रिक्त स्थान (भाग 4) – गरिमा जैन

हेलो रूपा तू मेरे साथ कोचिंग देखने के लिए चलेगी आज।  “हां रेखा चलना तो है लेकिन सुना है कोचिंग के रेट थोड़े हाई हैं। कैट की कोचिंग हर जगह ही महंगी है। यहां पर चार इंस्टॉलमेंट में पैसे देने होंगे। हर एक इंस्टॉलमेंट तीस हजार की होगी और इससे अच्छी कोचिंग भी है।”

अरे यार रूपा यह तो बहुत ज्यादा फीस हो जाएगी ।पापा पर कितना बोझ पड़ेगा। इस साल अमित को भी कोचिंग करनी है ।चल देखते हैं क्या हो सकता है।  अरे सुन ना जाने क्यों स्मृति फोन कर रही है। इसका कॉल वेटिंग आ रहा है। ऐसे तो यह कभी फोन नहीं करती है । रेखा कॉल मर्ज करती है। उधर से सुरभि की आवाज आती है।

” तेरी फोटो वायरल हो गई है  ।तू मिस ब्यूटीफुल स्माइल चुनी गई है। कांग्रेचुलेशन ।पार्टी देनी होगी  हम सब दोस्तों को । रेखा भौंचक्की रह जाती है ।”क्या बोल रही है सुरभि मैं कुछ नहीं समझी “

“लो इनको तो कुछ पता ही नहीं ,सारा शहर जानता है और बिचारी रेखा को कुछ नहीं पता ।”सच बोल सुरभि क्या कहना चाह रही है ?मेरी क्या  चीज वायरल हो गई है?

” अरे रेखा तूने ब्यूटी पेजेंट में भाग लिया था ,तो तेरी एक तस्वीर है जहां तू ने एक छोटे बच्चे को गोद में लिया हुआ है और तुम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे हो। सब ने वह तस्वीर इतनी पसंद की है कि उसके नीचे ढेरों कमेंट आ रहे हैं ।

“क्या कह रही है सुरभि !ढेरों कमेंट आ रहे हैं !लेकिन मैंने तो कोई ऐसी तस्वीर अपलोड नहीं की !

अरे रेखा तूने नहीं की तो क्या हुआ ?किसी ने करी होगी । किसी ने तेरी तस्वीर खींची होगी ।तू सच में बहुत सुंदर लग रही है। तू तो छुपी रुस्तम निकली। पार्टी के इंतजार में है। पार्टी लेंगे,।

“अरे सुरभि  ठीक है, सब कुछ ठीक से पता तो करने दे ।सुरभि फोन रख देती है और रेखा देखती है कि उसको एक मेल आई है । अरे रूपा तूने सुना सुरभि क्या कह रही थी ? सुन एक मेल आई है ।




रेखा तू फोन रख मैं तेरे घर आ रही हूं। जल्दी से रेखा मेल खोलती है। मेल ” मेडिसन कम्युनिकेशन “नाम की कंपनी से आया होता है  । उसमें लिखा होता है कि वह रेखा के साथ एक अनुबंध यानी कॉन्ट्रैक्ट करना चाहते हैं जिसके तहत रेखा को उनके साथ चार प्रोजेक्ट्स में काम करना होगा। अगर रेखा इसमें इंटरेस्टेड है तो वह उनसे कांटेक्ट कर सकती है ।वहां पर कंपनी का एड्रेस भी लिखा था और साथ में वहां के क्रिएटिव हेड का नाम कोई ” मिस्टर चौहान” थे। साथ ही लिखा था हम आपको स्टार्टिंग के बीस लाख  साल के  देंगे लेकिन इसके तहत कई शर्ते होंगी जिसके लिए आपको कंपनी में आकर मिलना होगा। रेखा जब उस  रकम के बारे में सुनती है तो उसके होश उड़ जाते हैं । उसको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था ।वह भागी भागी बाहर मम्मी और पापा के पास जाती है ।तब तक रूपा भी वहां चुकी थी ।वह सब को खुशखबरी सुनाती है। तभी कॉल बेल  बजती है । इतनी सुबह कौन आया होगा? रेखा जल्दी से दरवाजा खोलती है और देखती है चेहरे पर मुस्कुराहट और हाथों में सफेद रंग के रजनीगंधा के महकते फूल लिए जितेंद्र आए है ।हल्की गुलाबी शर्ट पर शोख मैरून कोट उनपर खूब फब रहा था। गालों पर डिंपल और हल्के गीले घुंघराले बाल ,रेखा का चेहरा फूलों की तरह खिल जाता है। सच आज का दिन बहुत खूबसूरत था वह जैसे कोई सेलिब्रिटी बन गई थी। तभी पीछे से जानू की  आवाज आती है ।आया उसे गोद में लिए हुई थी। जानू जोरों से आकर रेखा से लिपट जाता है जैसे वह हमेशा करता था। रेखा उसे कस के चिपका लेती है। जितेंद्र को अंदर आने को कहती है जितेन अंदर आते हैं ।वह बहुत खुश हैं। व रेखा से कहते हैं मुबारक हो आपकी तस्वीर तो बहुत ज्यादा पसंद की जा रही है। मुझे पूरा यकीन है जल्दी कोई कंपनी आपको एप्रोच करेगी ।आपका फ्यूचर ब्राइट हो सकता है ।अगर आप पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहती हैं और मॉडलिंग नहीं करना चाहती तो इसे हॉबी की तरह करे। इसके लिए कंपनी  अच्छी खासी रकम भी देगी जो शायद आपको अपना करियर बनाने में बहुत काम आएगी । जी जितेंद्र आप सही कह रहे हैं अभी  मेडिसिन कम्युनिकेशन नाम की कंपनी ने मुझे अप्रोच किया है । बीस लाख रुपए साल का ऑफर दे रहे हैं ।

