे परिवार की भी बहुत बदनामी होगी । तेरी बहन का रिश्ता भी टूट सकता है। और सबसे बड़ी बात उस लड़की के बारे में सोच जिसके पिता कि अभी अभी मौत हुई है।अगर उसका रिश्ता टूट जाएगा तो उसके मन पर क्या बीतेगी। बाप की मौत के बाद कुंवारी लड़की के मन पर क्या बीतती है ये मुझसे ज़्यादा कोई नहीं जान सकता। सिमर ने रवि को समझाया और उसने घर से भागकर शादी करवाने से मना कर दिया। रवि काफी परेशान हो गया। वह तो सोचकर आया था कि सिमर उसके साथ शादी करेगी। पर सिमर की ना ने उसको उदास कर दिया। सिमर ने रवि से कहा
“मैं एक और बात करना चाहती हूं ।”
रवि कहता “बोलो”
सिमर ने रवि का हाथ पकड़ लिया ।ये पहली बार था जब सिमर ने रवि का हाथ पकड़ा था। हाथ पकड़ कर उसने कहा “मेरे सिर पर हाथ रखकर कसम खाओ के आज के बाद तुम मुझे कभी नहीं मिलोगे”।
“नहीं ये नहीं हो सकता ” रवि ने रोते हुए कहा।
“अगर तुम मुझे मिले तो मेरी मरी का मुंह देखोगे” ।रवि सिर्फ रो ही रहा था उससे कुछ बोला नहीं जा रहा था। सिमर का भी यही हाल था ।वो काफी देर तक एक दूसरे का हाथ पकड़ कर बैठे रहे। फिर अचानक सिमर ने अपना हाथ छुड़वाया और उठ कर खड़ी हो गई।
“अच्छा अब मैं चलती हूं ।अगर कोई गलती हुई हो तो माफ करना दोस्त” इतना कहकर वो तेज़ क़दमों से चली गई । रवि उसे जाते हुए देखता रहा सिमर ने पलटकर नहीं देखा। वे काफी समय वहीं बैठा रहा। रवि कब वहां से उठा कब बस में बैठकर गाव आया उसे कुछ भी याद नहीं था। वे धीरे धीरे चलता घर पहुंच गया ।उसने किसी के साथ कोई ख़ास बात नहीं की । मां ने एक बार पूछा आ गया उसने हां में सिर हिलाया और ऊपर वाले कमरे में चला गया। वे सारी रात यही सोचता रहा के सिमर ने जो फैसला किया वह ठीक है या गलत ।
पर वे किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सका।सुबह भी वो काफी परेशान था । वह खेत चला गया ।आज उसका यहां भी दिल नहीं लग रहा था। पहले जब वो खेत आता था तो वह पौधों से बातें करता था।आज उसे ये लग रहा था कि ये पौधे भी उसका मजाक उड़ा रहे है ।वह बहुत दूर निकल गया जब वह घर वापस आया तो शाम हो चुकी थी। वह सीधा ऊपर वाले कमरे में चला गया नौकर उसे ऊपर ही खाना दे गया। उसका खाने का मन नहीं था ।उसने खाना नहीं खाया ।अब भी वह वही बात सोच रहा था ।वह सोच रहा था कि प्यार हम दोनों ने किया है फिर अकेली सिमर कैसे फैसला ले सकती है ।
अगले पल उसे फिर सिमर की बातें याद आ जातीे उसे लगता है कि वो सही कह रही थी। काफी सोच विचार के बाद रवि ने फैसला किया के वे कल सुबह सिमर के घरवालों के पास जाएगा। उनको वो सारी बात बता देगा । उनकी इजाजत से ही सिमर से शादी करेगा। उसके अपने घर वाले नहीं मानेंगे तो न सही। इससे सिमर की बदनामी नहीं होगी । वह सुबह उठते ही शहर आ गया।
सबसे पहले वो अपने उस रिश्तेदार के घर गया जिसके साथ व ठेकेदारी करता था। उसकी कुछ पेमेंट रह रही थी। रिश्तेदार ने उसको बताया कि उसकी एक बिल की पेमेंट हो गई और उसने दस दस हजार की दो गुटियाँ रवि को पकड़ा दी । उसने पैसे जेब में डाले और सिमर के घर की ओर चल पड़ा।वह सोच रहा था कि वह सिमर के भाई और उसकी मां को मनाकर आज ही सिमर से शादी कर लेगा ।फिर वो आज ही अपनी नौकरी वाली जगह पर चले जाएंगे ।वह जल्दी से सिमर के घर के पास पहुंच गया ।सिमर का घर दूसरी गली में था।
सिमर के घर के बाहर चटाई बिछाकर कुछ लोग सड़क पर बैठे थे ।यहां किसी की मौत हो गई थी। उसने सोचा के सिमर की मां यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उसकी मौत हो गई। फिर उसे ख्याल आया के सिमर के भाई को तो कुछ नहीं हो गया। व एकदम घबरा गया। वो धीरे धीरे चलता आगे एक दुकान पर पहुंच गया।
“यहां गली में क्या हो गया” उसने दुकानदार से पूछा ।
“इनकी एक जवान बेटी थी जी बहुत अच्छी लड़की थी स्कूल में पढ़ाती थी उसकी मौत हो गई”
“पर कैसे”रवी का बोल नहीं निकल रहा था ।
“पता नहीं जी कल रात आइसक्रीम लेकर आई थी। वहीं खाई थी फिर रात को तबियत ख़राब होगी। और सुबह तक मौत हो गई”
“कल उसका अंतिम संस्कार था”। रवि जैसे पत्थर हो गया वह धीरे धीरे चलता बस स्टैंड पहुंच गया वहां से बस लेकर वो अपने गांव आ गया । घर में आते ही सामने उसकी मां बैठी थी। मां को देख कर रवि की चीख निकल गई ।
“मां वो मर गई मुझे छोड़कर चली गई वो”
“कौन मर गई”
“मां सिमर” इतना कहते ही वो मां की गोदी में गिर गया । जब तक मां कुछ समझ पाती तब तक रवि की भी मौत हो चुकी थी ।वो मां की गोद में पड़ा था उसके हाथ में वही पैसों की दो घुटियाँ थी ।जैसे वे अपनी मां को कह रहा हो “मां तूने मुझे जन्म दिया और पाल पोसकर बड़ा किया ।वह शरीर अब तेरी गोदी में पड़ा है और पैसे भी ।पर मेरी रूह पर जिसका हक था वो ले गई”
————– समाप्त ——————
– लखविंदर सिंह संधू
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bakai bahut acchi story thi heart touching and emotional
Bhut hi heart touching aur emotional🥺 story thi…. Rula diya isne 😭😭😭😭😭😭😭😭….
Baki story achhi thi pr akhir me Ayse kon marta hai matlb jese chlte chete Mr gya ho aakhri bhag logo ko pyaar safar na hone pr AK din me Mr jane ka sandesh de rhi hai itni achhi life ko chhor dene ka sandesh de rhi hai