असमर्थ – खुशी

जीवन लाल के चार बेटे और एक बेटी थी ।उनकी पत्नी सावित्री और एक विधवा बहन आशा उन्ही के साथ रहती थी।जीवन लाल की कपड़े की मिल थी।जीवन लाल की बच्चों में जान बसती थी।मदन ,बसंत, रमेश और सुरेश और प्यारी सी बेटी चंदा ये उनका भरा पूरा परिवार था। बच्चों के मुंह से एक … Read more

आप बहू को चढ़ाए गहने कैसे उतरवा सकती हैं ?? – स्वाती जैंन

केतकी , तुम तो इन गहनों को मांजी से भी ज्यादा संभाल कर रख रही हो , थोड़े दिनों में मांजी यह गहने तुमसे वापस लेने वाली हैं जेठानी सुमन अपनी देवरानी केतकी से बोली !! केतकी हैरानी से बोली – यह क्या कह रही हो भाभी ?? मुझे शादी में चढ़ाए हुए गहने भला … Read more

याद – आराधना सेन

नीतू आज बेटी की शादी की तैयारी में जुटी हैं उसे आज मांजी को दवा देना याद न रहा ,मेहमानों से घर भरा हुआ हैं लेकिन किसी को मांजी के कमरे में जाने की कोई इच्छा ही नहीं हैं नन्दे भी सजने संवरने में लगी हैं.  नीतू जल्दी सास के कमरे में गई ,कमरे से … Read more

असमर्थ – विनीता सिंह

सुबह सूरज निकल रहा है, सूरज की किरणें चारों दिशाओं में फैल रही पक्षियों के चहकने की आवाज कानों आ रही तभी, आरती जी घर के मन्दिर में पूजा कर रही है, तभी पूजा की घंटी की आवाज सुनकर आरव सोकर उठ गया और तकिए का सहारा लेकर बैठ गया , तभी मां आई और … Read more

बहू बनी सहारा – सुनीता माथुर

मां जल्दी से तैयार हो जाओ आपको कार से मंदिर ले चलती हूं आज तो शरद पूर्णिमा है आपको मंदिर जाना अच्छा लगता है ना—– अंजू बोली हां—— साक्षी बहू  लेकिन तुम्हें समर्थ को होमवर्क भी करवाना है,—– वो यू.के.जी में आ गया है दिन भर काम करके भी तुम थक गई होगी और शाम … Read more

परवरिश – डॉ बीना कुण्डलिया

 आज सुबह से ही स्कूल में खुशी के कारण डौली के तो पांव ही जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। मन ही मन सोचती है, पंख होते तो दौड़कर घर पहुँच जाती। जल्दी जल्दी डौली ने स्कूल से घर आकर अपनी मम्मा को आवाज लगाई मम्मा, मम्माऽऽ मम्मा आप कहां है ? अरे मम्मा सुनो … Read more

बुढ़ापे का सहारा न बेटा न बेटी बल्कि बहू होती है । – करुणा मलिक 

आरती! बेटा मैं बाज़ार जा रहा हूँ , तुम सुबह पूछ रही थी ……… कुछ मँगवाना है क्या? हाँ पापा जी ! मम्मी जी की पीने वाली दवाई खत्म हो गई है। अभी डॉ० का पर्चा लाती हूँ । पापा जी! रात में खिचड़ी बना लूँ क्या? कल मिनी का पेपर है थोड़ा पढ़ा दूँगी … Read more

एक आंख ना भाना – हेमलता गुप्ता

तनु को समझ नहीं आ रहा था उसकी मामी उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है, 3 साल पहले तनु की मम्मी पापा की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी तब तनु 12वीं कक्षा में थी परीक्षा के बाद में तनु की मामी उसे अपने साथ ले आई तनु की मामी के दो … Read more

बुढ़ापे का सहारा ना बेटा ना बेटी बल्कि बहू होती है – डोली पाठक

क्या पिताजी आज फिर से बिस्तर गीला कर दिया आपने???  जूही ने अपने ससुर सुखदेव जी से जब ये सवाल किया तो वो शर्मिंदगी से नजरें चुराते हुए बोले- नहीं तो!!!  मैंने तो नहीं किया… मैं तो अभी-अभी बाथरूम से आ रहा हूं…  जूही पिताजी से बिना बहस किए   गीली बिस्तर हटाया साफ बिस्तर बिछा … Read more

बुढ़ापे की लाठी एक बहू ही होती है !! – स्वाती जैंन

नहीं नहीं कामिनी , तुम जितनी सीधी- सादी समझती हो उतनी सीधी नहीं हैं मेरी बहू , अरे बड़ी चंट हैं वह , अब जो घर में रहता हैं वहीं जानता हैं , हम तो सारे भेद जानते हैं उसके मगर अब अगल बगल वालो से क्या बातें करना वह भी अपने ही घर की … Read more

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