ये मेरा अधिकार है – मंजू ओमर 

बहू , बेटा हर्षिता सुबह-सुबह की सैर करके आ गया हूं।आज कुछ ज्यादा ही दूर चला गया था, बहुत थक गया हूं , मुझे एक कप चाय और नाश्ता दे  दो बेटा। बहुत जोर की भूख भी लग रही है। सन्तोष जी के आवाज़ देने पर भी कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने दोबारा आवाज … Read more

इज्जत – खुशी

इज्जत एक बहुत बड़ा शब्द है अमीर की हो तो लाखों की गरीब की हो तो दो कौड़ी की।सारंग राजस्थान के राजपुताना खानदान का चश्मों चिराग जो लाडो में पला।जिसके मुंह से बात निकली कि पूरी घर में मां बाप 2 भाई भाभी,बुआ दादा दादी ऐसा परिवार ।दादा सूरजमल का मार्बल का कारखाना था जो … Read more

आजादी की चाह या बड़ो की सीख !! – स्वाती जैंन

इस घर में मुझे कभी शांती मिलेगी या नहीं , रोज रोज तुम सास- बहु का क्लेश सुनकर कान गर्म हो गए हैं मेरे , मानव अपना ऑफिस का बैग पटकते हुए बोला , ऑफिस से थककर घर आता हुं और यहां तुम दोनों की किचकिच सुनने को मिलती हैं ! मानव के पिता राजेश … Read more

इज्जतदार – सुनीता माथुर  

विश्वनाथ राजस्थान में माने हुए व्यापारी थे कपड़ों की कई दुकानें थीं। और बहुत प्रसिद्ध थीं वह ठाकुर खानदान के इकलौते बारिस थे और बहुत बड़े “इज्जतदार” घराने के थे। विश्वनाथ को बस एक ही दुख था—– कि उनके कोई औलाद नहीं थी पर वह—– अपनी पत्नी प्रेरणा को बहुत चाहते थे समय बीतता जा … Read more

अनोखा बंधन – पूजा अरोड़ा

बारात बड़ी धूमधाम से निकली थी, सब लोग बहुत मस्ती कर रहे थे, घोड़ी पर बैठा वेद बहुत खुश था, खुश होता भी क्यूँ ना आखिर एक लंबी लड़ाई जीतकर तो इस खुशी को प्राप्त करने में सफल हुआ था | सबसे अधिक खुशी उसे अपनी दादी को देखकर हो रही थी जो धीमी गति … Read more

बेटी का ससुराल – शुभ्रा बैनर्जी

मधु की छोटी ननद की शादी तय हो गई थी।सभी रिश्तेदारों के पास जा-जाकर कार्ड देने शुरू हो चुके थे।घर के बड़े पिता-बड़े फूफा,मामा, चाचा,के घर-घर जाकर कार्ड मधु ही गई थी,पति सुनील के साथ।सारे रिश्तेदार आस-पास ही थे।शादी की तैयारियां भी शुरू कर दी गईं थीं। मधु ने सास(उर्मिला जी)से पूछा”मां,मेरी मां को कार्ड … Read more

संस्कारित घर की बेटी – लतिका पल्लवी

माँ जी आप ठीक तो है? कहते हुए सास की चिल्लाने की आवाज को सुनकर बहू समीरा रसोई से दौड़ते हुए अपने सास के कमरे मे आई और आकर देखा कि सास पलंग के नीचे गिरी हुई है।उसने मदद देकर उन्हें उठाने की कोशिश की पर वे बेहोश थी इसलिए समीरा उन्हें उठा नहीं पाई। … Read more

इज़्ज़तदार घराना – सेल्वीन गोहेल

समीर महेरा कम सालों में करोड़ों की संपति के मालिक बन गए थे। वह शहर के इक सब से बड़े इज़्ज़तदार घराने से ताल्लुकात रखते हैं। वह घराना जो प्राण प्रतिष्ठा, अनुशासन, न्याय और वचनो का पालन करने के लिए जाना जाता हैं। अपनी ऑफिस में काम में व्यस्त थे की, रिसेप्शनिस्ट का फ़ोन आया। … Read more

इज्जतदार – बीना शुक्ला अवस्थी

राजेन्द्र जी घर के बरामदे में बैठे अखबार पढ रहे थे। मातंगी अपने स्कूल गई थी। अचानक उन्होंने देखा कि बाहर का गेट खोलकर बेटा समर्थ और बेटी सुचित्रा अन्दर आ रहे हैं। राजेन्द्र खुश हो गये – ” अरे…. आओ,…. आज एक साथ….. और बच्चे, बहू और दामाद कहॉ हैं? “ ” हॉ, पापा। … Read more

इज्जतदार – सीमा गुप्ता

“नवीन जी, बहुत-बहुत धन्यवाद। आपकी समय पर मदद से मेरा बेटा बिल्कुल ठीक हो गया… वरना हम तो घबरा ही गए थे।”  “मिसेज़ एंड मिस्टर नवीन, थैंक्यू सो मच फॉर योर कोऑपरेशन!” फंक्शन में आए पड़ोसी, नवीन और उसकी पत्नी नीरू की ओर मुस्कुराते हुए सिर हिलाकर आभार जता रहे थे। यह दृश्य जितना सहज … Read more

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