“अरे रेखा यह तो बहुत अच्छी ऑफर है ।जिस तरह से अभी आप इस फील्ड में नई है ऐसे ऑफर कम मिलते है और मेडिसन कंपनी में मेरे कई दोस्त है ।अगर आपको कोई भी जरूरत होगी तो आप मुझसे कहिएगा।  घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत ही अच्छा स्टाफ है वहां का ।

रेखा थोड़ा तो घबरा रही थी वह कभी भी इतनी बड़ी कंपनी में नहीं गई थी लेकिन उसे जाना था अगले दिन ठीक 11:00 बजे उसे कंपनी के ऑफिस पहुंच जाना था ।वह जितेंद्र को देखती है तो देखती ही चली जाती है। ना जाने जितेंद्र को देखते ही रेखा को क्या हो जाता था ।वह  शायद किसी और दुनिया में पहुंच जाती थी ।वह खुद को जितना भी रोकना चाहती पर खुद को रोक नहीं पाती थी ।तभी रूपा उसे धीरे से चाकोटी काटती है और कहती होश में आ जा रेखा।




रेखा को अचानक फिर से सब की बातें सुनाई देने लगती हैं। वह  दिवास्वप्न से जाग जाती है ।जानू उसेसे अभी भी लिपटा हुआ था और  बार-बार उसकी तरफ देखता और उसे मम्मा कहकर पुकारता ।रेखा बहुत खुश थी ।

मम्मी ने चाय और बहुत अच्छा सा नाश्ता बना दिया था। जितेंद्र सबके साथ बैठे नाश्ता कर रहे थे ।रेखा यह सब देखकर बहुत खुश हो रही थी। उसे ना जाने क्यों यह सपना जैसा लगता है । जितेंद्र ऐसे ही उससे मिलने आते, उसके परिवार के संग हंसते बोलते नाश्ता करते और यह सपना कभी टूटता नहीं जैसे यह दिन बहुत लंबा हो जाता और उम्र भर चलता रहता ।सब हंसते रहते और ऐसे हंसी मजाक में जिंदगी बीत जाती और जानू उससे ऐसे ही लिपटा रहता। रेखा वास्तविकता में आती है और उसे अगले दिन की चिंता होने लगती है ।वह सब कुछ अकेले कैसे मैनेज करेगी ।तभी जितेंद्र कहते हैं रेखा कल ठीक 10:00 बजे तैयार रहना मेडिसन में काम करने वाले स्टाफ समय के बहुत पाबंद हैं। मैं अच्छे से जानता हूं ।मैं तुम्हें ड्रॉप  कर दूंगा  अगर लेट हो जाओगी तो पहला इंप्रेशन ही खराब हो जाएगा।

कहते हुए जैसे सफेद घोड़े पर बैठे कोई राजकुमार जाता हो  वैसे ही जितेंद्र चला जाता है । रजनीगंधा के महकते फूल रेखा के कमरे में, उसके जीवन में, जितेंद्र की सुगंध भर जाते हैं..

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रिक्त स्थान (भाग 5) – गरिमा जैन

रिक्त स्थान (भाग – 3) – गरिमा जैन

गरिमा जैन

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