आखिरी फैसला – उषा शिशिर भेरूंदा : Moral Stories in Hindi

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आज मोबाइल में फ्रेंड रिक्वेस्ट में माधवी भाभी को दिखा, रेखा बड़ी खुश हुई। मोबाइल को धन्यवाद देते माधवी भाभी रिक्वेस्ट कबुल की। और मन दोपहर को फोन लगाने का बनाया। भोजन बनाते-बनाते रमा मायके की गलियों में पहुंच गई।  पड़ोस में रहने वाले सुभाष भैया की नई नवेली दुल्हन बनकर माधवी भाभी आई थी। … Read more

बेटी की खुशी***एक पिता की नजर से – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

New Project 35

रोहन और मिताली एक मल्टीनेशनल कंपनी में बैंगलोर में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। दोनों तीन साल से एक ही जगह काम कर रहे थे सो आपस में मित्रता थी किन्तु यह मित्रता कब प्यार में बदल गई  वे स्वयं भी इससे अनजान थे। दोनों एक-दूसरे को चाहने लगे और बात शादी तक जा … Read more

बहू से बेटी और बेटी से बहू तक का सफर – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

New Project 40

नहीं बहू नहीं जाएगी और यही मेरा आखिरी फैसला है, मुझे और कोई बहस नहीं करनी। जानकी जी ने चिल्लाते हुए कहा  निशांत:  फिर ठीक है, अब जब आपने फैसला कर ही लिया है फिर तो कोई आगे बात करने का कोई मतलब ही नहीं। सोनम तुमने सुन लिया ना? अब मेरे कान के सामने … Read more

आखिरी फैसला – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

New Project 44

अपनी आंखों में आंसू भरकर नंदिनी अपने बिस्तर पर बैठी हुई थी…संज्ञा शून्य सी!! ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर के सारे रक्त सूख गए हैं ।उसका दिमाग भन्ना रहा था । कई बातें उसके दिमाग और मानस पटल पर दौड़ रही थीं । “क्या करूं मैं ?अपने माता-पिता को क्या जवाब दूंगी मैं?” … Read more

बेदखल – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

New Project 60

पंकज सात भाईयों के बीच में सबसे छोटा बेटा था।पढ़ाई में मन लगता नहीं था,तो एक दुकान में जाकर काम करने लगे थे।कोठी बड़ी थी।सभी भाईयों के कमरे अलग-अलग थे।पंकज सारा दिन भटकता रहता था।खाना मांगने पर खुद की मां कुमाता बनकर कहती”कब तक मूंग दलेगा हमारी छाती में?इन सारे बच्चों के पिता कमाते हैं, … Read more

आखिरी फैसला – एकता बिश्नोई : Moral Stories in Hindi

New Project 59

“अगर जाना है तो तू कहीं चला जा…नेहा कहीं नहीं जाएगी”…। “मगर माँ…..मैं कहांँ जाऊँगा…. ये मेरा घर है” ..। “तो नेहा भी क्यों कहीं जाएगी..बहू है वह इस घर की..ये घर उसका भी है”…। “मगर मैं इसके साथ नहीं रह सकता”… । “इसीलिए तो कह रही हूँ तू कहीं और अपना ठिकाना देख ले…. … Read more

उड़ान – श्वेता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

New Project 57

मुंबई की ऊॅंची चमकदार बिल्डिंग में रहने वाली नीलिमा की जिंदगी बाहर से एकदम परफेक्ट लगती थी। एक बड़े बिजनेस टाइकून की वाइफ, दो प्यारे-प्यारे बच्चे और लग्जरी लाइफ। लेकिन, अंदर ही अंदर वह अपने अधूरे पड़े सपनों की कसक लेकर जी रही थी। नीलिमा एक बेहतरीन फैशन डिजाइनर थी। शादी से पहले उसने कई … Read more

आखिरी फैसला – अपर्णा गर्ग : Moral Stories in Hindi

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अरी करमजली कहां रह गई, सूरज सिर पर चढ़ने को तैयार बैठा हैं, और तूने मुझे अभी तक चाय नहीं दी। तेरा बस चले तो मुझे भूखा ही मार दे। अभी सात भी नहीं बजे और तुम्हारी मां ने रोज की तरह चिल्लाना शुरू कर दिया। मैं भी क्या क्या करूं…सुबह पहले पानी गरम करो, … Read more

वक्त – चम्पा कोठारी : Moral Stories in Hindi

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लगभग 30 वर्ष पुरानी सच्ची घटना है। विमला जी दीवाली की तैयारी में व्यस्त थी। ठीक दीवाली का दिन था। उनके पति किशोर जी एव्ं दोनों बेटे अनुपम , आशीष  और बेटी आराधना उनके काम में हाथ बँटा रहे थे। अंदर पकवान की तैयारी चल रही थी। बाहर  बेटी आराधना के द्वारा  रंगोली सजाई जा … Read more

अभागिन – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

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   बस…. मां… बस…..अब एक शब्द भी मत बोलना ….नहीं सुन सकूंगी अब ……और तू चिंता मत करना मां ….. ये बड़ा अटैची देखकर ये मत सोच लेना कि अब मैं यही रहूंगी…. कुछ दिनों के लिए आई  हूं मां ….हां कुछ दिनों के लिए  ही आई हूं… कहते कहते आंचल का गला भर आया…! अरे … Read more

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